दुनिया: इमरान खान ने इस्लामाबाद HC में दी सजा को चुनौती और समंदर में ईरान के एक्शन से बौखलाया अमेरिका!

पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान ने मंगलवार को भ्रष्टाचार के मामले में दी गई सजा को चुनौती दी है और समंदर में ईरान के एक्शन से अमेरिका बौखला गया है। उसने रेड सी में 3000 से ज्यादा सैनिकों की तैनाती की है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

पूर्व पाक पीएम इमरान खान ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट में दी सजा को चुनौती

पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान ने मंगलवार को भ्रष्टाचार के मामले में दी गई सजा को चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि 'ट्रायल कोर्ट द्वारा भ्रष्टाचार के मामले में उन्हें सजा दिया जाना न्यायधीश का पक्षपाती फैसला था। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह निष्पक्ष सुनवाई के चेहरे पर तमाचा है। इसके साथ ही यह न्याय व उचित प्रक्रिया का मजाक उड़ाने जैसा है। 70 वर्षीय खान को इस्लामाबाद ट्रायल कोर्ट द्वारा तोशखाना भ्रष्टाचार मामले में "भ्रष्ट आचरण" का दोषी पाए जाने और तीन साल जेल की सजा सुनाए जाने के तुरंत बाद शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया था।

डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, खान ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट में एक याचिका दायर करके भ्रष्टाचार के एक मामले में अपनी दोषसिद्धि और तीन साल की जेल की सजा के खिलाफ अपील की है। यह अर्जी पूर्व प्रधानमंत्री के वकील ख्वाजा हारिस और गौहर अली खान ने दायर की थी। फैसले को रद्द करने की मांग करने वाली याचिका में कहा गया, "तोशाखाना मामले में ट्रायल कोर्ट का फैसला कानून के खिलाफ है।" याचिकाकर्ता के वकीलों ने उच्च न्यायालय से केंद्रीय अपील पर फैसला आने तक सजा को निलंबित कर क्रिकेटर से नेता बने क्रिकेटर की रिहाई का आदेश जारी करने का अनुरोध किया है। खान की याचिका में कहा गया है कि निचली अदालत के न्यायाधीश द्वारा दिया गया फैसला पूर्वाग्रह से ग्रसित है, कानून की नजर में अमान्य है और रद्द किये जाने योग्य है।

इजराइल ने फिलिस्तीनी हमलावर का घर ढहाया, वीडियो वायरल

इजरायली सेना ने मंगलवार को उस फिलिस्तीनी हमलावर के घर को ध्वस्त कर दिया, जिसने फरवरी में वेस्ट बैंक में दो इजरायली भाइयों की हत्या कर दी थी। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, 49 वर्षीय अब्द अल-फतह खरौशा ने 26 फरवरी को फिलिस्तीनी शहर हवारा के पास गोलीबारी की थी, जिसमें इजरायली बस्ती हर ब्राचा के 21 वर्षीय हलेल यानिव और 19 वर्षीय यागेल यानिव की मौत हो गई। इससे पहले दिन में, सेना ने एक वीडियो जारी किया था, जिसमें सैनिकों को नब्लस शहर के असकर के घनी आबादी वाले क्षेत्र में तीन मंजिला इमारत की सबसे ऊपरी मंजिल पर स्थित संदिग्ध बंदूकधारी के घर में विस्फोट करते हुए देखा गया। सेना ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान झड़पें हुईं, स्थानीय फिलिस्तीनियों ने सैनिकों पर पत्थर और विस्फोटक फेंके।

आधिकारिक फिलिस्तीनी समाचार एजेंसी डब्ल्यूएएफए ने बताया कि इजरायली सैनिकों ने जिंदा गोलियां और रबर-कोटेड गोलियां चलाईं, जिससे कम से कम छह लोग घायल हो गए। गैस से दम घुटने के कारण अन्य 185 लोगों का रेड क्रिसेंट द्वारा इलाज किया गया। 7 मार्च को जेनिन शरणार्थी शिविर में एक इजरायली ऑपरेशन के दौरान इजरायली सैनिकों ने खरूशा की हत्या कर दी थी। अपार्टमेंट में उनके परिवार के छह सदस्य रहते थे। 1967 के मध्य पूर्व युद्ध में इज़राइल ने पूर्वी येरुशलम और गाजा पट्टी के साथ-साथ वेस्ट बैंक पर कब्जा कर लिया और अंतरराष्ट्रीय आलोचना के बावजूद इन क्षेत्रों पर नियंत्रण बनाए रखा है। फ़िलिस्तीनी इन क्षेत्रों पर अपना भावी राज्य स्थापित करना चाहते हैं।


समंदर में ईरान के एक्शन से गुस्साया अमेरिका, उतारी हजारों सैनिक

अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है। समंदर में ईरान के एक्शन से अमेरिका बौखला गया है। उसने रेड सी में 3000 से ज्यादा सैनिकों की तैनाती की है। इसके साथ-साथ उसने युद्धपोत और F-35, F-16 फाइटर जेट भी तैनात किए हैं। बता दें कि अमेरिका पारस की खाड़ी में अपने टैंकरों की जब्ती से गुस्साया हुआ है। यूएस मिलिट्री का कहना है पिछले दो साल में ईरान ने 20 अंतरराष्ट्रीय जहाजों को या तो जब्त कर लिया है या उस पर कंट्रोल जमाने का प्रयास किया है।

अमेरिका ने कहा है कि मर्चेंट जहाजों पर कार्रवाई को लेकर ऐसा किया गया है। अमेरिका ने कहा है कि होर्मुज पास दुनिया के लिए काफी अहम समुद्री रास्ता है। यह इसलिए क्योंकि इस रास्ते से दुनिया का 20 फीसदी तेज गुजरता है। मगर ईरान उसे प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है। बता दें कि दोनों देशों के बीच 2019 से ही जहाजों की जब्ती को लेकर विवाद चल रहा है। हाल के समय में यह विवाद और गहरा गया है। ईरान के एक्शन के बाद अमेरिका ने भी ईरान के जहाजों को जब्त करना शुरू कर दिया है।

पाक ने बातचीत के लिए अनुकूल माहौल बनाने की जिम्मेदारी भारत पर डाली

भारत के विदेश मंत्रालय द्वारा बातचीत के लिए आतंक और शत्रुता मुक्त माहौल बनाने में विफल रहने के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराने के जवाब में इस्लामाबाद ने अब क्षेत्र में बातचीत और शांति के लिए अनुकूल माहौल बनाने की जिम्मेदारी नई दिल्ली पर डाल दी है। पाकिस्तान विदेश कार्यालय (एफओ) के प्रवक्ता मुमताज ज़हरा बलूच ने कहा कि "ऐसे माहौल में पाकिस्तान और भारत के बीच बातचीत महत्वपूर्ण थी, जो जोर-जबरदस्ती और जुझारूपन से मुक्त हो जैसा कि भारत इस क्षेत्र में प्रदर्शित करना जारी रखता है।" एफओ का बयान प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ के भाषण पर भारतीय मंत्रालय की हालिया टिप्पणियों के जवाब में आया है, इसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान अपने पड़ोसी से बात करने के लिए तैयार है, "बशर्ते कि पड़ोसी गंभीर मुद्दों पर बात करने के लिए गंभीर हो, क्योंकि युद्ध विकल्प नहीं है।"

मुमताज बलूच ने कहा, "पाकिस्तान एक शांतिपूर्ण पड़ोस में विश्वास करता है और अपने सभी पड़ोसियों के साथ आपसी और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप शांति चाहता है।" “प्रधानमंत्री की टिप्पणियां इस स्थिति की पुष्टि करती हैं। हमारा यह भी मानना है कि पाकिस्तान और भारत के बीच ऐसे माहौल में बातचीत महत्वपूर्ण है, जो जोर-जबरदस्ती और जुझारूपन से मुक्त हो, जैसा कि भारत इस क्षेत्र में प्रदर्शित करता रहता है। हमारा मानना है कि शांति और बातचीत का माहौल बनाने की गेंद भारत के पाले में है।" पाकिस्तान और भारत शांति वार्ता के लिए आवश्यकताओं और शर्तों को पूरा करने में विफल रहने के लिए एक-दूसरे पर आरोप लगाते हुए एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप में लगे हुए हैं।


मुंबई में चीनी काउंसल जनरल ने टाटा समूह के अध्यक्ष से मुलाकात की

मुंबई स्थित चीनी जनरल कॉन्सुलेट के काउंसल जनरल खोंग श्येनहुआ ने 7 अगस्त को टाटा समूह के अध्यक्ष नटराजन चन्द्रशेखरन से मुलाकात की। इस दौरान, चन्द्रशेखरन ने चीन में टाटा समूह की व्यावसायिक स्थिति और चीन के कई शहरों का दौरा करने के अपने अनुभवों से अवगत करवाया। खोंग श्येनहुआ ने चीन-भारत आर्थिक और व्यापारिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए टाटा समूह और स्वयं चन्द्रशेखरन द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की।

खोंग ने कहा कि हम द्विपक्षीय व्यापारिक संबंधों के विकास को महत्व देते हैं और टाटा सहित भारतीय कंपनियों को चीन का दौरा करने और व्यापार पर बातचीत करने का समर्थन करते हैं। साथ ही, हम आशा करते हैं कि टाटा समूह अपने स्वयं के फायदे को पूरा करते हुए द्विपक्षीय कर्मियों की आवाजाही और व्यापारिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देंगे, ताकि दोनों देशों के लोगों की भलाई को मजबूत किया जा सके। काउंसल जनरल खोंग श्येनहुआ ने यह भी कहा कि मुंबई स्थित चीनी जनरल कॉन्सुलेट पहले की ही तरह चीनी और भारतीय व्यापार उद्यमों के बीच कर्मियों के आदान-प्रदान और आर्थिक-व्यापारिक सहयोग के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करना जारी रखेगा।

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