चीन ने मिलिट्री परेड में दिखाई सैन्य ताकत, पुतिन, शहबाज शरीफ, किम जोंग उन समेत 26 देशों के नेता हुए शामिल

भारत के पड़ोसी देशों से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू परेड में भाग ले रहे हैं।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

चीन ने बुधवार को अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करते हुए जेट लड़ाकू विमान, मिसाइल और नवीनतम इलेक्ट्रॉनिक युद्ध हार्डवेयर सहित अपने कुछ आधुनिक हथियारों को पहली बार सार्वजनिक रूप से दिखाया।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन और ईरान, मलेशिया, म्यांमा, मंगोलिया, इंडोनेशिया, जिम्बाब्वे और मध्य एशियाई देशों के नेताओं सहित 26 विदेशी नेताओं ने इसमें भाग लिया।

पाकिस्तान और नेपाल के पीएम शामिल हुए

भारत के पड़ोसी देशों से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू परेड में भाग ले रहे हैं।

चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और उनकी पत्नी पेंग लियुआन ने विदेशी मेहमानों का स्वागत किया। द्वितीय विश्व युद्ध में ‘‘जापानी आक्रमण’’ के खिलाफ चीन की जीत की 80वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित इस परेड में सैकड़ों सैनिकों ने भाग लिया।

किम अपनी बेटी किम जू ए के साथ मंगलवार रात को ट्रेन से बीजिंग पहुंचे।


ट्रंप के लिए संदेश

यह 2019 के बाद से उनकी दूसरी चीन यात्रा है और किम के पुतिन से करीबी संबंध स्थापित करने के प्रयासों के बीच उत्तर कोरिया और चीन के बीच दरार की अफवाहों के बाद यह पहली यात्रा है।

बीजिंग में शी, पुतिन और किम की एक साथ उपस्थिति, विशेष रूप से एक सैन्य परेड में, चीन द्वारा अमेरिका और उसके राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक कड़ा संदेश भेजने के प्रयास के रूप में देखी जा रही है।

जापान ने विश्व के नेताओं से किया था ये आग्रह

बीजिंग में उनकी मुलाकात तियानजिन में 10 सदस्यीय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के उच्च स्तरीय शिखर सम्मेलन के बाद हुई, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की शी और पुतिन के साथ बैठकें चर्चा में रहीं। यह बैठक ट्रंप द्वारा रूसी तेल खरीदने पर भारत पर 50 प्रतिशत शुल्क (टैरिफ) लगाने की पृष्ठभूमि में हुई थी।

द्वितीय विश्व युद्ध में जापानी आक्रमण के विरुद्ध चीन के प्रतिरोध युद्ध की स्मृति में आयोजित परेड में विदेशी नेताओं की उपस्थिति, जापान और चीन के बीच कूटनीतिक विवाद का विषय बन गई है, क्योंकि टोक्यो ने विश्व नेताओं से इसमें भाग न लेने का आग्रह किया था।


चीन ने विश्व नेताओं से इस कार्यक्रम में शामिल न होने के अनुरोध को लेकर जापान के समक्ष कूटनीतिक विरोध दर्ज कराया है।

चीन अपने वैश्विक प्रभाव और सैन्य शक्ति को प्रदर्शित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है, जिसे शी की छवि को मजबूत करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। बीजिंग ऐतिहासिक तियानमेन चौक पर इस आयोजन के लिए पूरी तरह तैयार है।

चीन ने अपने आधुनिक हथियारों का प्रदर्शन किया

अपने हथियारों को लेकर अक्सर गोपनीयता बरतने वाली चीनी सेना पहली बार अपने अत्याधुनिक हथियारों का भी सार्वजनिक प्रदर्शन कर रही है, जिनके बारे में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) का दावा है कि वे अमेरिकी सेना के हथियारों से मेल खाते हैं।

चीन और विश्व भर से बड़ी संख्या में पत्रकारों को भारी सुरक्षा के बीच आयोजित होने वाली इस परेड में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है।

पीटीआई के इनपुट के साथ

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