तालिबान की बर्बरता! काबुल में प्रदर्शनकारी महिला को बीच सड़क पर पीटा, हथियारों के बल पर विरोध को दबाने की कोशिश

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से ही लगातार अफगानी महिलाएं अपने अधिकारों के लिए प्रदर्शन कर रही हैं। वहीं तालिबान, महिलाओं को बंदूक के दम पर दबाने की कोशिश में जुटा है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ महिलाओं का विरोध प्रदर्शन लगातार बढ़ता जा रहा है। बड़ी संख्या में महिलाएं तालिबान के खिलाफ आवाज बुलंद कर रही हैं। विरोध-प्रदर्शनों को तालिबान हथियार के बल पर तबाने की कोशिश में जुटा है। ऐसे ही एक तस्वीर काबुल से सामने आई है, जहां तालिबानी एक महिला को घेरकर पीटते नजर आ रहे हैं। यह महिला काबुल के करत-ए-चार इलाके में हो रहे प्रदर्शन में शामिल थी। बताया जा रहा है कि प्रदर्शन के दौरान तालिबानियों ने महिला को घेर लिया और उसके ऊपर लाठी-कोड़े बरसाने लगे।

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से ही लगातार अफगानी महिलाएं अपने अधिकारों के लिए प्रदर्शन कर रही हैं। वहीं तालिबान, महिलाओं को बंदूक के दम पर दबाने की कोशिश में जुटा है। तालिबानी सरकार में महिलाओं को शामिल करना तो दूर, उन पर कई तरह की पाबंदिया लगाई जा रही हैं। यही वजह है कि महिलाओं की तालिबान के खिलाफ नाराजगी बढ़ती जा रही है। इस बीच तालिबान कभी फायरिंग करके तो कभी कोड़े बरसा कर महिलाओं के विरोध को दबाने की कोशिश में जुटा है। कुछ दिन पिछले तालिबान ने यह फरमान भी जारी कर किया था कि कि विरोध-प्रदर्शन से पहले इजाजत लेनी होगी।


उधर, अस्थिरता के बीच अफगानिस्तान की माली हालत लगातार बिगड़ती जा रही है। भुखमरी की ओर बढ़ रहे अफगानिस्तान में मानवीय सहायता के लिए संयुक्त राष्ट्र 147.26 करोड़ रुपये की मदद देने का ऐलान किया है। वहीं, अफगानिस्तान मीडिया ने दावा किया है कि अमेरिका भी करीब 471 करोड़ रुपए से ज्यादा की मदद करने जा रहा है।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सोमवार को कहा, “युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में मानवीय मूल्यों की रक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र प्रतिबद्ध है। जिनेवा में आयोजित एक सम्मेलन में गुटेरस ने कहा कि अफगानिस्तान के लोग दशकों से युद्ध, पीड़ा और असुरक्षा के बाद अपने सबसे खतरनाक समय का सामना कर रहे हैं। अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए उनके साथ खड़े होने का समय है।

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Published: 14 Sep 2021, 8:56 AM