पाकिस्तान में जारी सियासी संकट से सेना ने खुद को किया अलग, कहा- जो हुआ, उससे पाक सेना का कोई लेना-देना नहीं
सेना की टिप्पणी राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के पीएम इमरान खान की सलाह पर नेशनल असेंबली भंग करने की मंजूरी देने के बाद आई है। इससे पहले नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम सूरी ने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह संविधान के खिलाफ है।
पाकिस्तान में पीएम इमरान खान द्वारा आज संसद में चले गए दांव के बाद देश में सियासी हंगामा जारी है। इस बीच पाक सेना ने खुद को इन घटनाओं से अलग कर लिया है। डीजी आईएसपीआर मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने कहा कि रविवार को जो हुआ, उससे पाकिस्तानी सेना का कोई लेना-देना नहीं है।
इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस के महानिदेशक (डीजी आईएसपीआर) मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने देश में राजनीतिक उठापटक होने के कुछ घंटों की अवधि के बाद जियो न्यूज को कहा कि रविवार को जो हुआ, उससे पाकिस्तानी सेना का कोई लेना-देना नहीं है। राजनीतिक घटनाक्रम में सेना की सहमति के संबंध में एक सवाल का जवाब देते हुए, डीजी आईएसपीआर ने किसी भी तरह की संलिप्तता से साफ इनकार किया।
डीजी आईएसपीआर की टिप्पणी राष्ट्रपति आरिफ अल्वी द्वारा प्रधानमंत्री इमरान खान की सलाह पर नेशनल असेंबली (एनए) को भंग करने की मंजूरी देने के बाद आई है। नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम सूरी ने प्रधानमंत्री के खिलाफ विपक्ष के बहुप्रतीक्षित अविश्वास प्रस्ताव को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह संविधान के अनुच्छेद 5 के विपरीत है।
पाक के पूर्व सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री फारुख हबीब ने पुष्टि की है कि अब 90 दिनों में चुनाव होंगे। वहीं अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने के बाद राष्ट्र के नाम एक संक्षिप्त संबोधन में, प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को बधाई दी और कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति को नेशनल असेंबली को भंग करने का प्रस्ताव भेजा था और राष्ट्र को अगले चुनावों की तैयारी करनी चाहिए।
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