दुनिया की 5 बड़ी खबरें: रूस ने अमेरिका के 2 टोही विमानों को रोका, अफगानिस्तान में हथियारबंद बदमाशों ने स्कूल में लगाई आग

अफगानिस्तान के तखर प्रांत की राजधानी तालुकान सिटी स्थित स्कूल की एक बिल्डिंग में गुरुवार को अज्ञात हथियारबंद बदमाशों ने आग लगा दी। रूस ने काला सागर के ऊपर उड़ान भर रहे अमेरिका के दो टोही विमानों कों अपने लड़ाकू विमान एसयू-27 के जरिए रोका।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

साल 2035 तक चीन में 5 लाख वाले सभी शहरों में हाई-स्पीड रेल सेवा


हाल ही में चीनी राष्ट्रीय रेलवे ग्रुप ने एक योजना बनाई, जिसमें साल 2035 और 2050 तक रेलवे विकास का लक्ष्य पेश किया गया। कहा गया कि साल 2035 तक, चीन में 5 लाख वाले सभी शहरों में हाई-स्पीड रेलवे की सेवा होगी। योजना में यह भी कहा गया कि 2035 तक, चीन सुरक्षा और अच्छी गुणवत्ता सेवा देने, मजबूत गारंटी देने, अंतरराष्ट्रीय अग्रिम ताकत वाले आधुनिक रेलवे महादेश का निर्माण करेगा। राष्ट्रीय रेलवे ग्रुप के विकास व सुधार विभाग के उप प्रधान तिन ल्यांग के मुताबिक, रेलवे नेटवर्क के निर्माण में तकनीकी नवाचार, परिवहन सेवा, परिवहन सुरक्षा, परिचालन दक्षता, निपटारा प्रणाली, हरित प्रधानता वाली भूमिका, आत्म-नेतृत्वकारी भूमिका, अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा शक्ति आदि 9 पहलुओं में स्पष्ट लक्ष्य पेश किया गया, जिससे मजबूत रेलवे महादेश की मिश्रित शक्ति और स्तर जाहिर होगा।

योजना में यह भी पेश किया गया कि साल 2050 तक, चीन में पूर्ण रूप से उच्च स्तरीय आधुनिक रेलवे महादेश का निर्माण पूरा होगा। इसके लिए चीन विकसित, संपूर्ण और विश्व में अग्रिम श्रेणी वाले आधुनिक रेलवे नेटवर्क स्थापित करेगा।

डब्ल्यूएचओ वार्ता में क्यों नेतृत्वकारी भूमिका निभाना चाहता है अमेरिका?


अमेरिका ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की सदस्यता छोड़ी, लेकिन वह फिर भी डब्ल्यूएचओ में सुधार का नेतृत्व करना चाहता है। जर्मनी और फ्रांस ने इसका विरोध जताया और डब्ल्यूएचओ में सुधार से जुड़े वार्ता से बाहर निकलने की घोषणा की। जर्मनी और फ्रांस का विचार है कि अगर अमेरिका दखल देता है, तो वार्ता की प्रक्रिया काफी लंबी होगी। दूसरी तरफ, अमेरिका डब्ल्यूएचओ से बाहर निकला है, लेकिन फिर भी संगठन के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप करना चाहता है, यह उचित नहीं है। तो अमरिका क्यों ऐसा करना चाहता है? यह स्पष्ट है कि अमेरिका अपनी नेतृत्व भूमिका साबित करना चाहता है। लेकिन दूसरे देश इससे असंतुष्ट हैं। अमेरिका कोविड-19 महामारी से गंभीर रूप से ग्रस्त है। इसके डब्ल्यूएचओ से हटने से कुछ न कुछ संबंध होते हैं। महामारी फैलने के बाद अमेरिका ने डब्ल्यूएचओ को अन्य देशों पर हमला करने का अपना उपकरण बनाने की कोशिश की, लेकिन डब्ल्यूएचओ का रुख हमेशा स्पष्ट रहता है, यानी कि कौन देश सफलता से महामारी की रोकथाम करता है और अन्य देशों की सहायता करता है, तो डब्ल्यूएचओ किसका समर्थन करता है।


अफगानिस्तान में हथियारबंद बदमाशों ने स्कूल में लगाई आग


अफगानिस्तान के तखर प्रांत की राजधानी तालुकान सिटी स्थित स्कूल की एक बिल्डिंग में गुरुवार को अज्ञात हथियारबंद बदमाशों ने आग लगा दी। इसकी जानकारी एक स्थानीय अधिकारी ने दी। प्रांतीय पुलिस के प्रवक्ता अब्दुल खलील असीर ने सिन्हुआ समाचार एजेंसी को घटना की पुष्टि करते हुए कहा, "अबू उस्मान तालुकानी स्कूल के बिल्डिंग की दूसरी मंजिल पूरी तरह जल गई। यह घटना सुबह के 3.30 बजे की है। आग लगने के कारणों का पता नहीं चला है। जांच जारी है।"

पिछले कुछ वर्षों में तखर प्रांत में तीन अन्य स्कूलों को आग के हवाले कर कर दिया गया है।स्थानीय लोगों और अधिकारियों ने घटनाओं के लिए तालिबान आतंकवादियों को जिम्मेदार ठहराया है। लेकिन उग्रवादी समूह ने अभी तक किसी भी हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।

संयुक्त राष्ट्र के हथियार प्रतिबंध का अमेरिकी नवीनीकरण अवैध : ईरान


वरिष्ठ ईरानी अधिकारियों ने कहा है कि ईरान के खिलाफ अमेरिका द्वारा संयुक्त राष्ट्र के हथियार प्रतिबंध के नवीनीकरण को लाए जाने में कानूनी आधार का अभाव है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, बुधवार को अपने फ्रांसीसी समकक्ष इमैनुएल मैक्रों के साथ फोन पर बातचीत में ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा कि अमेरिका को 2015 के ऐतिहासिक परमाणु समझौते के तंत्र का इस्तेमाल करने का कोई अधिकार नहीं है, 'ज्वाइंट कॉम्प्रहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन' (जेसीपीओए) के नाम से भी जाना जाता है।

रूहानी मई 2018 में इस समझौते से अमेरिका के हटने के संदर्भ में बात कर रहे कर रहे थे।

ईरान ने जोर देकर कहा है कि अमेरिका अब समझौते में एक पक्षकार नहीं है और किसी भी विवाद के लिए अपने तंत्र का उपयोग नहीं कर सकता है।

हालांकि, अमेरिकी प्रशासन ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से ईरान के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के हथियारों के नवीनीकरण के लिए आग्रह किया है जो अक्टूबर को समाप्त होने वाला है।


रूस ने अमेरिका के 2 टोही विमानों को काला सागर के ऊपर रोका


रूस ने काला सागर के ऊपर उड़ान भर रहे अमेरिका के दो टोही विमानों कों अपने लड़ाकू विमान एसयू-27 के जरिए रोका। रक्षा मंत्रालय ने यह जानकारी दी।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने मंत्रालय के जवेज्दा ब्रॉडकास्टिंग सर्विस के हवाले से कहा, "12 अगस्त को, रूसी हवाई क्षेत्र नियंत्रण प्रणालियों ने काला सागर के तटवर्ती जल क्षेत्र में रूसी सीमा के निकट पहुंच रहे दो हवाई लक्ष्यों का पता लगाया।

इसने कहा कि दक्षिणी सैन्य जिले के एक एसयू -27 फाइटर जेट को टोही विमानों को रोकने के लिए पौरन रवाना किया गया। लड़ाकू जेट के चालक दल ने अमेरिकी वायु सेना के रणनीतिक टोही विमान आरसी-135 और अमेरिकी नौसेना के गश्ती विमान पी-8ओ पोजीडन के रूप में पहचान की। जवेज्दा ने कहा कि अमेरिकी विमानों के रूसी सीमा से उड़ान भरने के बाद, एसयू-27 अपने हवाई क्षेत्र में वापस आ गया।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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