बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री खालिदा जिया का निधन, 80 साल की उम्र में ली आखिरी सांस
डॉक्टरों के अनुसार, खालिदा जिया को लीवर का सिरोसिस, गठिया, डायबीटीज और हार्ट से जुड़ी गंभीर समस्याएं थीं। पूर्व प्रधानमंत्री लंबे समय से कई तरह की बीमारियों से जूझ रही थीं।

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा ज़िया का निधन हो गया है। उनकी राजनीतिक पार्टी ने मंगलवार को एक बयान में यह जानकारी दी। वह 80 वर्ष की थीं। खालिदा ज़िया और शेख़ हसीना के बीच चली लंबी प्रतिद्वंद्विता ने एक पीढ़ी तक देश की राजनीति को परिभाषित किया।
खालिदा ज़िया पर भ्रष्टाचार के कई मामले दर्ज थे, जिन्हें वह राजनीतिक से प्रेरित बताती थीं। जनवरी 2025 में सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ अंतिम भ्रष्टाचार मामले में उन्हें बरी कर दिया था, जिससे वह फरवरी में होने वाले चुनाव में हिस्सा ले सकती थीं।
खालिदा जिया को लीवर, डायबीटीज और हार्ट से जुड़ी गंभीर समस्याएं थीं
डॉक्टरों के अनुसार, खालिदा जिया को लीवर का सिरोसिस, गठिया, डायबीटीज और हार्ट से जुड़ी गंभीर समस्याएं थीं। पूर्व प्रधानमंत्री लंबे समय से कई तरह की बीमारियों से जूझ रही थीं। डॉक्टर्स उनकी देख-रेख कर रहे थे। साथ ही पिछले दिनों उन्हें वेंटीलेटर पर भी डाला गया था। द डेली स्टार के अनुसार, 23 नवंबर को हार्ट और फेफड़ों में संक्रमण के कारण खालिदा जिया को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पिछले 36 दिनों से उनका इलाज चल रहा था। उन्हें निमोनिया की बीमारी भी थी।
खालिदा ज़िया की शादी राष्ट्रपति ज़ियाउर रहमान से हुई थी
वह ब्रिटेन में इलाज कराने के बाद मई में देश लौटी थीं। इससे पहले, जनवरी की शुरुआत में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने उन्हें विदेश यात्रा की अनुमति दी थी। शेख़ हसीना की सरकार ने इससे पहले कम से कम 18 बार उनके विदेश जाने के अनुरोध को खारिज किया था।
खालिदा ज़िया की शादी राष्ट्रपति ज़ियाउर रहमान से हुई थी, जिनकी 1981 में एक तख्तापलट के दौरान हत्या कर दी गई थी। इसके बाद खालिदा ज़िया ने सैन्य तानाशाह के खिलाफ जन आंदोलन खड़ा करने में अहम भूमिका निभाई, जिसे अंततः 1990 में सत्ता से हटाया गया।
उन्होंने 1991 में पहली बार प्रधानमंत्री पद संभाला और फिर 2001 से दोबारा इस पद पर रहीं। उस चुनाव में और उसके बाद हुए कई चुनावों में उनकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी शेख़ हसीना थीं।
देश की पहली महिला PM
खालिदा जिया 1991 से 1996 तक बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं और 2001 से 2006 तक दोबारा इस पद पर लौटीं। वो देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं। खालिदा जिया 1991 के राष्ट्रीय चुनाव में जनमत के जरिए सत्ता में आई थीं। उनके कार्यकाल के दौरान संसदीय सिस्टम को बहाल किया गया और स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित किए गए।
साल 2007 में, जब सेना समर्थित कार्यवाहक सरकार ने सत्ता संभाली, तो खालिदा जिया को शेख हसीना सहित कई अन्य राजनीतिक नेताओं के साथ जेल में डाल दिया गया। बाद में जिया को रिहा किया गया और उन्होंने 2008 का संसदीय चुनाव लड़ा, लेकिन उनकी पार्टी जीत हासिल नहीं कर सकी।
(PTI के इनपुट के साथ)
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