दुनिया की खबरें: म्यांमार में आए घातक भूकंप के कारण एक सप्ताह का राष्ट्रीय शोक घोषित और पुतिन पर भड़के ट्रंप

भूकंप से हुई क्षति और जानमाल के नुकसान के प्रति सहानुभूति जताते हुए 31 मार्च से 6 अप्रैल तक की अवधि को राष्ट्रीय शोक दिवस घोषित किया गया है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

म्यांमार के राज्य प्रशासन परिषद के अध्यक्ष वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग ने सोमवार को 28 मार्च को देश में आए 7.7 तीव्रता के भूकंप के बाद एक सप्ताह के शोक की घोषणा की।

भूकंप से हुई क्षति और जानमाल के नुकसान के प्रति सहानुभूति जताते हुए 31 मार्च से 6 अप्रैल तक की अवधि को राष्ट्रीय शोक दिवस घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा।

समाचार एजेंसी श‍िन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को म्यांमार की राज्य प्रशासन परिषद के अनुसार, इस भीषण भूकंप में लगभग 1,700 लोग मारे गए, 3,400 घायल हुए और 300 लोग लापता हैं।

म्यांमार के मौसम विज्ञान और जल विज्ञान विभाग ने बताया कि सोमवार सुबह तक 2.8 से 7.5 तीव्रता के 36 झटके महसूस किए गए हैं। शुक्रवार को म्यांमार के मांडले क्षेत्र में 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिसके कुछ मिनट बाद 6.4 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे कई देशों में भारी जनहानि और क्षति हुई।

भूकंप का केंद्र मांडले से केवल 20 किमी दूर था, जो देश का दूसरा सबसे बड़ा शहर है और इसकी आबादी 1.5 मिलियन है। प्रतिक्रिया में, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति ने सागाइंग क्षेत्र, मांडले क्षेत्र, मैगवे क्षेत्र, शान राज्य के उत्तर पूर्वी भाग, ने पी ताव की राजधानी और बागो क्षेत्र में आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी।

बचाव अभियान अभी भी जारी है, जबकि प्रभावित आबादी की गंभीर जरूरतों को पूरा करने के लिए अंतरराष्ट्रीय राहत प्रयासों को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है।

दक्षिण में मांडले और यांगून को जोड़ने वाली कई प्रमुख सड़कें क्षतिग्रस्त या अवरुद्ध हो गईं, जबकि मांडले और ने पी ताव में एयरपोर्ट को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया। वहीं, सभी उड़ानें रद्द कर दी गईं।

सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई तस्वीरों और वीडियो में मांडले क्षेत्र में इमारतों, मंदिरों और कई ऐतिहासिक स्थलों को काफी संरचनात्मक क्षति दिखाई गई। इसमें मांडले पैलेस और महामुनि पैगोडा शामिल हैं।

यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे के अनुसार, यह भूकंप इस साल का अब तक का सबसे शक्तिशाली भूकंप है। थाईलैंड, वियतनाम, लाओस और दक्षिण-पश्चिम चीन में झटके महसूस किए गए।

म्यांमार : विनाशकारी भूकंप के बाद महसूस किए गए 36 झटके, 1700 की मौत, 3400 घायल

म्यांमार में सोमवार सुबह 2.8 से 7.5 तीव्रता वाले भूकंप के 36 झटके महसूस किए गए। देश के मौसम विज्ञान एवं जल विज्ञान विभाग ने यह जानकारी दी।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, ये झटके पिछले शुक्रवार को स्थानीय समयानुसार दोपहर 12:51 बजे म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप के बाद महसूस किए गए।

म्यांमार की राज्य प्रशासन परिषद ने रविवार को जानकारी दी कि भीषण भूकंप में लगभग 1,700 लोग मारे गए, 3,400 घायल हुए और 300 लोग लापता हैं।

म्यांमार के मांडले क्षेत्र में शुक्रवार को 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिसके कुछ ही मिनट बाद 6.4 तीव्रता का दूसरा झटका आया, जिससे देश में बड़े पैमाने पर जानमाल का नुकसान हुआ। म्यांमार के साथ ही थाईलैंड में भूकंप ने तबाही मचाई। झटके चीन, बांग्लादेश और भारत में महसूस किए गए।

थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में शनिवार को अधिकारियों ने बताया कि 10 लोग मारे गए और 42 अन्य घायल हो गए, तथा 78 अन्य लापता हैं। भूकंप के बाद, थाई प्रधानमंत्री पैतोंगटार्न शिनावात्रा ने बैंकॉक में आपातकाल की घोषणा की।

भूकंप का केंद्र 1.5 मिलियन की आबादी वाले देश के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले से केवल 20 किलोमीटर दूर था।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति ने सागाइंग क्षेत्र, मांडले क्षेत्र, मैगवे क्षेत्र, शान राज्य के उत्तरपूर्वी भाग, ने प्यी ताव की राजधानी और बागो क्षेत्र में आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी।

बचाव कार्य अभी भी जारी है, जबकि प्रभावित लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय राहत प्रयास तेजी से चलाए जा रहे हैं।

दक्षिण में मांडले और यांगून को जोड़ने वाली कई प्रमुख सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं या अवरुद्ध हो गईं। मांडले और ने प्यी ताव में हवाई अड्डों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया और सभी उड़ानें रद्द कर दी गईं।

सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई तस्वीरों और वीडियो में मंडाले क्षेत्र में इमारतों, मंदिरों और कई ऐतिहासिक स्थलों को भारी संरचनात्मक क्षति दिखाई गई, जिनमें मंडाले पैलेस और महामुनि पैगोडा भी शामिल हैं।

म्यांमार में आए उच्च तीव्रता वाले भूकंप के कुछ घंटों बाद, व्यापक तबाही मचाने के बाद, भारत ने भी बचाव दल भेजकर और मानवीय सहायता प्रदान करके पड़ोसी देश की त्वरित मदद की।


बांग्लादेश में सड़कों पर संघर्ष, बीएनपी के दो गुट भिड़े, अंतरिम सरकार के सूचना सलाहकार के पिता घायल

ढाका, 31 मार्च (आईएएनएस)। बांग्लादेश के सूचना एवं प्रसारण सलाहकार महफूज आलम के पिता पर उनके गांव, लक्ष्मीपुर के रामगंज उपजिला में हमला हुआ। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) समर्थक दो इकाइयों के बीच गुटीय संघर्ष के दौरान कथित तौर पर यह घटना घटी।

परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि शुक्कुर अली ने सलाहकार के पिता अजीजुर रहमान बच्चू पर हमले का नेतृत्व किया। रहमान इच्छापुर यूनियन में बीएनपी यूनिट के संगठन सचिव के रूप में भी काम कर रहे हैं।

शुक्कुर अली बीएनपी की स्टूडेंट विंग 'छात्र दल' के पूर्व नेता और स्वेच्छा सेवक दल यूनियन इकाई के अध्यक्ष पद के संभावित उम्मीदवार है।

रहमान ईंटों से वार किया गया। उनके के हाथ में चोटें आईं और उन्हें अस्पताल ले जाया गया। इस घटना में उनका एक रिश्तेदार भी घायल हो गया।

प्रमुख बांग्लादेशी दैनिक 'प्रथम आलो' से बात करते हुए सलाहकार मफूज आलम के बड़े भाई महबूब आलम ने कहा कि झड़प तब हुई जब बीएनपी नेताओं और कार्यकर्ताओं के दो अलग-अलग ग्रुप मेहदी हसन को रविवार शाम को क्षेत्र में लौटते समय हिरासत में लेने रवाना हुए।

हसन प्रतिबंधित अवामी लीग की छात्र शाखा बांग्लादेश छात्र लीग (बीसीएल) की जिला इकाई के अध्यक्ष हैं।

एक समय ऐसा आया जब बीसीएल नेता के बारे में अंतिम फैसले को लेकर दोनों समूहों के बीच कहासुनी हो गई और दोनों पक्षों के बीच हाथापाई शुरू हो गई।

ग्रामीणों ने दोनों गुटों के बीच लड़ाई को रोकने की कोशिश की तो स्थानीय लोगों के साथ भी उनकी झड़प हुई।

इस बीच अजीजुर रहमान जब झड़प को रोकने के लिए आगे आए, तो छात्र दल और स्वेच्छा सेवक दल के कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला कर दिया।

रामगंज थाने के प्रभारी अधिकारी अबुल बशर ने रविवार को बताया, "छात्र दल और स्वेच्छा सेवक दल के कार्यकर्ताओं के बीच विवाद हुआ। एक समय तो झड़प भी हो गई। अजीजुर रहमान ने दोनों पक्षों को शांत करने की कोशिश की। लेकिन, उनसे नाराज होकर एक गुट ने उन पर हमला कर दिया।"

इस घटना से नाराज छात्रों ने रविवार रात रामगंज कस्बे में विरोध मार्च निकाला। प्रदर्शनकारियों ने हमले में शामिल लोगों के लिए कड़ी सजा की मांग की।

हाल के आंकड़ों से पता चला है कि बीएनपी में गुटीय झड़पें जारी हैं, जिसके कारण इसके कई पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की मौत हो गई है।

अगस्त 2024 में मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली मौजूदा अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद से देश में कानून-व्यवस्था की स्थिति और भी खराब हो गई है।

खालिदा जिया की बीएनपी ने छात्र नेताओं और मुहम्मद यूनुस के साथ मिलकर अवामी लीग की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को उखाड़ फेंकने का काम किया। हालांकि, तब से, बीएनपी के भीतर गहरी दरारें दिखाई देने लगी हैं, जिसके कारण इसके कई शीर्ष नेता मारे गए।

पाकिस्तान में रमजान के दौरान पिछले एक दशक में सबसे ज्यादा आतंकवादी हमले हुए

पाकिस्तान में रमजान के महीने के दौरान पिछले एक दशक में सबसे अधिक आतंकवादी हमले हुए। यह बात सोमवार को एक ‘थिंक टैंक’ ने कही।

कुछ आतंकवादी समूह पूर्व में रमजान के दौरान हिंसक गतिविधियां नहीं करते थे, लेकिन हाल के वर्षों में देश में हिंसा में समग्र वृद्धि देखी गई है।

‘पाक इंस्टिट्यूट फॉर पीस स्टडीज’ ने कहा कि पाकिस्तान में रविवार को समाप्त हुए रमजान के दौरान कम से कम 84 हमले हुए। इसने कहा कि पिछले साल रमजान के दौरान 26 हमले हुए थे।

पाकिस्तानी तालिबान ने नवंबर 2022 में सरकार के साथ किये गए एकतरफा संघर्षविराम को समाप्त कर दिया था, जबकि बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने बड़े पैमाने पर हमले करने की क्षमता विकसित कर ली है। दोनों संगठनों की, हिंसा में वृद्धि में बड़ी भूमिका रही है।

प्रतिबंधित बीएलए ने 11 मार्च को दक्षिण-पश्चिमी प्रांत बलूचिस्तान में एक ट्रेन का अपहरण कर लिया था, जिसमें कम से कम 25 लोग मारे गए थे।

वहीं, एक अन्य थिंक टैंक ‘पाकिस्तान इंस्टिट्यूट फॉर कॉन्फ्लिक्ट एंड सिक्योरिटी स्टडीज’ ने कहा कि रमजान के पहले तीन सप्ताह में 61 हमले हुए। इसने कहा कि पिछले साल रमजान के दौरान कुल 60 हमले हुए थे।

इसने यह भी कहा कि सुरक्षाकर्मियों के लिए यह एक दशक का सबसे घातक रमजान रहा, जिसमें 2 मार्च से 20 मार्च के बीच 56 लोग मारे गए।

‘पाकिस्तान इंस्टिट्यूट फॉर कॉन्फ्लिक्ट एंड सिक्योरिटी स्टडीज’ के प्रबंध निदेशक अब्दुल्ला खान ने आतंकी गतिविधियों में समग्र वृद्धि का हवाला दिया।

खान ने कहा, ‘‘विभिन्न समूहों का एकीकरण हुआ है। बलूच गुट आपस में हाथ मिला रहे हैं। कुछ इलाकों (उत्तर-पश्चिम) में हाफिज गुल बहादुर गुट पाकिस्तानी तालिबान से भी ज्यादा खतरनाक है, वह उनसे (हिंसा में) प्रतिस्पर्धा कर रहा है।’’

उन्होंने कहा कि लश्कर-ए-इस्लाम जैसे प्रतिबंधित संगठन भी फिर से सक्रिय हो गए हैं, जो उत्तर-पश्चिमी प्रांत खैबर पख्तूनख्वा से अपनी गतिविधियां संचालित करते हैं।

पाकिस्तान ने पड़ोसी देश अफगानिस्तान की तालिबान सरकार पर ऐसे समूहों को पनाह देने का आरोप लगाते हुए कहा कि 2021 में तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद से आतंकवादी फल-फूल रहे हैं।


तारीफ करते-करते पुतिन पर भड़के ट्रंप, दे दी धमकी, क्या है मामला?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से खासे नाराज नजर आए। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें ऐसा लगा कि मॉस्को यूक्रेन में युद्ध खत्म करने की उनकी कोशिशों में मुश्किलें खड़ी कर रहा है, तो वे रूसी तेल के खरीदारों पर 25% से 50% तक का सेकेंडरी टैरिफ लगा देंगे।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप ने एनबीसी न्यूज को बताया कि वह पिछले सप्ताह पुतिन की ओर से यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के नेतृत्व की विश्वसनीयता की आलोचना किए जाने से बहुत नाराज हैं। टेलीविजन नेटवर्क ने रविवार को एक टेलीफोन इंटरव्यू का हवाला देते हुए यह बात कही।

जनवरी में पदभार ग्रहण करने के बाद से ट्रंप का रवैया रूस के प्रति नरम रहा है। रविवार को पुतिन के बारे में उनकी तीखी टिप्पणियां युद्धविराम पर कोई प्रगति न होने के कारण उनकी बढ़ती हताशा को दर्शाती हैं।

ट्रंप ने कहा, "यदि रूस और मैं, यूक्रेन में रक्तपात रोकने के लिए कोई समझौता करने में असमर्थ रहे, और यदि मुझे लगा कि यह रूस की गलती है... तो मैं तेल पर, रूस से आने वाले सभी तेल पर सेकेंडरी टैरिफ लगाने जा रहा हूं।"

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, "इसका मतलब यह होगा कि अगर आप रूस से तेल खरीदते हैं, तो आप अमेरिका में व्यापार नहीं कर सकते। सभी तेल पर 25% टैरिफ होगा, सभी तेल पर 25 से 50 पॉइंट टैरिफ होगा।"

ट्रंप ने बाद में पत्रकारों से कहा कि वे पुतिन से निराश हैं, हालांकि उन्होंने यह भी कहा, "मुझे लगता है कि हम कदम दर कदम प्रगति कर रहे हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने इस सप्ताह पुतिन से बात करने की योजना बनाई है।

ट्रंप ने कहा कि वे एक महीने के भीतर नए व्यापार कदम उठा सकते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान पर मॉस्को की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।

पुतिन ने शुक्रवार को सुझाव दिया था कि यूक्रेन को अस्थायी प्रशासन के तहत रखा जा सकता है ताकि नए चुनाव हो सकें जो जेलेंस्की को बाहर कर सकें।

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