अफगानिस्तान में अफीम की खेती पर लगा प्रतिबंध, तालिबान के सर्वोच्च नेता ने जारी किया फरमान

इसके अलावा अफगानिस्तान में दवा निर्माण कारखानों सहित शराब, हेरोइन के टैबलेट, हशीश और अन्य सभी प्रकार के नशीले पदार्थों का उपयोग, परिवहन, व्यापार, निर्यात और जो आयात कर रहे हैं उनपर सख्ती से प्रतिबंध लगा दिया गया है।

फोटोः IANS
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नवजीवन डेस्क

तालिबान के नेता हैबतुल्लाह अखुंदजादा ने रविवार को जारी एक फरमान में अफगानिस्तान में अफीम पोस्त और अफीम के व्यापार पर प्रतिबंध लगा दिया है। बयान के अनुसार, अगर कोई आदेश का उल्लंघन करता है, तो फसल को तुरंत नष्ट कर दिया जाएगा और उल्लंघन करने वाले को दंडित किया जाएगा।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने तालिबान सरकार के हवाले से कहा, "अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात (आईईए) के सर्वोच्च नेता हैबतुल्लाह अखुंदजादा के फरमान के अनुसार, सभी अफगानों को सूचित किया जाता है कि अब से पूरे देश में अफीम की खेती पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दी गई है। आदेश का उल्लंघन करने वाले को दंडित किया जाएगा।"


इसके अलावा अफगानिस्तान में दवा निर्माण कारखानों सहित शराब, हेरोइन के टैबलेट (अक्सर अफगानिस्तान में बेची जाने वाली उत्तेजक प्रभाव वाली दवा), हशीश और आदि जैसे सभी प्रकार के नशीले पदार्थों का उपयोग, परिवहन, व्यापार, निर्यात और आयात कर रहे हैं उनपर सख्ती से प्रतिबंध लगा दिया गया है।

बयान के अनुसार, इस आदेश का प्रवर्तन अनिवार्य है। उल्लंघन करने वाले पर मुकदमा चलाया जाएगा और न्यायपालिका उसे दंड देगी। खास बात है कि दुनिया के अधिकांश अफीम पोस्त की खेती आतंकवाद प्रभावित एशियाई देश में की जाती है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 2020 में देश में करीब 6,300 टन अफीम का उत्पादन हुआ था।

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