संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों से पहले ईरान का बड़ा कदम, फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन से अपने राजदूतों को वापस बुलाया
फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन, तीनों देशों ने ईरान पर आरोप लगाया है कि उसने अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के साथ सहयोग नहीं किया और अमेरिका के साथ सीधी बातचीत से परहेज किया।

ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच शनिवार को फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन से अपने राजदूतों को वापस बुला लिया है। यह कदम संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के फिर से लागू होने से ठीक पहले उठाया गया है।
तीनों यूरोपीय देशों के साथ तनाव
फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन, तीनों देशों ने ईरान पर आरोप लगाया है कि उसने अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के साथ सहयोग नहीं किया और अमेरिका के साथ सीधी बातचीत से परहेज किया। इसके चलते यूरोपीय देशों ने उस समय हटाए गए प्रतिबंधों को फिर से लागू करने पर जोर दिया।
संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों का दायरा
ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी ‘इरना’ ने बताया कि इस प्रतिबंधात्मक उपाय के तहत:
ईरान की विदेशों में संपत्तियों को जब्त किया जाएगा।
तेहरान के साथ हथियारों के सौदे रोक दिए जाएंगे।
ईरान के बैलेस्टिक मिसाइल कार्यक्रम जारी रहने पर उसे दंडित किया जाएगा।
वैश्विक चिंता और सुरक्षा पर असर
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम मध्यपूर्व में भू-राजनीतिक तनाव को और बढ़ा सकता है। अमेरिका और यूरोपीय देशों के दबाव में ईरान ने राजदूतों की वापसी का निर्णय लिया, जो भविष्य में कूटनीतिक वार्ता को प्रभावित कर सकता है।
(पीटीआई के इनपुट के साथ)
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia