ट्रंप ने तमाम देशों के लिए किया जवाबी टैरिफ का ऐलान, चीन पर 34, पाक पर 29 तो भारत पर लगा 27% टैक्स
डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस के रोज़ गार्डन से विभिन्न देशों पर शुल्क लगाने की घोषणा करते हुए कहा, यह मुक्ति दिवस है, एक लंबे समय से प्रतीक्षित क्षण।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत, चीन और यूरोपीय संघ जैसे बड़े व्यापारिक साझेदारों के लिए नए अमेरिकी टैरिफ से जुड़ा एक चार्ट जारी कर दिया है। भारत, चीन समेत दूसरे देशों से अमेरिका पहुंचने वाले सामान पर कितना टैरिफ लगेगा इसका ऐलान कर दिया गया है। यह नया टैरिफ तुरंत लागू हो गया है। कई एशियाई देशों पर भी 30 फीसदी से 45 फीसदी तक का टैरिफ लगाया गया है।
ट्रंप के इस ऐलान के अनुसार, भारत से अमेरिका आने वाले सामान पर 27% का टैरिफ लगाया जाएगा। वहीं, चीन से आने वाले आयात पर 34% टैरिफ लगाया गया है। यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि चीन से बढ़ते व्यापार घाटे को कम करने के लिए यह कदम उठाया गया है। इसके अलावा, ट्रंप प्रशासन ने वियतनाम से आयातित सामान पर 46% टैरिफ लगाने का निर्णय लिया है, जो उच्चतम दरों में से एक है। यूरोपीय संघ पर 20% टैरिफ, स्विटजरलैंड पर 31% और ताइवान पर 32% टैरिफ लगाया जाएगा। वहीं यूनाइटेड किंगडम से आयात पर केवल 10% टैरिफ लगाया गया है।
ये रही पूरी लिस्ट
इन नए शुल्कों का सामना करने वाले देशों में अल्जीरिया पर 30% टैक्स लगाया गया है, जबकि ओमान, उरुग्वे और बहामास को 10% टैक्स देना होगा। लेसोथो पर सबसे ज्यादा 50% टैरिफ लगाया गया है, जो अमेरिका द्वारा वहां के व्यापार से जुड़ी समस्याओं को दिखाता है। यूक्रेन, बहरीन और कतर पर 10% का टैक्स लगाया गया है, जबकि मॉरीशस को 40% और फिजी को 32% टैरिफ देना होगा। आइसलैंड और केन्या पर भी 10% टैक्स लगाया गया है, लेकिन लिकटेंस्टीन को 37% और गुयाना को 38% टैरिफ भरना होगा। हैती को भी 10% टैक्स के साथ इस सूची में शामिल किया गया है।
सूची में आगे बोस्निया और हर्जेगोविना पर 35% टैरिफ लगाया गया है, जबकि नाइजीरिया को 14% और नामीबिया को 21% टैरिफ भरना होगा। ब्रुनेई के लिए 24% टैरिफ तय किया गया है, जबकि बोलिविया, पनामा और कुछ अन्य देशों पर 10% टैरिफ लगाया गया है। वेनेजुएला को 15% टैरिफ का सामना करना होगा, जबकि उत्तरी मैसेडोनिया पर 33% टैरिफ लगाया गया है। इथियोपिया और घाना दोनों पर 10% टैरिफ लगाया गया है। चीन, जो एक बड़ा व्यापारिक केंद्र है, पर 34% टैरिफ लगाया गया है। यूरोपीय संघ को 20% टैरिफ देना होगा, जबकि वियतनाम 46% टैरिफ के साथ सूची में सबसे ऊपर है। इसके बाद ताइवान को 32% और जापान को 24% टैरिफ देना होगा। भारत पर 27% और और दक्षिण कोरिया पर 25% टैरिफ लगाया गया है, जबकि थाईलैंड को 36% और स्विट्जरलैंड को 31% टैरिफ भरना होगा।
टैरिफ दरें इंडोनेशिया और मलेशिया के लिए 32% और 24% तय की गई हैं, जबकि कंबोडिया को सबसे ज्यादा 49% टैरिफ झेलना पड़ रहा है। दूसरी ओर यूनाइटेड किंगडम पर केवल 10% का हल्का टैरिफ लगाया गया है, जबकि दक्षिण अफ्रीका को 30% और ब्राजील को 10% टैरिफ देना होगा। बांग्लादेश को भारी 37% टैरिफ झेलना पड़ेगा, जबकि सिंगापुर को केवल 10% और इजरायल व फिलीपींस को 17% टैरिफ भरना होगा। चिली और ऑस्ट्रेलिया को 10% टैरिफ के साथ राहत मिली है, लेकिन पाकिस्तान को 29%, तुर्की को 10% और श्रीलंका को 44% टैरिफ देना होगा। कोलंबिया भी 10% टैरिफ वाले देशों में शामिल है, जबकि पेरू और निकारागुआ को क्रमशः 10% और 18% टैरिफ देना होगा। नॉर्वे को 15% टैरिफ का सामना करना पड़ेगा।
कोस्टा रिका, जॉर्डन और डोमिनिकन गणराज्य पर 10%, 20% और 10% टैरिफ लगाया गया है। संयुक्त अरब अमीरात और न्यूजीलैंड को भी 10% टैरिफ का सामना करना पड़ रहा है। अर्जेंटीना, इक्वाडोर, ग्वाटेमाला और होंडुरास पर 10% टैरिफ लगाया गया है, लेकिन मेडागास्कर और म्यांमार (बर्मा) को क्रमशः 47% और 44% टैरिफ झेलना होगा। ट्यूनीशिया पर 28%, कजाकिस्तान पर 27% और सर्बिया पर 37% टैरिफ लगाया गया है, जबकि मिस्र, सऊदी अरब और अल साल्वाडोर को 10% टैरिफ देना होगा। कोटे डी आइवर को 21%, लाओस को 48% और बोत्सवाना को 37% टैरिफ देना होगा। त्रिनिदाद और टोबैगो तथा मोरक्को को 10% टैरिफ के साथ सूची में शामिल किया गया है
अमेरिका के भाग्य का पुन: उदय हुआ: ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस के रोज़ गार्डन से विभिन्न देशों पर शुल्क लगाने की घोषणा करते हुए कहा, यह मुक्ति दिवस है, एक लंबे समय से प्रतीक्षित क्षण। दो अप्रैल, 2025 को हमेशा के लिए उस दिन के रूप में याद किया जाएगा, जिस दिन अमेरिकी उद्योग का पुनर्जन्म हुआ, जिस दिन अमेरिका के भाग्य का पुन: उदय हुआ, जिस दिन हमने अमेरिका को फिर समृद्ध बनाने का काम शुरू किया। हम अमेरिका को समृद्ध, अच्छा और समृद्ध बनाने जा रहे हैं। उन्होंने कहा, अमेरिका अन्य देशों से मोटरसाइकिल पर केवल 2.4 प्रतिशत शुल्क लेता है। इस बीच, थाइलैंड और अन्य देश बहुत अधिक यानी 60 प्रतिशत तक शुल्क वसूल रहे हैं। भारत 70 प्रतिशत शुल्क लेता है, वियतनाम 75 प्रतिशत शुल्क लेता है, और अन्य इससे भी अधिक शुल्क वसूलते हैं।
उन्होंने कहा कि अमेरिका दशकों से आज तक सिर्फ ढाई प्रतिशत शुल्क लेता रहा है। आप सोचकर देखिये, विदेश में बने वाहनों पर सिर्फ ढाई प्रतिशत शुल्क। यूरोपीय संघ हमसे 10 प्रतिशत से अधिक शुल्क वसूलता है, और उनके पास 20 प्रतिशत मूल्य वर्धित कर (वैट) है, जो बहुत अधिक है। भारत 70 प्रतिशत शुल्क लगाता है और शायद सबसे खराब दक्षिण कोरिया, जापान और कई अन्य देशों द्वारा बड़ी व्यापार बाधाओं के रूप में लगाए गए गैर-मौद्रिक अंकुश हैं। शुल्क की घोषणा करते समय, उन्होंने एक चार्ट दिखाया जिसमें भारत, चीन, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ जैसे देशों द्वारा लगाए गए शुल्क के साथ-साथ जवाबी शुल्क भी दर्शाए गए थे। चार्ट ने संकेत मिलता है कि भारत ने "मुद्रा में ‘गड़बड़ी’ और व्यापार बाधाओं सहित’ 52 प्रतिशत का शुल्क लगाया है। अमेरिका अब भारत से 27 प्रतशित का ‘रियायती जवाबी शुल्क’ वसूलेगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘भारत, बहुत, बहुत सख्त है। बहुत, बहुत सख्त है। प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) अभी-अभी यहां से गए हैं। वह मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं, लेकिन मैंने कहा, 'आप मेरे दोस्त हैं, लेकिन आप हमारे साथ सही व्यवहार नहीं कर रहे हैं। वे हमसे 52 प्रतिशत शुल्क लेते हैं। आपको समझना होगा, हमने उनसे सालों-साल और दशकों तक कुछ भी शुल्क नहीं लिया, और यह केवल सात साल पहले की बात है, जब मैं सत्ता में आया, तब हमने चीन के साथ इसकी शुरुआत की।
(पीटीआई के इनपुट के साथ)
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