लगातार रेटिंग घटने से भड़का पाकिस्तान, मूडीज को दी चेतावनी- नहीं बदला तो मुंहतोड़ जवाब देंगे

इस साल की शुरूआत में देश में आई विनाशकारी बाढ़ के बाद गुरुवार को मूडीज ने सरकारी तरलता और बाहरी भेद्यता जोखिमों का हवाला देते हुए पाकिस्तान की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को बी3 से एक पायदान घटाकर सीएए1 कर दिया, जिस पर पाकिस्तान भड़क गया है।

फोटोः नवजीवन
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नवजीवन डेस्क

भारी आर्थिक समस्या से जूझ रहे पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने शुक्रवार को मूडीज इन्वेस्टर सर्विस को चेतावनी दी कि, अगर एजेंसी ने देश की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग के डाउनग्रेड को नहीं बदला तो वह अगले सप्ताह अपने अधिकारियों के साथ बैठक में इसका 'मुंहतोड़' जवाब देंगे। डॉन न्यूज ने मंत्री के हवाले से कहा, उन्हें (मूडी के अधिकारियों को) मुझसे मिलना है। मैंने उनसे कहा कि अगर आप इसे (बदलते) नहीं हैं, तो मैं आपको अगले हफ्ते हमारी बैठक में इसका मुंहतोड़ जवाब दूंगा।

इस साल की शुरूआत में देश में आई विनाशकारी बाढ़ के बाद गुरुवार को मूडीज ने सरकारी तरलता और बाहरी भेद्यता जोखिमों का हवाला देते हुए पाकिस्तान की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को बी3 से एक पायदान घटाकर सीएए1 कर दिया है। न्यूयॉर्क स्थित रेटिंग एजेंसी ने यह कहते हुए कि बाढ़ ने पाकिस्तान की तरलता और बाहरी ऋण कमजोरियों को बढ़ा दिया है और सामाजिक खर्च की जरूरतों में काफी वृद्धि हुई है, जबकि सरकारी राजस्व गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है।


डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, कर्ज की वहनीयता, पाकिस्तान के लिए लंबे समय से चली आ रही ऋण कमजोरी, निकट भविष्य के लिए बेहद कमजोर रहेगी। डाउनग्रेड ने देश को सात साल यानि मार्च 2015 के बाद सी-श्रेणी में धकेला है। इस्लामाबाद में एक जवाबदेही अदालत के बाहर आज बात करते हुए डार ने कहा कि उन्होंने एजेंसी के अधिकारियों से बात की थी और उनसे कहा था कि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था।

वित्त मंत्री ने कहा कि मूडीज को डाउनग्रेड करने से पहले पाकिस्तान से परामर्श करना चाहिए था। हालांकि, उन्होंने कहा कि चिंता का कोई कारण नहीं क्योंकि रेटिंग एजेंसी फिच ने भी इस सप्ताह की शुरूआत में यूके को डाउनग्रेड किया था। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक मूडीज ने कहा कि पाकिस्तान की कमजोर संस्थाओं और शासन की ताकत ने अनिश्चितता को बढ़ा दिया है कि क्या देश एक विश्वसनीय नीति पथ बनाए रखेगा जो आगे के वित्तपोषण का समर्थन करता है।

यहां बता दें कि नकारात्मक दृष्टिकोण उन जोखिमों को भी कैप्चर कर लेता है, जिन्हें ऋण पुनर्गठन की आवश्यकता होती है, यह निजी क्षेत्र के लेनदारों तक विस्तारित हो सकता है।

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