मार्शल लॉ विवादः दक्षिण कोरिया की अदालत से राष्ट्रपति यून को राहत, जेल से रिहा करने का आदेश
यून को तीन दिसंबर को ‘मार्शल लॉ’ लगाने के अपने आदेश के सिलसिले में, विद्रोह भड़काने के आरोप में जनवरी में गिरफ्तार किया गया था। जांच अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि यून का ‘मार्शल लॉ’ लगाने का आदेश विद्रोह के समान है।

दक्षिण कोरिया की एक अदालत ने महाभियोग का सामना कर रहे राष्ट्रपति यून सुक येओल को जेल से रिहा करने का आदेश दिया है। शुक्रवार को मीडिया ने इस बारे में खबर दी। समाचार एजेंसी ‘योनहैप’ ने बताया कि ‘सियोल सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट’ ने शुक्रवार को यह फैसला सुनाया। दक्षिण कोरिया की अन्य मीडिया इकाइयों ने भी ऐसी ही खबरें दीं। अदालत ने तुरंत इन खबरों की पुष्टि नहीं की।
यून को तीन दिसंबर को ‘मार्शल लॉ’ लगाने के अपने आदेश के सिलसिले में, विद्रोह भड़काने के आरोप में जनवरी में गिरफ्तार किया गया था। जांच अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि यून का ‘मार्शल लॉ’ लगाने का आदेश विद्रोह के समान है। अगर वह इस अपराध के लिए दोषी पाए जाते हैं, तो उन्हें मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सजा हो सकती है।
दिसंबर में सांसदों ने यून पर अलग से महाभियोग की प्रक्रिया शुरू की थी, जिसके बाद मामला संवैधानिक न्यायालय पर छोड़ दिया गया। यून के राष्ट्रपति पद को औपचारिक रूप से समाप्त किया जाए या उसे बहाल किया जाए, इसका फैसला संवैधानिक न्यायालय करेगा। अगर संवैधानिक न्यायालय यून के महाभियोग को बरकरार रखता है, तो उन्हें आधिकारिक रूप से पद से हटा दिया जाएगा और दो महीने के भीतर उनके उत्तराधिकारी को चुनने के लिए राष्ट्रीय चुनाव आयोजित किए जाएंगे।
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