प्रवासी नाव में सवार होकर ट्यूनीशिया से आया था फ्रांसीसी चर्च में हमला करने वाला, स्थानीय व्यक्ति के संपर्क में था

फ्रांस के मशहूर नॉट्रे डैम में हमला करने वाला शख्स मूल रूप से ट्यूनिशिया का रहने वाला है। वह पिछले महीने ही एक प्रवासी नाव पर सवार होकर यूरोप पहुंचा था। उसे इटली के एक द्वीप पर रेड क्रॉस ने दस्तावेज़ भी जारी किए थे।

फोटो : सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

फ्रांस के नीस शहर के एक मशहूर चर्च में चाकू से हमला कर तीन लोगों की जान लेने वाला व्यक्ति मूल रूप से ट्यूनिशिया का है और वह पिछले महीने ही रिफ्यूजियों की नाव पर सवार होकर यूरोप में घुसा था। फ्रांसीसी अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकाती देते हुए बताया कि हमलावर की पहचान 21 वर्षीय ब्राहीम ओइस्सोई के रूप में हुई है। अधिकारियों का कहना है कि उसकी हालत फिलहाल गंभीर है क्योंकि पुलिस की कार्रवाई में उसे गोली लगी थी, जिसमें वह घायल हो गया था।

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक यह व्यक्ति प्रवासियों की नाव में सवार होकर इटली के एक द्वीप लैंपड्यूसा पहुंचा था, जहां रेड क्रॉस ने उसे दस्तावेज़ भी जारी किए थे। फ्रांस के मुख्य आतंकवाद-रोधी अभियोजक जीन-फ्रैंकोइस रिकार्ड ने एक बयान में कहा कि हमलावर ब्राहिम के कब्जे से कुरआन की एक प्रति, दो फोन और 12 इंच का चाकू मिला है। वहीं बीबीसी ने रिकॉर्ड के हवासे से बताया कि हमलावर का एक बैग मिला था जिसमें यह सारा सामान था। बैग में मिले चाकू का इस्तेमाल नहीं किया गया था।


फ्रांस के नीस शहर में यह घटना मशहूर नॉट्रे डैम चर्च में हुई थी जिसमें हमलावर ने तीन लोगों की जान ले ली। इनमें एक 60 वर्षीय महिला भी थी जिसका इस व्यक्ति ने सिर कलम कर दिया था। इस हमले में एक अन्य 55 वर्षीय महिला विंसेंट लोक्स की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। विंसेंट लोक्स 10 साल से अधिक समय से बेसिलिका में ही काम कर रही थी। इसके अलावा जिस तीसरे व्यक्ति की मौत हुई है उसकी पहचान सिमोन बैरेटो सिल्वा के रूप में हुई है। उन पर कई बार चाकू से वार किए गए थे। हमले के बाद वह नजदीक के एक कैफे की तरफ भागा मगर कुछ ही देर में उसने भी दम तोड़ दिया।

इस बीच फ्रांसीसी मीडिया ने एक रिपोर्ट में कहा है कि हमलावर एक स्थानीय व्यक्ति के संपर्क में था। मीडिया के मुताबिक इस 47 वर्षीय व्यक्ति को बीती रात हिरासत में लिया गया है, लेकिन उसकी पहचान अभी नहीं हुई है।

गौरतलब है कि इस हमले के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने गुरुवार को ही चर्च का दौरा किया था। उन्होंने इस घटना को इस्लामी आतंकवादी हमला माना और कहा कि सार्वजनिक स्थानों की सुरक्षा के लिए तैनात सैनिकों की संख्या बढ़ाकर 7,000 कर दी जाएगी। इस बीच फ्रांस ने अपने राष्ट्रीय सुरक्षा अलर्ट को उच्चतम स्तर तक बढ़ा दिया है।

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