'वेनेजुएला पर हमला हुआ तो अंजाम गंभीर होंगे', ब्राजील के राष्ट्रपति लूला ने अमेरिका को चेताया
ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा ने वेनेजुएला के खिलाफ किसी भी सैन्य कार्रवाई को पूरे लैटिन अमेरिका के लिए खतरनाक बताते हुए शांति और बातचीत की अपील की है।

लैटिन अमेरिका में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के बीच ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा ने वेनेजुएला को लेकर कड़ा और साफ संदेश दिया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि वेनेजुएला के खिलाफ किसी भी तरह की सशस्त्र सैन्य कार्रवाई न सिर्फ उस देश, बल्कि पूरे दक्षिण अमेरिकी क्षेत्र के लिए विनाशकारी साबित हो सकती है। लूला ने कहा कि हथियारों का इस्तेमाल शांति का रास्ता नहीं होता और इससे हालात और बिगड़ेंगे।
शिखर सम्मेलन में अमेरिका पर खुलकर बोले लूला
शनिवार, 20 दिसंबर 2025 को मर्कोसुर और सहयोगी देशों के 67वें शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति लूला ने अमेरिका की नीतियों पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि वेनेजुएला के खिलाफ अमेरिका की ओर से दी जा रही धमकियां, संभावित नौसैनिक नाकेबंदी और कैरिबियाई क्षेत्र में बढ़ती सैन्य मौजूदगी पूरे क्षेत्र के लिए खतरे की घंटी है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, लूला ने इसे बाहरी क्षेत्रीय शक्ति की सैन्य दखलअंदाजी करार दिया, जिसने पूरे लैटिन अमेरिका को हैरानी और चिंता में डाल दिया है।
“सैन्य हस्तक्षेप बना तो मानवीय आपदा”
ब्राजील के राष्ट्रपति ने दो टूक कहा कि दक्षिण अमेरिका के लिए शांति और समृद्धि के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है। उन्होंने चेताया कि अंतरराष्ट्रीय कानून की सीमाओं को लगातार परखा जा रहा है। लूला के मुताबिक, अगर वेनेजुएला में सशस्त्र हस्तक्षेप हुआ तो यह पूरे महाद्वीप के लिए एक बड़ी मानवीय आपदा बन सकता है और दुनिया के सामने एक बेहद खतरनाक मिसाल पेश करेगा।
ट्रंप से फोन पर हुई बातचीत का जिक्र
लूला डी सिल्वा ने यह भी बताया कि हाल ही में उनकी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर बातचीत हुई थी। इस बातचीत में उन्होंने साफ कहा कि सैन्य टकराव के बजाय बातचीत और समझौते का रास्ता ज्यादा असरदार और कम नुकसानदेह होता है। लूला ने जोर दिया कि संवाद से ही स्थायी समाधान निकल सकता है, जबकि बल प्रयोग हालात को और जटिल बना देता है।
अमेरिका के कड़े कदम और बढ़ता विरोध
गौरतलब है कि ट्रंप प्रशासन ने वेनेजुएला से आने-जाने वाले तेल टैंकरों को पूरी तरह रोक दिया है। इसके साथ ही अमेरिका ने वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो की सरकार को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया है।
इतना ही नहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक इंटरव्यू में यह भी कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका अतिरिक्त तेल टैंकरों को जब्त करने की कार्रवाई जारी रखेगा। इन फैसलों के बाद लैटिन अमेरिका के कई देशों और क्षेत्रीय संगठनों ने खुलकर विरोध जताया है।
संवाद की अपील, अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग
अमेरिका के इन कदमों को लेकर क्षेत्रीय देशों ने संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वे इस मुद्दे में हस्तक्षेप करें और टकराव के बजाय शांति का रास्ता निकालने में मदद करें। उनका कहना है कि सैन्य दबाव से हालात और बिगड़ेंगे, जबकि बातचीत से ही क्षेत्र में स्थिरता लाई जा सकती है।
लैटिन अमेरिका की चिंता बढ़ी
ब्राजील जैसे बड़े और प्रभावशाली देश की यह चेतावनी साफ संकेत देती है कि वेनेजुएला को लेकर उठाया गया कोई भी सैन्य कदम सिर्फ एक देश तक सीमित नहीं रहेगा। इसका असर पूरे लैटिन अमेरिका की राजनीति, अर्थव्यवस्था और मानवीय हालात पर पड़ेगा। ऐसे में क्षेत्र के नेता अब खुलकर यह मांग कर रहे हैं कि ताकत की भाषा छोड़कर कूटनीति और संवाद को प्राथमिकता दी जाए।
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