अमेरिका: व्हाइट हाउस के पास गोलीबारी, नेशनल गार्ड के दो जवान घायल, एक संदिग्ध गिरफ्तार
वॉशिंगटन डीसी में नेशनल गार्ड पर हुई गोलीबारी से हड़कंप मच गया है। FBI पूरे मामले की जांच कर रही है। एक संदिग्ध पकड़ा गया है। हमले के बाद राजधानी की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में बुधवार को अचानक मची हलचल ने सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट मोड पर ला दिया। व्हाइट हाउस से ज्यादा दूर नहीं, उसी इलाके में जहां कूटनीतिक दफ्तर और सरकारी संस्थान सघन सुरक्षा में रहते हैं, दो नेशनल गार्ड सदस्यों पर हमला कर दिया गया। कुछ ही मिनटों में पूरा इलाका सायरनों, और इमरजेंसी वाहनों से पट गया।
हमले से राजधानी में अफरा-तफरी
घटना के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो ने साफ कर दिया कि स्थिति कितनी गंभीर थी। फुटपाथ पर खून के छींटे और EMT की वह टीम जो दोनों सैनिकों को CPR दे रही थी। यह सब देखकर राजधानी के लोग दहशत में आ गए। स्थानीय लोगों के मुताबिक, कुछ ही सेकंड में गोलियों की आवाज ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया।
घायल गार्ड सदस्यों को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें गंभीर लेकिन स्थिर स्थिति में बताया है।
एक संदिग्ध गिरफ्तार
FBI निदेशक काश पटेल ने पुष्टि की कि एक संदिग्ध को गिरफ्तार गया है। उसकी पहचान 29 वर्षीय अफगान नागरिक रहमानुल्लाह के रूप में की गई है।
एजेंसियां जांच कर रही हैं कि:
क्या हमला जानबूझकर सैनिकों को निशाना बनाकर किया गया?
क्या इसके पीछे कोई राजनीतिक या आतंकी मकसद छिपा हुआ था?
अभी तक किसी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन जांच टीम दोनों पहलुओं, टारगेटेड अटैक और आतंकी एंगल को प्राथमिकता दे रही है।
मेयर का बयान: "यह टारगेटेड अटैक"
वॉशिंगटन डीसी की मेयर म्यूरियल बोसर ने घटना को बेहद चिंताजनक बताते हुए कहा कि शुरुआती संकेतों से यह "टारगेटेड अटैक" लगता है। उनके मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी पहले से ही राजनीतिक तनाव, सुरक्षा बहस और सैनिक तैनाती को लेकर संवेदनशील माहौल से गुजर रही है।
नेशनल गार्ड की तैनाती पहले से ही राजनीति के केंद्र में
यह हमला ऐसे समय हुआ है जब डीसी में नेशनल गार्ड की तैनाती को लेकर महीनों से माथापच्ची चल रही है।
अगस्त में 300 से ज्यादा सैनिक भेजे गए थे।
बाद में कई वापस बुलाए गए।
हाल ही में 160 सैनिकों की तैनाती और बढ़ाई गई।
इसी बीच ट्रंप प्रशासन ने डीसी पुलिस को संघीय नियंत्रण में लेने का आदेश दिया, जो कोर्ट में चुनौती का विषय बना। इस विवाद के बीच हुआ हमला सुरक्षा एजेंसियों के लिए गंभीर चेतावनी माना जा रहा है।
ट्रंप और ओबामा का बयान
घटना के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा, "जो भी हमारे सैनिकों पर हाथ उठाएगा, उसे इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।"
उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने कहा कि यह हमला हमें याद दिलाता है, "सैनिक इस देश की ढाल हैं।"
वहीं, पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने बेहद भावुक संदेश में कहा, "अमेरिका में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। मिशेल और मैं घायल सैनिकों और उनके परिवारों की मजबूती के लिए प्रार्थना करते हैं।"
राजधानी में बढ़ाई गई सुरक्षा
हमले के बाद व्हाइट हाउस के आसपास के इलाकों में सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है।
FBI, पुलिस, और एंटी-टेरर यूनिट संयुक्त रूप से:
घटनास्थल की फोरेंसिक जांच
संदिग्ध के डिजिटल रिकॉर्ड
उसकी पृष्ठभूमि
किसी विदेशी कनेक्शन
जैसी सभी संभावित कड़ियों को खंगाल रही हैं।
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