क्या अमेरिका के दबाव में हुई सऊदी शहजादों और मंत्रियों की गिरफ्तारी?

सऊदी अरब ने अलग-अलग विभागों के मंत्रियों और 11 सऊदी शहजादों को गिरफ्तार किया है। उन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। इनमें अरबपति अल वलीद भी हैं, जिनके अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से मतभेद जगजाहिर हैं।

फोटो : सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

सऊदी अरब ने शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज अल-सऊद द्वारा भ्रष्टाचार विरोधी समिति के गठन के बाद प्रसिद्ध अरबपति निवेशक अल-वलीद बिन तलाल सहित 11 शहजादों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी का ऐलाना सऊदी अरब के टेलीविजन नेटवर्क 'अल अरबिया' पर किया गया।

'सीएनएन' के मुताबिक इनके अलावा तीन मंत्रियों को भी उनके पदों से हटा दिया गया है, जिसमें आर्थिक और योजना मंत्री आदिल बिन मोहम्मद फकीह, रक्षा मंत्री मितेब बिन अब्दुल्ला बिन अब्दुलअजीज और नौसेना बलों के कमांडर एडमिरल अब्दुल्ला बिन सुल्तान बिन मोहम्मद अल-सुल्तान शामिल हैं।

अल वलीद सुल्तान किंगडम होल्डिंग नाम की निवेश फर्म के मालिक हैं और उनका शुमार दुनिया के सबसे धनी लोगों में होता है। न्यूज़ कॉर्प, सिटी ग्रुप, ट्विटर और अन्य जानी-मानी कंपनियों में उनकी हिस्सेदारी है। अल वलीद उस सेटेलाइट चैनल के भी मालिक हैं जो पूरे अरब विश्व में देखा जाता है।

अल वलीद हाल के दिनों में अमेरिकी राष्ट्रपति पर टिप्पणियां करने के कारण भी सुर्खियों में रहे हैं। अल वलीद की उस ग्रुप में भी हिस्सेदारी है जिसने हाल ही में न्यूयॉर्क का प्लाज़ा होटल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप से खरीदा है। अल वलीद ने ट्रंप से एक महंगा लग्जरी याट भी खरीदा है। लेकिन 2015 में अल वलीद ने ट्रंप को रिपब्लिकन पार्टी के साथ ही पूरे अमेरिका के लिए एक धब्बा बताया था।

इस ट्वीट के जवाब में डोनल्ड ट्रंप ने भी जवाबी ट्वीट कर कहा था कि एक फर्जी शहजादा अमेरिकी राजनेताओं को नियंत्रित करना चाहता है। उन्होंने कहा था कि जब मैं चुन लिया जाऊंगा तो वह ऐसा नहीं कर पाएगा।

ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने सऊदी अरब के प्रिंस शाह सलमान से नजदीकियां बढ़ाईं। इस दौरान प्रिंस शाह सलमान भी अपनी उदारवादी नीतियों के चलते लोकप्रिय होने लगे। हालांकि कुछ लोग उनके इन कदमों से सहमत नहीं थे। एक तरफ वे लोग थे जो प्रिंस शाह सलमान की इस कोशिश का समर्थन कर रहे थे कि वे सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था की सिर्फ तेल पर निर्भरता से अलग नई योजनाएं बना रहे हैं, तो दूसरी तरफ वे लोग थे जिनका लगता था कि प्रिंस शाह सलमान अनुभवहीन और सत्ता लोलुप हैं।

खबरें हैं कि हाल ही में व्हाईट हाऊस के तीन आला अफसरों ने सऊदी अरब का दौरा किया था और प्रिंस शाह सलमान से लंबी बातचीत की थी। इन अफसरों के साथ राष्ट्रपति ट्रंप के दामाद जेरेड कुशनर भी थे।

इस दौरान खबरें हैं कि गिरफ्तार किए गए लोगों को नजरबंद करने के लिए रियाद के लग्जरी होटल रिट्ज़ कार्लटन को खाली कराया गया है। इसके अलावा दूसरे फाइव और सेवन स्टार होटल में भी गिरफ्तार लोगों को रखने का इंतजाम किया गया है।

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रियाद स्थित होटल रिट्ज़ कार्लटन, जहां गिरफ्तार शहजादों और मंत्रियों को रखा गया है

इस बीच सऊदी अरब के संचार मंत्रालय से जारी बयान के मुताबिक शाह सलमान ने एक 'सक्रिय सुधार एजेंडे' के तौर पर भ्रष्टाचार विरोधी नए अभियान का आदेश दिया है, जिसका मकसद उन रुकावटों से निपटना है, जो हाल के दशकों में देश के विकास की कोशिशों में रोड़े अटका रही है।

'सीएनएन' के अनुसार, क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की अध्यक्षता वाली समिति को भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने वालों की जांच, गिरफ्तारी, यात्रा पर रोक लगाने और संपत्तियों को जब्त करने का अधिकार है।

तीन भ्रष्ट मंत्रियों के स्थान पर खालिद बिन अब्दुलअजीज बिन मोहम्मद बिन अयाफ अल मुकरीन को रक्षा मंत्री, मोहम्मद बिन माजयाद अल-तुवायजरी को आर्थिक व योजना मंत्री और वाइस एडमिरल फहद बिन अब्दुल्लाह अल-गिफैली को नौसैन्य बलों का कमांडर बनाया गया है।

'द न्यूयॉर्क टाइम्स' की रपट के अनुसार, भ्रष्टाचार-रोधी एजेंडे के तहत शनिवार को रियाद के शाही होटल के रूप में मशहूर कार्लटन होटल शनिवार को खाली कराया गया, क्योंकि ऐसी अफवाहें थीं कि इसे नजरबंद शाही घरानों के लोगों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।

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