Axiom-4 मिशन लॉन्च, अंतरिक्ष के रास्ते से शुभांशु शुक्ला बोले- मैं अकेला नहीं पूरा हिंदुस्तान मेरे साथ है
कई बार यात्रा टलने के बाद एक्सिओम-4 मिशन ने दोपहर 12 बजकर एक मिनट पर उड़ान भरी जिसका दुनियाभर के लोगों ने स्वागत किया। वहीं शुक्ला के शहर लखनऊ स्थित ‘सिटी मोंटेसरी स्कूल’ में उनके माता पिता इस ऐतिहासिक उड़ान के गवाह बने।

भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा के लिए रवाना हो गए हैं। चारों अंतरिक्ष यात्री एक्सिओम स्पेस द्वारा एक वाणिज्यिक मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर में ड्रैगन अंतरिक्ष यान में सवार हुए।
कई बार यात्रा टलने के बाद एक्सिओम-4 मिशन ने दोपहर 12 बजकर एक मिनट पर उड़ान भरी जिसका दुनियाभर के लोगों ने स्वागत किया। वहीं शुक्ला के शहर लखनऊ स्थित ‘सिटी मोंटेसरी स्कूल’ में उनके माता पिता इस ऐतिहासिक उड़ान के गवाह बने।
एक्सिओम 4 मिशन के पायलट, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने उड़ान भरने के बाद पहले मैसेज में कहा कि, "नमस्कार, मेरे प्यारे देशवासियों! क्या सफ़र है! हम 41 साल बाद एक बार फिर अंतरिक्ष में वापस आ गए हैं। यह एक अद्भुत सफ़र है। हम 7.5 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ़्तार से पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे हैं। मेरे कंधों पर उभरा हुआ तिरंगा मुझे बताता है कि मैं आप सभी के साथ हूँ। मेरी यह यात्रा अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की शुरुआत नहीं है, बल्कि भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत है। मैं चाहता हूँ कि आप सभी इस यात्रा का हिस्सा बनें। आपका सीना भी गर्व से चौड़ा होना चाहिए... आइये, हम सब मिलकर भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत करें। जय हिंद! जय भारत!
लखनऊ में जन्मे शुक्ला, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) की अंतरिक्ष यात्री पूर्व मिशन कमांडर पैगी व्हिटसन, हंगरी के अंतरिक्ष यात्री टिबोर कपू व पोलैंड के स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की एक्सिओम-4 मिशन का हिस्सा हैं।
शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा करने वाले पहले अंतरिक्ष यात्री बन गए। इससे 41 साल पहले भारत के राकेश शर्मा ने 1984 में तत्कालीन सोवियत संघ के सैल्यूट-7 अंतरिक्ष स्टेशन के तहत कक्षा में आठ दिनों तक प्रवास किया था।
राकेश शर्मा ने एक वीडियो संदेश में कहा कि भारत से अभिवादन। मजे करो दोस्तों। नासा ने एक बयान में कहा कि डॉकिंग का समय बृहस्पतिवार, 26 जून को भारतीय समयानुसार शाम लगभग साढ़े चार बजे निर्धारित है।
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