5000 से ज्यादा लोगों की मौत, शहर के शहर तबाह, क्यों इतना विनाशकारी रहा तुर्की में आया भूकंप?

तुर्की में 1939 के बाद यह सबसे तेज भूकंप था। रिपोर्ट के अनुसार 1939 में उत्तरी तुर्की क्षेत्र में उत्तरी अनातोलियन फॉल्ट लाइन के साथ आए भूकंप में 17,000 से अधिक लोग मारे गए थे, लेकिन सोमवार का भूकंप देश के दूसरी तरफ ईस्ट एनाटोलियन फॉल्ट के साथ आया था।

फोटोः IANS
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नवजीवन डेस्क

तुर्की और सीरिया में आए 7.8 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप में अब तक 5000 लोगों की मौत हो चुकी है। यह इस दशक के सबसे घातक भूकंपों में से एक माना जा रहा है। मंगलवार सुबह तक तुर्की में मरने वालों की संख्या 3,500 थी, जबकि सीरिया में यह बढ़कर 1,509 हो गई थी।

द स्ट्रेट्स टाइम्स की रिपोर्ट ने वैज्ञानिकों के हवाले से कहा है कि भूकंप का समय, स्थान, अपेक्षाकृत शांत फॉल्ट लाइन और ढह गई इमारतों के कमजोर निर्माण सहित अन्य कारकों के संयोजन के कारण और अपनी तीव्रता के कारण इतना विनाशकारी था और इस तरह की तबाही का कारण बना।


1939 के बाद से तुर्की में आने वाला यह सबसे तेज भूकंप था। रिपोर्ट में कहा गया है कि 1939 में उत्तरी तुर्की क्षेत्र में उत्तरी अनातोलियन फॉल्ट लाइन के साथ आए भूकंप में 17,000 से अधिक लोग मारे गए थे, लेकिन सोमवार का भूकंप देश के दूसरी तरफ ईस्ट एनाटोलियन फॉल्ट के साथ आया था।

रिपोर्ट में कहा गया है कि तुर्की दुनिया के सबसे सक्रिय भूकंप क्षेत्रों में से एक है। ब्रिटिश भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण में एक मानद शोध सहयोगी डॉ. रोजर मुसन ने कहा कि ईस्ट एनाटोलियन फॉल्ट ने पिछले दो शताब्दियों में 7 तीव्रता के भूकंप का अनुभव नहीं किया था।

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