नेपाल से ताजा अपडेट, अब कैसे हैं हालात, सुशीला कार्की, बालेंद्र शाह की चर्चा, कौन होगा अंतरिम सरकार का प्रमुख?
सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाए जाने पर स्थानीय लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं। एक स्थानीय नागरिक ने कहा कि सुशीला कार्की प्रधानमंत्री नहीं बन सकतीं, क्योंकि वह पहले ही विवादों में रह चुकी हैं।

नेपाल की पूर्व प्रधान न्यायाधीश सुशीला कार्की, काठमांडू के महापौर बालेंद्र शाह और बिजली बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष कुलमन घीसिंग का नाम उन लोगों में शामिल है, जिन पर प्रदर्शनकारी ‘जेन जी’ समूह देश की अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए विचार कर रहा है। सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
यह घटनाक्रम ऐसे समय सामने आया है, जब नेपाल की सेना ने सरकार विरोधी प्रदर्शनों के कारण के पी शर्मा ओली के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के एक दिन बाद बुधवार को विरोध प्रदर्शन की आड़ में संभावित हिंसा को रोकने के लिए देशव्यापी प्रतिबंधात्मक आदेश लागू कर दिए और कर्फ्यू लगा दिया।
‘जेन जी’ समूह के करीबी सूत्रों के अनुसार, "समूह वर्तमान में अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने वाले व्यक्ति के नाम को अंतिम रूप देने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से चर्चा कर रहा है। अंतरिम प्रधानमंत्री पद के लिए तीन नामों पर विचार किया जा रहा है।"
सूत्रों ने बताया, "समूह पूर्व प्रधान न्यायाधीश सुशीला कार्की, काठमांडू के महापौर बालेंद्र शाह और नेपाल विद्युत बोर्ड के पूर्व सीईओ कुलमन घीसिंग के नामों पर विचार कर रहा है। हालांकि, अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है।"
ओली के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद नेपाल में कोई सरकार नहीं है।
लोगों की क्या प्रतिक्रिया है?
सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाए जाने पर स्थानीय लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं। एक स्थानीय नागरिक ने कहा, "सुशीला कार्की प्रधानमंत्री नहीं बन सकतीं, क्योंकि वह पहले ही विवादों में रह चुकी हैं। सुशीला कार्की को लोग पसंद नहीं करते हैं और लोग चाहते हैं कि नई पीढ़ी का कोई नेता प्रधानमंत्री बने। हमारी पसंद बालेंद्र शाह जैसे नेता हैं।"
एक अन्य नागरिक ने कहा, "हम सुशीला कार्की को प्रधानमंत्री पद पर नहीं देखना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि बालेंद्र शाह या किसी नई पीढ़ी के नेता को यह जिम्मेदारी मिले।"
एक अन्य नेपाली नागरिक ने कहा कि हमारा देश इस समय संकट से जूझ रहा है और हम चाहते हैं कि व्यक्ति से ऊपर उठकर देश को रखना चाहिए। प्रधानमंत्री कोई भी बने, लेकिन देश के हित में ही फैसला लिया जाना चाहिए ताकि नेपाली जनता की भलाई हो सके।
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नेपाल से ताजा अपडेट:
नेपाल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने पुष्टि की है कि नेपाल में Gen-Z आंदोलन के दौरान कुल 30 लोग मारे गए हैं।
प्रदर्शनों में 1,033 लोग घायल हुए, जिनमें से 713 को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, 55 को अन्य चिकित्सा सुविधाओं में स्थानांतरित किया गया, और लगभग 253 अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं।
सशस्त्र बलों की तैनाती और कर्फ्यू
कई शहरों में सेना तैनात की गई, कर्फ्यू लगाया गया है।
नेपाल में 1,000 भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं और उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए भारत सरकार कोशिश कर रही है।
मुजफ्फरनगर एक बीजेपी कार्यकर्ता और उनके 9 साथी कुल 10 भारतीय नागरिक काठमांडू में फंसे हुए हैं।
सूरत के 12 व्यक्ति, जिनमें अधिकांश वरिष्ठ नागरिक हैं, नेपाल के काठमांडू में फंसे हुए हैं।
आंध्र प्रदेश सरकार के मुताबिक, करीब 30 तेलुगु नागरिक काठमांडू के बाफल इलाके में भारतीय दूतावास की देखरेख में सुरक्षित पाए गए हैं। उन्हें भोजन-आवास-चिकित्सा सहायता दी जा रही है।
(आईएएनएस और पीटीआई के इनपुट के साथ)
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