एक तरफ इजरायली बमबारी, दूसरी तरफ मौसम की मार, गाजा में हालात और हुए भयावह! फिर होगा युद्धविराम? चर्चा हुई तेज

हमास के राजनीतिक ब्यूरो के प्रमुख हनीयेह ने बुधवार को हमास से संबद्ध अल-अक्सा टीवी पर प्रसारित एक टेलीविजन भाषण में कहा कि हम किसी भी व्यवस्था या पहल पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं जो (इजरायली) आक्रामकता पर रोक लगाती हो।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

इजरायल और हमास के बीच जंग जारी है। गाजा में बिगड़े मौसम ने फिलिस्तीनियों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। एक तरफ भारी बारिश दूसरी तरफ इजरायली बमबारी। अपनी जान बचाने के लिए गाजा से पलायन कर रहे रहे फिलिस्तीनियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। गाजा में हालात और भयावह हो गए हैं। इस बीच एक बार फिर युद्धविराम को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।  हमास नेता इस्माइल हानियेह ने कहा है कि गाजा पर शासन करने वाला फिलिस्तीनी गुट गाजा में युद्धविराम के लिए इजरायल के साथ किसी भी व्यवस्था या पहल पर चर्चा को तैयार है।

श‍िन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, हमास के राजनीतिक ब्यूरो के प्रमुख हनीयेह ने बुधवार को हमास से संबद्ध अल-अक्सा टीवी पर प्रसारित एक टेलीविजन भाषण में कहा, "हम किसी भी व्यवस्था या पहल पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं जो (इजरायली) आक्रामकता पर रोक लगाती हो।"

हनियेह ने कहा कि हमास ने गाजा में तत्काल युद्धविराम की मांग करने वाले संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव का स्वागत किया और गाजा संघर्ष को समाप्त करने के लिए सऊदी अरब और संयुक्त अरब-इस्लामिक शिखर सम्मेलन द्वारा सौंपी गई मंत्रिस्तरीय समिति के प्रयासों की सराहना की।

उन्होंने हमास द्वारा युद्ध के बाद की किसी भी राजनीतिक व्यवस्था को अस्वीकार करने की पुष्टि की, इसमें हमास और अन्य फिलिस्तीनी गुटों को शामिल नहीं किया गया है, और गाजा पर इजरायली हमलों को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ाने का आग्रह किया।


इससे पहले, इजरायली मीडिया ने कई हमास नेताओं के कतर से अज्ञात गंतव्यों के लिए प्रस्थान की सूचना दी थी, इसमें लेबनान, ईरान या अल्जीरिया जैसे देशों में संभावित स्थानांतरण की बात कही गई। रिपोर्टों के संबंध में हमास की ओर से कोई पुष्टि नहीं की गई है।

जंग से जुड़े अन्य अहम अपडेट

  • गाजा में हो रही भारी बारिश से बढ़ी मुश्किलें, पलायन कर रहे फिलिस्तीनियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

  • जेनिन में जारी इजरायली सेना की छापेमारी में कम से कम 10 फिलिस्तीनी मारे गए हैं।

  • यूएनआरडब्ल्यूए के मुताबिक, 7 अक्टूबर से गाजा में उसके आश्रओं में शरण लेने वाले 288 फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं।

  • 7 अक्टूबर से यूएनआरडब्ल्यूए कर्मचारियों की कुल मौतों की संख्या 135 हो गई है।

  • 7 अक्टूबर से अब तक इजरायली बमबारी में 18,600 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं।

  • मारे गए फिलिस्तीनयों में से 70 फीसदी महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।

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