दुनिया की बड़ी खबरेंः रिकॉर्ड तोड़ महंगाई से बेहाल PAK करेगा जंग का ऐलान? कश्मीर पर संसद में उठी मांग

पाकिस्‍तान में प्रधानमंत्री इमरान खान से सांसद मांगकर रहे हैं कि अब उन्‍हें भारत के खिलाफ जंग यानी जेहाद छेड़ देना चाहिए। पाकिस्‍तानके एक सांसद ने जो संसद में उस तारीख तक की सलाह पीएम को दे दी है कि कब उन्‍हें भारत के खिलाफ युद्ध शुरू करना चाहिए

फोटो: सोशल मीडिया
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आईएएनएस

पाकिस्तान की संसद के निचले सदन नेशनल एसेंबली में 'कश्मीरियों के साथ एकजुटता' का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास हो गया लेकिन इस पर चर्चा के दौरान कश्मीर मुद्दे को 'हल' करने पर सत्ता पक्ष व विपक्ष में तीखे मतभेद देखने को मिले। कुछ सांसदों ने कश्मीर मुद्दे पर जेहाद की मांग करते हुए कहा कि यह मसला जंग से ही सुलझेगा। पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि मतभेद केवल सत्ता पक्ष और विपक्ष के तेवरों में ही नहीं दिखा, बल्कि सत्ता पक्ष के बीच का विवाद भी तब सामने आया जब मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने सीधे सीधे विदेश मंत्रालय और इसके मंत्री शाह महमूद कुरैशी को यह कहकर कठघरे में खड़ा किया कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने कश्मीर पर जितनी पहल की, उसमें उन्हें विदेश मंत्रालय की अपेक्षित मदद नहीं मिली। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय और कुछ अन्य सरकारी संस्थान ने कई ऐसे मौकों पर कदम नहीं उठाया, जब इन्हें उठाना चाहिए था।

प्रस्ताव पर बहस के दौरान, पक्ष व विपक्ष के सांसदों के बीच इसी बात की होड़ दिखी कि कौन कश्मीर पर कितनी 'सख्ती और मजबूती' से अपनी बात रख पा रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सांसदों का कहना था कि 'महज भाषणों व प्रस्तावों से कुछ नहीं होगा' और यह कि 'कुछ व्यावहारिक कदम उठाने होंगे।'

इन कदमों का स्पष्ट शब्दों में खुलासा जमीयते उलेमाए इस्लाम-फजल के सांसदों ने भारत के खिलाफ जेहाद छेड़ने की मांग कर किया। सांसद अब्दुल अकबर चितराली ने तो इसके लिए बकायदा एक तिथि भी सुझा दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान को औपचारिक रूप से दस फरवरी को भारत के खिलाफ जंग छेड़ने का ऐलान कर देना चाहिए। उनका कहना था कि महज इस एक ऐलान से अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में खलबली मच जाएगी और दुनिया इस मसले को हल करने के लिए दखल दे देगी।

चितराली के बाद कुछ अन्य सांसदों ने भी यही राय व्यक्त की कि 'परमाणु शक्ति संपन्न पाकिस्तान के पास बस यही एक विकल्प बचा है कि वह कश्मीर के लोगों को आजाद कराए और उपमहाद्वीप के बंटवारे के 'अधूरे एजेंडे' को पूरा करे।'

मौलाना चितराली ने जंग का सुझाव तब दिया जब कश्मीर मामलों के मंत्री अली अमीन गंडापुर ने अपने भाषण में आरोप लगाया कि जमीयते उलेमाए इस्लाम-फजल ने अक्टूबर महीने में इस्लामाबाद में लंबा धरना देकर कश्मीर की मुहिम को नुकसान पहुंचाया। इस पर चितराली ने कहा, "हम कब करेंगे जेहाद? जेहाद का ऐलान करो।"

गंडापुर ने कहा कि पूर्व की सरकारों ने कश्मीर मुद्दे को उपेक्षित किया लेकिन मौजूदा सरकार इसे फिर से अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर ले आई है। चर्चा के बाद नेशनल एसेंबली में 'कश्मीरियों के साथ एकजुटता' का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास हो गया और भारत से मांग की गई कि वह जम्मू-कश्मीर को खुद में मिलाने के फैसले को रद्द करे। प्रस्ताव में मांग की गई कि कश्मीर मुद्दे पर इस्लामी सहयोग संगठन (ओआईसी) की विशेष बैठक बुलाई जाए

पाकिस्तान में एक किलो चीनी की कीमत 85 रुपये

पाकिस्तान में मंहगाई की करारी मार अब चीनी पर पड़ी है। देश में एक किलो चीनी 85 रुपये (पाकिस्तानी) तक में मिल रही है। पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि तमाम चीजों के महंगे होने के बाद हाल के दिनों में आटे की कीमत आसमान पर पहुंची। अभी इस धक्के को लोग बर्दाश्त ही कर रहे थे कि रोजमर्रा के खाने की एक और आम चीज, चीनी भी आम लोगों की पहुंच से दूर हो गई। पूरे देश में चीनी के दाम पर काबू पाने के सरकार के तरफ से कोई प्रयास होते नहीं देखा गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि लाहौर में सामान्य क्वालिटी की चीनी खुदरा में 85 रुपये किलो में बिक रही है। यहां पचास किलो की बोरी कीमत चार हजार रुपये है। रिपोर्ट में कहा गया है कि महंगी चीनी की मार से कराची और देश के अन्य शहर भी समान रूप से पीड़ित हैं। देश में कहीं भी चीनी की कीमत 70 रुपये किलो से कम नहीं है। लोग सरकार से मांग कर रहे हैं कि वह तुरंत दखल देते हुए चीनी की कीमत पर काबू पाए।

रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तानी औसतन डेढ़ करोड़ किलो चीनी प्रतिदिन खाते हैं। और, इस हिसाब से अगर देखा जाए तो इस समय मुनाफाखोर प्रतिदिन 15 करोड़ रुपये से अधिक की अतिरिक्त कमाई कर रहे हैं।


मध्य-पूर्व शांति समझौते के बारे में यूएनएससी को बताएंगे कुशनर

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद गुरुवार को बंद कमरे में एक बैठक करने जा रही है, जिसमें व्हाइट हाउस के वरिष्ठ सलाहकार जारेड कुशनर विश्व निकाय को अपने ससुर और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विवादास्पद मध्य पूर्व शांति समझौते के बारे में संतुष्ट करने की कोशिश करेंगे। हालांकि इस्लामिक सहयोग संगठन (आईओसी) इसे पहले ही खारिज कर चुका है। सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने संयुक्त राष्ट्र में बेल्जियम के राजदूत मार्क पेक्सटीन डे ब्यूटवर्व के हवाले से सोमवार को कहा, "समझ यह है कि अमेरिका ने अपनी योजना के बारे में परिषद के सदस्यों को बताने के लिए बंद कमरे में बैठक का आग्रह किया है। इस विचार के बारे में विशेष राजदूत के तौर पर जहां तक मैं समझता हूं, कुशनर इस बैठक में शामिल होंगे।"

बेल्जियम फरवरी माह में सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता कर रहा है। उन्होंने पत्रकारों से कहा, "बंद कमरे में बैठक संभवत: गुरुवार को अपराह्न् 12 बजे से 1 बजे के बीच होगी।" राजदूत ने कहा, सुरक्षा परिषद फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास से भी मुलाकात करेगा। 28 जनवरी को, ट्रंप ने कशनर के बनाई इस विवादास्पद योजना का खुलासा किया था, जिसके तहत जेरूसलम को इजरायल की 'अविभाजित राजधानी' मानते हुए द्विराष्ट्र समाधान बताया गया था।

चीन में पाकिस्तानियों को दूतावास में पंजीकरण कराने का आग्रह

बीजिंग स्थित पाकिस्तानी दूतावास ने वहां स्थित अपने नागरिकों को उनका और उनके परिजनों का दूतावास में जल्द से जल्द पंजीकरण कराने के लिए कहा है। क्योंकि कोरोनावायरस के कारण दोनों देशों के बीच विमानन सेवा तीन दिन के स्थगन के बाद बहाल हो गई है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ने 31 जनवरी को चीन से आने और जाने वाली उड़ानें तत्काल प्रभाव से दो फरवरी तक रद्द कर दी थीं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) कोरोनावायरस को वैश्विक आपातकाल पहले ही घोषित कर चुका है।

दूतावास ने सोमवार को कहा, "चीन में मौजूद पाकिस्तान के सभी नागरिकों से उनका तथा उनके परिवार का पाकिस्तान दूतावास में जल्द से जल्द पंजीकरण करने का आग्रह है।" पाकिस्तानी नागरिकों से पंजीकरण प्रक्रिया में उनकी तथा उनके परिवार के सदस्यों की पूरी जानकारी उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है।

उड़ान सेवा बहाल होने के बाद सोमवार को चीन से तीन विमान पाकिस्तान पहुंचे। संघीय सरकार ने पिछले सप्ताह कहा था कि वह पाकिस्तानी नागरिकों (अधिकतर छात्रों) को चीन के वुहान से नहीं निकालेगा। कोरोनावायरस चीन के वुहान शहर से फैला है और इससे सिर्फ चीन में सोमवार रात तक 425 लोगों की मौत हो चुकी है। चारों तरफ से लगभग बंद हो चुके वुहान में विभिन्न यूनिवर्सिटीज में पाकिस्तान के लगभग 500 छात्र फंसे हुए हैं। वहीं चीन में कुल पाकिस्तानी नागरिकों की संख्या 28,000 से 30,000 के बीच है। पाकिस्तान के कम से कम चार छात्रों में पिछले सप्ताह रहस्यमयी कोरोनावायरस की पुष्टि हुई थी।

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