भारत से संबंध बहाल करना चाहते थे जनरल बाजवा, मुझ पर डाल रहे थे दबाव: इमरान खान

आम चुनाव के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए पीटीआई अध्यक्ष इमरान खान ने कहा कि अगर 90 दिनों में चुनाव नहीं हुए तो देश में कोई संविधान नहीं बचेगा और फिर वह डायरेक्ट एक्शन लेंगे।

फोटोः IANS
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नवजीवन डेस्क

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान ने कहा है कि पूर्व सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने उन पर भारत के साथ दोस्ती बहाल करने के लिए दबाव डाला था। द न्यूज ने खान के हवाले से कहा कि बाजवा भारत के साथ दोस्ती चाहते थे और उन्होंने इसके लिए उन पर दबाव बनाया। इमरान ने यह भी कहा कि बाजवा एक दिन कुछ कहते थे और अगले दिन मुकर जाते थे।

आम चुनाव के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए पीटीआई अध्यक्ष इमरान ने कहा कि अगर 90 दिनों में चुनाव नहीं हुए तो देश में कोई संविधान नहीं बचेगा और फिर वह डायरेक्ट एक्शन लेंगे। इस दौरान शहबाज शरीफ सरकार पर राजनीति प्रतिशोध के तहत अपने खिलाफ केस दर्ज करने और उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश का आरोप लगाया।


द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, इस महीने की शुरूआत में पाकिस्तान ने एक बार फिर इनकार किया कि वह भारत के साथ कोई बैकचैनल वार्ता कर रहा है, हालांकि पाकिस्तान ने एक शांतिपूर्ण पड़ोस की अपनी इच्छा को दोहराया है। खबर के मुताबिक, विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने एक साप्ताहिक ब्रीफिंग में एक सवाल के जवाब में कहा, इस स्तर पर, पाकिस्तान और भारत के बीच कोई बैक चैनल (बातचीत) नहीं है।

दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंध पिछले कई सालों से ठप पड़े हुए हैं। दोनों देशों ने न केवल राजनयिक संबंधों को डाउनग्रेड किया है बल्कि द्विपक्षीय व्यापार को भी निलंबित कर दिया है।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने कहा कि हालांकि 2021 में जब दोनों देश बैकचैनल वार्ता में लगे हुए थे, तब संबंध सुधरने की आशा दिखने लगी थी। संयुक्त अरब अमीरात में पाकिस्तान और भारत के वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों के बीच गुप्त बैठकों के कारण नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर फरवरी 2021 में संघर्ष विराम का नवीनीकरण हुआ।


इस बैकचैनल वार्ता का अगला कदम द्विपक्षीय व्यापार को बहाल करना था लेकिन यह प्रक्रिया तब रुक गई जब तत्कालीन प्रधानमंत्री खान की सरकार ने भारत से चीनी और कपास आयात करने के फैसले को ठुकरा दिया। कुछ रिपोर्ट में बाद में दावा किया गया कि पर्दे के पीछे की बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पाकिस्तान यात्रा की संभावना पर भी चर्चा हुई थी।

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