'लादेन की खातिरदारी करने वाले उपदेश न दें', विदेश मंत्री जयशंकर ने UN में पाक पर किया जोरदार पलटवार

संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की कश्मीर पर टिप्पणी के बाद भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उसी मंच पर पड़ोसी देश को आईना दिखाया है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की कश्मीर पर टिप्पणी के बाद भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उसी मंच पर पड़ोसी देश को आईना दिखाया है। एस जयशंकर ने कहा कि जो देश ओसामा बिन लादेन की मेहमाननवाजी कर रहा था, जिसने अपने पड़ोसी की संसद पर हमला किया...वो संयुक्त राष्ट्र जैसे शक्तिशाली मंच पर उपदेश देने के काबिल नहीं है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कहा कि जिसे पूरी दुनिया अस्वीकार्य मानती है, उसे वाजिब ठहराने का सवाल ही नहीं उठता। यह सीमापार आतंकवाद पर भी लागू होता है।

बिलावल भुट्टो ने उठाया था कश्मीर मुद्दा

जयशंकर मंगलवार को यूनाइटेड नेशंस पहुंचे, जहां सिक्योरिटी काउंसिल में भारत की अध्यक्षता में काउंटर टेररिज्म और रिफॉर्म्ड मल्टीलेटरिज्म (बहुपक्षवाद) पर दो अहम इवेंट हो रहे हैं। मल्टीलेटरिज्म पर चर्चा की अध्यक्षता यूएन में भारत की स्थायी सदस्य रुचिरा कंबोज कर रही थीं। इसी दौरान पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने कश्मीर मुद्दा उठाया था।


बहुपक्षीय प्लेटफॉर्मों का हो रहा दुरुपयोग

भारतीय विदेश मंत्री ने आतंकवाद को लेकर चीन और उसके सहयोगी देश पाकिस्तान दोनों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हम आज मल्टीलेटरलिज्म में सुधारों पर फोकस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारा अपना-अपना नजरिया हो सकता है, लेकिन एक आम राय बन रही है, कम से कम इसमें हमें ज्यादा देर नहीं करनी चाहिए। दुनिया टेररिज्म के खिलाफ संघर्ष कर रही है और ऐसे दौर में कुछ लोग आतंकी हमलों को अंजाम देनेवालों, साजिश रचने वालों को सही ठहरा रहे हैं। उन्हें बचाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।

खतरों को नॉर्मल करने की कोशिशों को स्वीकार नहीं

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि ऐसे दौर में जब पूरी दुनिया में कई तरह के खतरे दिख रहे हैं। सारे देश मिलकर रास्तों की तलाश कर रहे हैं, ऐसे में खतरों को नॉर्मल करने की कोशिशों को स्वीकार नहीं करना चाहिए। विदेश मंत्री ने चीन और पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस चीज को पूरी दुनिया स्वीकार नहीं कर रही, उसे न्यायोचित बताने की कोशिश क्यों हो रही है। यह क्रॉसबॉर्डर टेररिज्म, आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों पर भी लागू होता है

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