दुनिया की 5 बड़ी खबरें: इमरान ने फिर छेड़ा कश्मीर राग और कोरोना के बीच अमेरिका में आई नई मुसीबत!

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में चुनावी रैली करने पहुंचे पाक प्रधानमंत्री इमरान खान ने नए विकल्प की पेशकश की है और अमेरिकी हेल्थ ऑफिसर्स ने डलास क्षेत्र के दो अस्पतालों और वाशिंगटन डीसी के एक नर्सिंग होम में अनट्रिटेबल फंगस के मामलों की सूचना दी।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

अफगानिस्तान में रह रहे भारतीयों के लिए भारतीय दूतावास की एडवाइजरी

अफगानिस्तान में इन दिनों लोगों के दिलों में तालिबान की दहशत बैठी हुई है। तालिबान के आतंकियों ने इस देश के अधिकतर हिस्से पर कब्जा कर लिया है। ऐसे में हर देश को अफगानिस्तान में रह रहे अपने लोगों की चिंता है। शनिवार को अफगानिस्तान में भारतीय दूतावास ने अपने लोगों के लिए कुछ सुरक्षा परामर्श जारी किए। भारतीय दूतावास ने अपनी एडवाइजरी में कहा है कि अफगानिस्तान में इस वक्त हालात बहुत ज्यादा खराब हैं और सेफ्टी के लिहाज से स्थिति ठीक नहीं है। ऐसे में यहां रहने वाले भारतीय घरों से बाहर जाने में बहुत सतर्कता बरतें। इसके अलावा एडवाइजरी में कहा गया है कि लोग इस वक्त गैर जरूरी यात्रा से भी बचें। आपको बता दें कि अफगानिस्तान में पिछले कई दिनों से तालिबान का नरसंहार जारी है। देश के अधिकतर हिस्से पर कब्जा कर लेने के बाद अब तालिबान के आतंकियों का खूनी खेल चल रहा है। हालांकि अफगानिस्तान की सेना मोर्चे पर डटी हुई है। सेना और आतंकियों के बीच संघर्ष चल रहा है। अफगानिस्तान की सेना का दावा है कि उसने पिछले 24 घंटे के अंदर 36 आतंकियों को मार गिराया है।

कोरोना के बीच अमेरिका में आई नई मुसीबत!

कोरोना महामारी के साथ इन दिनों कई और नई बिमारियों ने दुनिया भर के लोगों को डरा के रखा है।अब अमेरिकी हेल्थ ऑफिसर्स ने डलास क्षेत्र के दो अस्पतालों और वाशिंगटन डीसी के एक नर्सिंग होम में अनट्रिटेबल फंगस के मामलों की सूचना दी।कैंडिडा ऑरिस, यीस्ट का एक खतरनाक रूप है और ये गभीर मेडिकल प्रॉब्लम वाले नर्सिंग होम और अस्पताल के मरीजों के लिए बड़ा खतरा है।दरअसल ये फंगस रक्तप्रवाह में संक्रमण का कारण बन सकता है।यहां तक कि इससे मौत भी हो सकती है।सीडीसी के मेघन रयान ने बताया कि वे पहली बार 'प्रतिरोध का समूह' देख रहे हैं, जिसमें मरीज एक दूसरे से संक्रमित हो रहे हैं।वाशिंगटन DC नर्सिंग होम में पाए गए 101 कैंडिडा ऑरिस मामलों के समूह में तीन मामले ऐसे थे, जिन पर सभी तीन प्रकार की एंटिफंगल दवाओं का असर नहीं हुआ।डलास क्षेत्र के दो अस्पतालों में 22 कैंडिडा ऑरिस मामलों का कल्सटर रिपोर्ट किया गया है।इनमें दो मामले मल्टीड्रग प्रतिरोधी मिले हैं, जिसके बाद सीडीसी ने निष्कर्ष निकाला है कि संक्रमण रोगी से रोगी में फैल रहा है।ये 2019 के विपरीत है जब वैज्ञानिकों ने निष्कर्ष निकाला था कि उपचार के दौरान न्यूयॉर्क में तीन रोगियों में दवाओं का प्रतिरोध बना था.

अफगानिस्तान का राष्ट्रपति होना धरती की सबसे खराब जॉब: अशरफ गनी

अमेरिका की इंटेलिजेंस रिपोर्ट के मुताबिक छह महीनों के भीतर डॉ। गनी की सरकार गिर सकती है। पूरे अफगानिस्तान पर तालिबानियों के कब्जे की आशंका है। गनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और महिला अधिकारों के पैरोकार हैं। हालांकि 2017 में उनकी एक टिप्पणी विवादित रही थी। इस पर उन्होंने महिलाओं से माफी भी मांगी थी। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति डॉ। अशरफ गनी अहमदजई ने अक्टूबर 2017 में बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि अफगानिस्तान का राष्ट्रपति होना इस धरती की सबसे खराब नौकरी है। डॉ। गनी ने जब यह बात कही, तब शायद उन्हें अंदाजा नहीं रहा होगा कि हालात और भी बदतर होने वाले हैं।

इमरान ने फिर छेड़ा कश्मीर राग, बोले- पाक के साथ आने या आजाद मुल्क रहने का फैसला खुद करेंगे कश्मीरी

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में चुनावी रैली करने पहुंचे पाक प्रधानमंत्री इमरान खान ने नए विकल्प की पेशकश की है। उन्होंने कहा कि कश्मीर के लोग ये फैसला ले सकेंगे कि वे पाकिस्तान में शामिल होना चाहते हैं या 'स्वतंत्र राज्य' बनना चाहते हैं। इस दौरान उन्होंने विपक्ष की तरफ से किए जा रहे कश्मीर को प्रांत बनाने की योजनाओं के दावे को भी खारिज किया है। हालांकि, भारत हमेशा से इस बात पर जोर देता रहा है कि जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा 'था, है और रहेगा।' 25 जुलाई को होने वाले चुनाव के मद्देनजर तरार खाल पहुंचे खान ने कश्मीर को पाकिस्तान का प्रांत बनाए जाने की बात से इनकार किया है। उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं पता ये बातें कहां से उठ रही हैं।' उन्होंने कहा कि एक दिन आएगा जब कश्मीरियों को संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के आधार पर अपना भविष्य तय करने की अनुमति मिलेगी। साथ ही उन्होंने भरोसा जताया कि उस दिन कश्मीर के लोग पाकिस्तान में शामिल होने का निर्णय लेंगे।

जी20 मंत्रियों के बीच वैश्विक तापमान लक्ष्य पर कोई समझौता नहीं

जी20 समूह के ऊर्जा और पर्यावरण मंत्रियों ने वैश्विक तापमान लक्ष्य से संबंधित एक विशिष्ट प्रतिबद्धता पर एक समझौते के बिना 58-लेख की अंतिम विज्ञप्ति के साथ दो दिवसीय बैठक समाप्त कर दी है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार नेपल्स के दक्षिणी शहर में शुक्रवार को आयोजित शिखर सम्मेलन के अंत में, इटली के पारिस्थितिक ट्राजीश्न मंत्री रॉबटरे सिंगोलानी ने कहा कि जी20 समूह, जो दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का प्रतिनिधित्व करता है, जलवायु परिवर्तन प्रतिबद्धता से संबंधित एक शब्द खोजने में असमर्थ था जो सभी को संतुष्ट कर सकता था। इसलिए, मंत्रियों द्वारा चर्चा की गई जलवायु, ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण से संबंधित 60 मुद्दों में से दो को विज्ञप्ति से बाहर रखा गया था और इस वर्ष के अंत में जी20 राष्ट्राध्यक्ष और सरकार शिखर सम्मेलन के लिए भेजा जाएगा। सिंगोलानी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बिंदु इस सदी के उत्तरार्ध में वैश्विक तापमान वृद्धि को '2 डिग्री सेल्सियस से नीचे' रखने के लिए पेरिस समझौते द्वारा निर्धारित प्रतिबद्धता से संबंधित है। जी20 के कुछ देश तापमान में वृद्धि के 1.5 डिग्री सेल्सियस के भीतर रहने के लिए और आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध होंगे, जो कि डीकाबोर्नाइजेशन प्रक्रिया को तेज करेगा।

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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