कोरोना से लड़ाई में चीन की राह पर बांग्लादेश, महज तीन हफ्ते में खड़ा किया विशाल अस्पताल

कोरोना वायरस ने दुनिया भर में कमजोर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की ओर सबका ध्यान आकर्षित किया है। हजारों की संख्या में सामने आ रहे कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए बड़ी संख्या में अस्पतालों की जरूरत पड़ रही है। ऐसे में तेजी से अस्पतालों का निर्माण किया जा रहा है।

फोटोः सोशल मीडिया
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DW

चीन के वुहान में कोरोना के मरीजों के उपचार के लिए एक विशाल अस्थायी अस्पताल बनाया गया था। वुहान में दस दिन के भीतर 1,000 से अधिक बिस्तर वाला अस्पताल खड़ा कर लिया गया था। उसी तर्ज पर कोरोना वायरस के बढ़ रहे मामलों को देखते हुए बांग्लादेश में भी वहां की सरकार ने कोविड-19 से निपटने के लिए तीन हफ्ते के भीतर एक विशाल फील्ड अस्पताल तैयार कर लिया है। बांग्लादेश सरकार तेजी के साथ रोगियों के इलाज के इंतजामों में जुटी हुई है।

बांग्लादेश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ते हुए 18,000 के करीब पहुंच चुके हैं, जबकि 270 के करीब लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। हालांकि, कोरोना वायरस से निपटने के लिए सरकार ने देश में लॉकडाउन लगाया हुआ है। आलोचकों का कहना है कि बांग्लादेश में पीड़ितों के असली आंकड़े इससे कहीं अधिक हो सकते हैं, क्योंकि पर्याप्त संख्या में संदिग्धों की जांच नहीं हो रही है। बांग्लादेश में कुछ ही सरकारी अस्पताल में कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज चल रहा है और अधिकारियों को उम्मीद है कि 2,084 बिस्तर वाले फील्ड अस्पताल से देश के स्वास्थ्य ढांचे पर दबाव को कम करने में मदद मिलेगी।

इस अस्थायी अस्पताल के निदेशक एहसान उल हक के मुताबिक, “अगर हम जरूरी श्रमशक्ति का प्रबंधन कर सकते हैं, तो हम इस आइसोलेशन केंद्र में बेहतर सेवा दे पाएंगे।” इस अस्पातल को शुरू करने के पहले 4,000 से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों की जरूत है। कुल 2,084 बिस्तर वाले बसुंधरा कन्वेंशन सेंटर ग्रिड अस्पताल में तीन कन्वेंशन सेंटर है। बांग्लादेश में अब इस बात की चिंता है कि कहीं बड़े पैमाने पर संक्रमण न फैल जाए। हालांकि इस अस्पताल की क्षमता बढ़ाकर 5,000 तक हो सकती है, जो कि स्वास्थ्य विभाग के लिए लाभदायक होगा।

इस अस्पताल के प्रोजेक्ट पर काम करने वाले एक्जीक्यूटिव इंजीनियर मसूद उल आलम ने बताया कि अस्थायी विशाल अस्पताल बनाने की प्रेरणा चीनी शहर वुहान में कुछ दिनों के भीतर बने अस्पताल से मिली। आलम के मुताबिक 250 लोगों ने 24 घंटे काम कर 34 लाख डॉलर की लागत से इस अस्पताल को तैयार किया है।

भारत का हाल

भारत में कोरोना वायरस के मामले गुरुवार 14 मई तक 80 हजार के करीब पहुंच गए हैं। पिछले 24 घंटे के भीतर देश में 3,722 नए मामले सामने आए हैं। जबकि देश में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या भी ढाई हजार को पार करते हुए 2,549 पर पहुंच चुकी है। महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु और दिल्ली की हालत सबसे अधिक खराब है। हालांकि ठीक होने वालों की संख्या भी राहत देने वाली है। यह संख्या 26,235 के करीब है और पिछले 24 घंटे में 1,849 मरीज ठीक भी हुए हैं। देश में कोरोना मरीजों की संख्या को देखते हुए जिलों और शहरों में क्वारंटीन केंद्रों के अलावा अस्थायी अस्पताल भी बनाए जा रहे हैं।

भारत में कोरोना के कहर का केंद्र बने महाराष्ट्र में कोरोना मरीजों की बढ़ती तादाद को ध्यान में रखते हुए मुंबई में एक हजार बिस्तर वाला अस्पताल तैयार किया जा रहा है। बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स प्रदर्शनी मैदान में दिन-रात काम कर इस अस्थायी अस्पताल को तैयार करने का काम चल रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक यह अस्पताल शुक्रवार तक बनकर तैयार हो जाएगा। इस अस्पताल के निर्माण की जिम्मेदारी मुंबई मेट्रोपोलिटन रीजन डिवेलपमेंट अथॉरिटी को दी गई थी। अस्पताल तैयार होने के बाद यहां गैर नाजुक हालत वाले मरीजों का इलाज होगा।

इसी तरह से जर्मन कार निर्माता कंपनी मर्सिडीज बेंज ने भी पुणे में 1,500 बिस्तर वाले अस्पताल के निर्माण के लिए स्थानीय प्रशासन के साथ पिछले महीने हाथ मिलाया था। इस अस्थायी अस्पताल में कोरोना वायरस मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड के साथ-साथ इलाज की भी सुविधा होगी।

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