हसीना की अवामी लीग के एक लाख से अधिक सदस्य भारत भागे, बांग्लादेश के सूचना सलाहकार का दावा

मानवाधिकार समूह ‘मेयर डाक’ ने शहर के तेजगांव क्षेत्र में कार्यक्रम का आयोजन किया था, जिसमें हसीना की आलोचना करते हुए महफूज आलम ने कहा कि उन्होंने अपने माता-पिता की हत्या का बदला लेने के लिए लोगों को जबरन गायब कर दिया और उनकी हत्या करवा दी।

हसीना की अवामी लीग के एक लाख से अधिक सदस्य भारत भागे, बांग्लादेश के सूचना सलाहकार का दावा
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नवजीवन डेस्क

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सूचना सलाहकार महफूज आलम ने मंगलवार को एक सभा में दावा किया कि अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग पार्टी के एक लाख से अधिक सदस्य भारत भाग गए हैं। बांग्लादेशी समाचार पोर्टल बीडीन्यूज24डॉट कॉम के अनुसार, आलम ने यह टिप्पणी ढाका में ईद के अवसर पर आयोजित एक समारोह में की, जिसमें हसीना के कार्यकाल के दौरान कथित रूप से लापता या मारे गए व्यक्तियों के परिवार शामिल हुए थे।

इस संबंध में एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि मानवाधिकार समूह ‘मेयर डाक’ ने शहर के तेजगांव क्षेत्र में इस कार्यक्रम का आयोजन किया। सरकारी समाचार एजेंसी बीएसएस के अनुसार, हसीना की आलोचना करते हुए महफूज आलम ने कहा कि उन्होंने अपने माता-पिता की हत्या का बदला लेने के लिए लोगों को जबरन गायब कर दिया और उनकी हत्या करवा दी।


वहीं बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को लेकर विवादित टिप्पणी की है। चीन की अपनी चार दिवसीय यात्रा के दौरान यूनुस ने कहा कि उनका देश महासागर (बंगाल की खाड़ी) का एकमात्र संरक्षक है क्योंकि भारत के पूर्वोत्तर राज्य चारों ओर से जमीन से घिरे हैं और उनके पास समुद्र तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे ‘‘बड़ी संभावनाएं’’ खुलेंगी और चीन को बांग्लादेश में अपना आर्थिक प्रभाव बढ़ाना चाहिए।

यूनुस की टिप्पणी पर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और इन्हें ‘‘शर्मनाक’’ और ‘‘भड़काऊ’’ करार दिया। कांग्रेस नेता खेड़ा ने कहा, ‘‘भारत को घेरने के लिए बांग्लादेश चीन को आमंत्रित कर रहा है। बांग्लादेश सरकार का यह रवैया हमारे पूर्वोत्तर क्षेत्र की सुरक्षा के लिए बहुत खतरनाक है। सरकार मणिपुर की सुध नहीं ले रही है और चीन पहले ही अरुणाचल में गांव बसा चुका है।’’ वहीं शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि यह एक ‘‘बहुत गंभीर मुद्दा’’ है और यह राष्ट्र की ‘‘सुरक्षा’’ से संबंधित है।

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