दुनिया की बड़ी खबरें: यूक्रेन के राष्ट्रपति ने रूस से की वार्ता की अपील, WHO ने कोरोना जांच में कमी पर जताया चिंता

रूस की ओर से किसी भी समय युद्ध छेड़ने की आशंका के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति ने रूस से बातचीत की मेज पर आने की अपील की है। तेजी से बढ़ते तनाव के बीच यूक्रेन और रूस दोनों ने एक-दूसरे के देश से अपने राजनयिकों और नागरिकों को वापस लौटने का आदेश दिया है।

फोटोः IANS
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नवजीवन डेस्क

तनाव के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति क आग्रह, बातचीत की टेबल पर आए

रूस और यूक्रेन के बीच जारी तनाव चरम पर पहुंच गया है। रूस की ओर से यूक्रेन पर किसी भी समय हमले की आशंका बनी हुई है। दोनों तरफ से आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि रूस को सुरक्षा का पूरा आश्वासन देना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैंने कई मौकों पर भी पहले कहा है कि रूसी राष्ट्रपति को बातचीत की टेबल पर आना चाहिए।

इस बीच रूस ने पूर्वी यूक्रेन के उन इलाकों के साथ राजनयिक रिश्ते शुरू भी कर दिए हैं जिन्हें एक दिन पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दी थी। रूस के इस कदम के बाद यूरोपियन यूनियन, ब्रिटेन और अमेरिका सख्त नाराज हैं और कड़े कदम उठाने पर विचार कर रहे हैं। ब्रिटेन और अमेरिका ने रूस पर नए प्रतिबंधों का ऐलान भी कर दिया है।

यूक्रेन-रूस दोनों ने अपने नागरिकों को तत्काल देश लौटने को कहा

यूक्रेन और रूस दोनों ने एक-दूसरे के देश से अपने राजनयिकों को वापस बुला लिया है। रूस ने कीव से अपने राजनयिकों को बुलाने का ऐलान किया है। इस बीच यूक्रेन ने भी अपने राजनयिकों को रूस से वापस बुला लिया है। यूक्रेन ने रूस में रह रहे अपने नागरिकों को तत्काल वहां से लौटने का आग्रह किया है। रिपोर्ट के मुताबिक रूस में यूक्रेन के करीब 30 लाख नागरिक रह रहे हैं और कई लोगों के दोनों देशों में परिवार रह रहे हैं।

यूक्रेन में 30 दिन का आपातकाल घोषित करने के संबंध में यूक्रेन की सुरक्षा परिषद् ने सिफारिश पेश की है लेकिन इसे अभी वहां की संसद ने मंजूरी नहीं दी है। यूक्रेन ने इसी बीच 18 से 60 साल की आयु के लोगों को नियमित सैन्य बल में शामिल होने को कहा है। यूक्रेन और रूस के बीच जारी विवाद के बढ़ने से दोनों देश अब युद्ध के कगार पर खड़े हैं। रूस के आक्रामक तेवर को देखकर कई पश्चिमी देशों ने उस पर कई पाबंदियां लगायी हैं लेकिन इन पाबंदियों का रूस पर अब तक कोई असर होता नहीं दिख रहा है।


WHO ने कोरोना की जांच में कमी को चिंताजनक बताया

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना संक्रमण की जांच में आयी कमी पर चिंता व्यक्त करते हुए आशंका जाहिर की है कि हो सकता है कि कोरोना संक्रमण के मामलों में आयी गिरावट वास्तविक न हो। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक कोरोना संक्रमण के मामलों में आयी कमी के कारण कई देशों में प्रतिबंधों को हटाए जाने के साथ ही कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच की गति भी काफी धीमी हो गयी है, जो बहुत बड़ी चिंता की बात है।

वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, डब्ल्यूएचओ की एपिडेमोलॉजिस्ट मारिया वान केरखोव ने ऑनलाइन सवालों का जवाब देते हुए कहा कि वायरस की निगरानी करनी बहुत जरूरी है।मारिया ने कहा कि हमें इस बारे में रणनीतिक होना होगा लेकिन हम इसे पूरी तरह छोड़ नहीं सकते हैं। इसके साथ ही कोविड-19 के लिये जो सर्विलांस प्रणाली स्थापित की गई है, उसे हम खत्म होते नहीं देख सकते हैं।

तिब्बत में 6 लाख से अधिक किसानों व चरवाहों को मिली नौकरियां

हाल ही में आयोजित तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के रोजगार और उद्यमिता प्रशस्ति सम्मेलन से मिली खबर के अनुसार, वर्ष 2021 में तिब्बत में 6 लाख 93 हजार से अधिक किसानों और चरवाहों को नौकरियां दी गईं। इसके अलावा 5.81 अरब युआन की वास्तविक श्रम आय प्राप्त हुई, जो कि इतिहास में एक नया रिकॉर्ड कायम हुआ। उनके अलावा, पूरे तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में नये कॉलेज स्नातकों की रोजगार दर 99.03 प्रतिशत तक पहुंच गयी।

हाल के कई वर्षों में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में स्थित चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की कमेटी और तिब्बत स्थानीय सरकार रोजगार व उद्यमिता पर बड़ा ध्यान दे रही हैं। रोजगार व उद्यमिता कार्य का समर्थन देने के लिए क्रमश: 24 नीति दस्तावेज जारी किये गए हैं और एक अपेक्षाकृत पूर्ण नीति प्रणाली स्थापित की गई है। आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2016 से तिब्बत में कुल 35 लाख 32 हजार किसानों और चरवाहों को नौकरियों में स्थानांतरित किया गया है और कुल मिलाकर 4 लाख 76 हजार किसानों और चरवाहों को प्रशिक्षण दिया गया है।


रूस के उच्च सदन ने विदेशों में सेना के इस्तेमाल को मंजूरी दी

रूसी संघ परिषद या संसद के ऊपरी सदन ने विदेश में सेना के इस्तेमाल के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के अनुरोध को मंजूरी दे दी है। फेडरेशन काउंसिल की वेबसाइट पर मंगलवार को प्रकाशित एक बयान के अनुसार, 'सीनेटरों ने सर्वसम्मति से संबंधित प्रस्ताव को अपनाने का समर्थन किया।'

पुतिन ने मंगलवार को एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया कि क्रेमलिन के अनुसार, फेडरेशन काउंसिल ने आमतौर पर स्वीकृत सिद्धांतों और अंतर्राष्ट्रीय कानून के मानदंडों के आधार पर विदेशों में रूस संघ के सशस्त्र बलों के उपयोग को अधिकृत करने वाले एक प्रस्ताव को मंजूरी दी। इससे पहले मंगलवार को रूसी संसद के निचले सदन ड्यूमा ने के एक पूर्ण सत्र के दौरान 'लुगांस्क पीपुल्स रिपब्लिक (एलपीआर)' और 'डोनेट्स्क पीपुल्स रिपब्लिक (डीपीआर)' के साथ दोस्ती, सहयोग और पारस्परिक सहायता पर संधियों की पुष्टि की।

रूस के राष्ट्रपति ने सोमवार को एलपीआर और डीपीआर के प्रमुखों के साथ संधियों पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने सोमवार को एलपीआर और डीपीआर को स्वतंत्र और संप्रभु राज्यों के रूप में मान्यता देने वाले दो फरमानों पर भी हस्ताक्षर किए। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने मंगलवार तड़के रूस के इस कदम पर आपत्ति जाहिर की। उन्होंने कहा कि कीव अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से पूर्वी यूक्रेन में डोनेट्स्क और लुगांस्क क्षेत्रों की स्थिति पर रूस के फैसले पर आपातकालीन बातचीत करने का आग्रह कर रहा है।

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