पाकिस्तानः इमरान को जेल में भी रखना काफी महंगा, हर महीने सिर्फ सुरक्षा पर होता है 12 लाख रुपये खर्च

‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की खबर के मुताबिक, इमरान खान का खाना सहायक अधीक्षक की निगरानी में एक अलग रसोई में पकाया जाता है और भोजन परोसे जाने से पहले मेडिकल अधिकारी या उपाधीक्षक उसकी जांच करते हैं।

इमरान को जेल में रखने पर हर महीने सिर्फ सुरक्षा पर होता है 12 लाख रुपये खर्च
इमरान को जेल में रखने पर हर महीने सिर्फ सुरक्षा पर होता है 12 लाख रुपये खर्च
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पीटीआई (भाषा)

पाकिस्तान में रावलपिंडी की अडियाला जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई प्रमुख इमरान खान को जेल में रखना भी काफी महंगा पड़ रहा है। जेल अधिकारियों की ओर से लाहौर उच्च न्यायालय में पेश की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक इमरान खान की सुरक्षा पर हर महीने 12 लाख रुपये का खर्च आ रहा है।

जेल अधिकारियों की ओर से लाहौर उच्च न्यायालय में पेश की गई रिपोर्ट के मुताबिक, 71 वर्षीय इमरान खान को जेल परिसर के अंदर विशेष सुविधाएं प्रदान की गई हैं जिसमें पांच लाख रुपये की लागत से पृथक सीसीटीवी प्रणाली शामिल है। यह सात हजार कैदियों की निगरानी करने वाली प्रणाली से अलग है।

‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की खबर के मुताबिक, इमरान खान का खाना सहायक अधीक्षक की निगरानी में एक अलग रसोई में पकाया जाता है और भोजन परोसे जाने से पहले मेडिकल अधिकारी या उपाधीक्षक उसकी जांच करते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री के स्वास्थ्य की जांच और इलाज के लिए ‘होली फैमिली हॉस्पिटल’ के 6 से अधिक डॉक्टरों की टीम वहां मौजूद है। इसके अलावा एक विशेषज्ञ दल उनकी नियमित जांच करता है।


इमरान खान के पास सात विशेष कोठरी में से दो हैं, जबकि पांच अन्य कोठरियों को सुरक्षा कारणों से बंद रखा गया है। इन कोठरियों में करीब 35 कैदियों को रखा जाता है। खान की कोठरी तक पहुंच सीमित है, प्रवेश के लिए अनुमति की जरूरत होती है और उनके वार्ड की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पेशेवर रूप से प्रशिक्षित कर्मियों को नियुक्त किया गया है।

रिपोर्ट के अनुसार, इमरान खान की सुरक्षा में 15 कर्मी लगे हैं, जिनमें दो सुरक्षा अधिकारी और तीन उनकी निजी सुरक्षा के लिए हैं। इसके अलावा, जेल परिसर में एक निर्दिष्ट क्षेत्र इमरान खान के टहलने के लिए निर्धारित किया गया है, जहां व्यायाम मशीन और अन्य सुविधाएं हैं। रिपोर्ट में अडियाला जेल की सुरक्षा सुनिश्चित करने में जेल पुलिस, रेंजर्स और जिला पुलिस के सहयोगात्मक प्रयासों के बारे में जानकारी दी गई है।

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