पाकिस्तान के पंजाब में चुनाव पर फंसा नया पेंच, सेना ने सुरक्षा उपलब्ध कराने से किया इनकार

रक्षा सचिव जमान खान ने चुनाव आय़ोग से कहा कि यह सरकार का निर्णय होगा कि या तो सशस्त्र बलों को सीमा सुरक्षा और आतंकी खतरे का मुकाबला करने के उनके बुनियादी कर्तव्यों पर सीमित किया जाए या चुनाव सुरक्षा के लिए भी आवंटित किया जाए।

पाकिस्तान के पंजाब में चुनाव पर फंसा नया पेंच
पाकिस्तान के पंजाब में चुनाव पर फंसा नया पेंच
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नवजीवन डेस्क

पाकिस्तान में शहजाब शरीफ सरकार और सुप्रीम कोर्ट में तनातनी के बीच पंजाब प्रांतीय चुनाव पर नया पेंच फंस गया है। अब पाक चुनाव आयोग को देश की सेना ने दो टूक संदेश भेजा है कि पंजाब प्रांत में आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान सुरक्षा प्रदान करने के लिए सैनिक उपलब्ध नहीं होंगे। यह आयोग द्वारा 30 अप्रैल को पंजाब चुनाव कराने की योजना बनाने के लिए पंजाब के शीर्ष अधिकारियों, रक्षा मंत्रालय और संघीय सरकार के अधिकारियों के साथ की गई बैठकों के बाद आया है।

पाक सेना की इस प्रतिक्रिया ने देश के सबसे बड़े प्रांत के चुनावों पर गंभीर सवाल और चिंताएं पैदा कर दी हैं। पाक चुनाव आयोग पंजाब चुनाव प्रक्रिया के दौरान सुरक्षा प्रदान करने के लिए सुरक्षा बलों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों की मदद चाहता है। सूत्रों के अनुसार, सशस्त्र बलों ने कहा कि देश में बढ़ते आतंकी हमलों और खतरों के साथ मौजूदा सुरक्षा और कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए सुरक्षा उनकी पहली और सर्वोच्च प्राथमिकता बनी हुई है।


चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने कहा, रक्षा सचिव लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) हामूदुज जमान खान ने चुनाव आयुक्त को कानून और व्यवस्था की स्थिति, सीमा की स्थिति और देश के अंदर सैनिकों की तैनाती के बारे में जानकारी दी है। रक्षा सचिव ने कहा कि सीमाओं की सुरक्षा सेना की प्राथमिक जिम्मेदारी है। सूत्रों ने यह भी खुलासा किया कि सशस्त्र बलों ने कहा है कि बढ़ते आतंकी खतरे, सीमा सुरक्षा की स्थिति और देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति का प्रभाव सेना पर भी पड़ा है, यही वजह है कि इस बार चुनाव ड्यूटी के लिए सैनिक उपलब्ध नहीं होंगे।

चुनाव ड्यूटी को सेकेंडरी टास्क बताते हुए जमान खान ने कहा कि यह सरकार का निर्णय होगा कि या तो सशस्त्र बलों को सीमा सुरक्षा और आतंकी खतरे का मुकाबला करने के उनके बुनियादी कर्तव्यों पर सीमित किया जाए या चुनाव सुरक्षा के लिए आवंटित किया जाए। यहां खास बात यह है कि पंजाब की कार्यवाहक सरकार द्वारा चुनाव के लिए सुरक्षा प्रदान करने से मना करने के बाद सेना ने भी अपने सैनिकों को उपलब्ध कराने से इनकार कर दिया है।


आईजी पुलिस पंजाब ने कहा था कि आतंकवादी समूहों द्वारा हमलों के मौजूदा खतरों के मद्देनजर सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं। हमारे सैनिक चल रहे जनगणना गणकों को भी सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं और मस्जिदों, बाजारों और आतंकी हमलों के अन्य संभावित ठिकानों पर भी विशेष तैनाती की गई है। इन परिस्थितियों को देखते हुए, सभी राजनीतिक आयोजनों के लिए सुरक्षा प्रदान करना बहुत कठिन होगा। जमान खान ने कहा कि उद्देश्य सिर्फ चुनाव नहीं बल्कि पारदर्शी मतदान है। इन परिस्थितियों में चुनाव कराना संभव नहीं है।

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