कोरोना वायरस से सकते में पूरी दुनिया, चीन में नहीं थम रहा कहर, मरने वालों की संख्या पहुंची 2,835

राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के अनुसार, हुबेई प्रांत में 45, बीजिंग और हेनान में एक-एक की मौत हुई है। चीन में कोरोनावायरस के प्रकोप के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 2,835 हो गई है,आयोग ने कहा कि शुक्रवार को 248 नए संदिग्ध मामले सामने आए।

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

चीन में कोरोनावायरस के प्रकोप के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 2,835 हो गई है, जबकि कन्फर्म मामलों की संख्या बढ़कर 79,251 हो गई है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, चीनी स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि उन्हें चीन में शुक्रवार को कोरोनो वायरस संक्रमण के 427 नए कन्फर्म मामलों और 47 लोगों की मौत की जानकारी मिली।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के अनुसार, हुबेई प्रांत में 45, बीजिंग और हेनान में एक-एक की मौत हुई है।आयोग ने कहा कि शुक्रवार को 248 नए संदिग्ध मामले सामने आए। शुक्रवार को, ठीक होने के बाद 2,885 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, जबकि गंभीर मामलों की संख्या 288 से घटकर 7,664 हो गई। आयोग ने कहा कि 1,418 लोगों के अभी भी वायरस से संक्रमित होने का संदेह है।ठीक होने के बाद कुल 39,002 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है।


आयोग ने कहा कि 658,587 लोगों के संक्रमित मरीजों के करीबी संपर्क में होने का पता चला है, उनमें से 10,193 को शुक्रवार को चिकित्सा निगरानी से छुट्टी दे दी गई है, जबकि 58,233 अन्य अभी भी चिकित्सा निगरानी में हैं। शुक्रवार आधी रात को, हांगकांग विशेष प्रशासनिक क्षेत्र (एसएआर) में दो मौतों सहित 94 मामलों की पुष्टि हुई थी, मकाऊ एसएआर में 10 और ताइवान में एक मौत सहित 34 मामलों की पुष्टि हुई। हांगकांग में 30, मकाऊ में आठ और ताइवान में नौ मरीजों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी।

कोरोना वायरस के लक्षण:

कोरोना वायरस से ग्रसित व्यक्ति को सिरदर्द, खांसी, गले में खराश, बुखार, लगातार छींक आना, अस्थमा का बिगड़ना, थकान महसूस होना, निमोनिया हो जाना या फेफड़ों में सूजन जैसे लक्षण हो सकते हैं। बूढ़े व्यक्तियों के लिए यह वायरस और घातक हो सकता है, क्योंकि जवान लोगों की तुलना में बूढ़े लोगों में रोगों से लड़ने की क्षमता कम होती है। विशेषज्ञों ने हाल ही में कोरोनो वायरस के जीन अनुक्रम को डिकोड किया जिसे 2019-एनसीओवी का नाम दिया गया है।

कोरोना वायरस को 1960 के दशक में पहली बार खोजा गया था। उसकी मुकुट जैसी आकृति की वजह से उसे कोरोना या क्राउन नाम दिया गया। ऐसे वायरस घातक नहीं होते हैं, लेकिन कभी-कभी यह आंत से संबंधी बीमारियों को पैदा कर सकते हैं।

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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