दुनिया: चीन में दंपत्ति को मिली फांसी और इमरान खान-बुशरा को 14 साल की जेल

चीन में बुधवार को अपने ही बच्चे की हत्या के दोषी एक दंपत्ति को फांसी दी गई है और रावलपिंडी की एक अदालत ने तोशाखाना मामले में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को 14 साल कैद की सजा सुनाई।

इमरान खान-बेगम बुशरा को 14 साल की जेल
इमरान खान-बेगम बुशरा को 14 साल की जेल
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नवजीवन डेस्क

चीन में दंपत्ति को मिली फांसी, अपने ही बच्चों को 15वीं मंजिल से था फेंका

फोटो: सोशल मीडिया
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चीन में बुधवार को एक दंपत्ति को फांसी दी गई है। दोनों पर 2 बच्चों की मौत का दोषी पाया गया है। मृतक बच्चों को पिता ने ही इस घटना को अंजाम दिया था। उसने इसे हादसा दिखाने की कोशिश की थी। इस मामले में देश भर में आक्रोश फैल गया था। झांग बो और ये चेंगचेन को पहले दक्षिण पश्चिम चीन के चोंगकिंग में एक ऊंचे अपार्टमेंट की 15वीं मंजिल से दो वर्षीय लड़की और एक वर्षीय लड़के की फेंकने का जिम्मेदार पाया गया था। ये घटना नवंबर 2020 की है। इसके बाद दिसंबर 2021 में उन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी।

जिन दो लोगों को मौत की सजा दी गई उनके नाम झांग बो और ये चेंगचेन है। झांग बो पर अपने ही बच्चों की हत्या का और उसकी प्रेमिका पर हत्या के लिए उकसाने का आरोप लगा था। चीन की शीर्ष अदालत द्वारा हाल ही में उनकी मौत की सजा को मंजूरी दिए जाने के बाद बुधवार को फांसी दे दी गई। जिन बच्चों को 15वीं मंजिल से फेंका गया वो झांग बो के थे। दो बच्चों के पिता झांग ने ये चेंगचेन के साथ अफेयर शुरू कर दिया था, जो शुरू में इस बात से अनजान थी कि उसका प्रेमी शादीशुदा है और उसके बच्चे भी हैं।

नेपाल ने चीनी एनजीओ के प्रमुख को 'ओवरस्टे' के लिए निर्वासित किया

फोटो: IANS
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नेपाल सरकार ने हाल ही में एक चीनी महिला को निर्वासित कर दिया, जो नेपाल के अंदर एक एनजीओ चला रही थी और देश में अवैध रूप से रह रही थी। 'चाइना फाउंडेशन फॉर रूरल डेवलपमेंट' नाम के एक एनजीओ चलाने वाली ज़ो झिकियांग का तब विवाद शुरू हो गया जब एक माओवादी नेता गोरख बहादुर केसी ने पश्चिमी नेपाल के जाजरकोट में राहत वितरण के दौरान कथित तौर पर उनकी पिटाई कर दी। चीनी एनजीओ की ओर से झिकियांग राहत वितरण के लिए जाजरकोट पहुंची थी, लेकिन गोरख बहादुर केसी सहित स्थानीय माओवादी नेताओं ने राहत सामग्री को घटिया सामान बताते हुए स्वीकार करने से इनकार कर दिया। बाद में, उसने स्थानीय पुलिस स्टेशन और नेपाल में सत्तारूढ़ पार्टी सीपीएन (माओवादी सेंटर) में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि केसी और उनकी टीम ने महिला को तब पीटा जब वह जाजरकोट में राहत वितरण के लिए जा रही थी।

जाजरकोट में 3 नवंबर को आए भूकंप में 150 से ज्यादा लोग मारे गए थे। जब वह राहत सामग्री बांटने जा रही थी तो स्थानीय माओवादी नेता केसी के एक साथी ने उसकी मौके पर ही पिटाई कर दी। केसी और अन्य माओवादी नेताओं ने उन पर घटिया राहत सामग्री वितरित करने का आरोप लगाया और कहा कि चीनी राहत सामग्री भ्रष्टाचार का हिस्सा है। बाद में माओवादी केंद्र की केंद्रीय समिति ने केसी से स्पष्टीकरण मांगते हुए कहा कि उन्होंने चीनी नागरिक की पिटाई क्यों की। केसी ने अपनी सफाई में कहा कि उन्होंने उन पर कुछ बेबुनियाद आरोप लगाए हैं और पार्टी महासचिव गुरुंग राहत वितरण में भ्रष्टाचार में शामिल थे। गुरुंग को माओवादी पार्टी के चीनी समर्थक नेता के रूप में जाना जाता है।


तोशाखाना मामले में इमरान खान, बुशरा बीबी को 14 साल कैद की सजा

 फोटो: IANS
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रावलपिंडी की एक अदालत ने तोशाखाना मामले में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को 14 साल कैद की सजा सुनाई। यह फैसला आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत स्थापित एक विशेष अदालत द्वारा पीटीआई संस्थापक को साइफर मामले में 10 साल कैद की सजा सुनाए जाने के एक दिन बाद आया है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, अदालत के जज मोहम्मद बशीर ने रावलपिंडी की अदियाला जेल में सुनवाई की अध्यक्षता की, जहां खान कैद में हैं।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, इमरान और बुशरा को अगले 10 वर्षों के लिए किसी भी सार्वजनिक पद पर रहने से रोक दिया गया है और उन पर लगभग 1,574 मिलियन रुपये का जुर्माना लगाया गया। जज ने दोनों को आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 342 के तहत अपने बयान दर्ज करने के लिए भी कहा और अभियोजन पक्ष के गवाहों से जिरह का अधिकार बंद कर दिया। दंपति को 9 जनवरी को इस मामले में दोषी ठहराया गया था। प्रतिक्रिया देते हुए पीटीआई ने इसे कानून की धज्जियां उड़ाने वाला फैसला बताया और दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री को "एक और कंगारू मुकदमे" का सामना करना पड़ा है। पार्टी ने आगे कहा कि इमरान या बुशरा को बचाव का कोई अधिकार नहीं दिया गया।

ब्रिटिश-भारतीय नाबालिग के हत्यारे की हत्या की याचिका स्वीकार करने के फैसले की समीक्षा का आदेश

फोटो: IANS
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ब्रिटेन में पिछले साल भारतीय मूल के नाबालिग और दो अन्य की चाकू मारकर हत्या करने वाले 32 वर्षीय हमलावर की हत्या की याचिका स्वीकार करने के अभियोजकों के फैसले की स्वतंत्र समीक्षा का आदेश दिया गया है। दोहरी गिनी-बिसाऊ/पुर्तगाली नागरिक वाल्डो कैलोकेन ने 13 जून 2023 को नॉटिंघम विश्वविद्यालय के पास एक घटना के दौरान 19 वर्षीय छात्र ग्रेस ओ'मैली-कुमार, बार्नबी वेबर और 65 वर्षीय स्कूल कार्यवाहक इयान कोट्स की हत्या कर दी थी। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, अटॉर्नी जनरल विक्टोरिया प्रेंटिस ने कहा कि उन्होंने क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) द्वारा मामले को संभालने के तरीके की तत्काल समीक्षा का आदेश दिया है। विक्टोरिया प्रेंटिस ने महामहिम के क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस इंस्पेक्टरेट से समीक्षा करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा, "बार्नबी वेबर, ग्रेस ओ'मैली-कुमार और इयान कोट्स की हत्या ने देश को भयभीत कर दिया है।"

हालांकि, परिवार यह समझना चाहते हैं कि इस मामले में क्या हुआ। इसलिए मैंने निरीक्षणालय से सीपीएस कार्यों की त्वरित और गहन समीक्षा करने को कहा है। सीपीएस के महामहिम मुख्य निरीक्षक के एक प्रवक्ता ने कहा कि वे समीक्षा के अनुरोध को स्वीकार करते हैं, जिसके निर्णय ईस्टर तक आने की उम्मीद है। प्रेंटिस का यह कदम अभियोजकों द्वारा नॉटिंघम क्राउन कोर्ट में सुनवाई के दौरान कम जिम्मेदारी के आधार पर कैलोकेन की दोषी याचिका को स्वीकार करने के एक सप्ताह से भी कम समय बाद आया है, जिसका अर्थ है कि उस पर हत्या का मुकदमा नहीं चलाया जाएगा।


वांग यी ने 78वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष से की मुलाकात

फोटो: IANS
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चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने मंगलवार को पेइचिंग में 78वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस से मुलाकात की। वांग यी ने कहा कि चीन दृढ़ता से बहुपक्षवाद का प्रोत्साहन करता है, संयुक्त राष्ट्र चार्टर की रक्षा करता है और अंतर्राष्ट्रीय कानून का कार्यांवयन करता है। चीन हमेशा से वैश्विक शासन प्रणाली में संयुक्त राष्ट्र संघ के कोर स्थान का समर्थन करता है और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुसार अधिक सक्रिय एवं महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में संयुक्त राष्ट्र महासभा का समर्थन करता है। संयुक्त राष्ट्र संघ इस साल "फ्यूचर समिट" की मेजबानी करेगा।

चीन शिखर सम्मेलन में मौजूदा प्रमुख और जरूरी वैश्विक मुद्दों के समाधान में व्यावहारिक प्रस्ताव पेश करने के प्रति उत्सुक है। डेनिस फ्रांसिस ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ हमेशा एक चीन की नीति का पालन करता है और यूएन व बहुपक्षवाद का लंबे समय से समर्थन करने के लिए चीन सरकार का आभार करता है। संयुक्त राष्ट्र संघ चीन द्वारा प्रस्तुत महत्वपूर्ण पहलों की सराहना करता है और चीन के साथ सहयोग को मजबूत करने व चुनौतियों का मुकाबला करने का इच्छुक है।

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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