अपहरण के 4 महीने बाद घर लौटा पाकिस्तानी पत्रकार, सैन्य प्रतिष्ठान के खिलाफ मुखर रुख के लिए था चर्चित

पाकिस्तान को पत्रकारों के लिए दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में एक माना जाता है जहां प्रेस की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आजादी पर लगातार अत्याचार किया जाता है। पत्रकारों पर लक्षित हमले, हत्या के प्रयास, यातनाएं, अपहरण और यहां तक कि हत्याएं भी की गई हैं।

अपहरण के 4 महीने बाद घर लौटा पाकिस्तानी पत्रकार
अपहरण के 4 महीने बाद घर लौटा पाकिस्तानी पत्रकार
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नवजीवन डेस्क

पाकिस्तान में चार महीने पहले अगवा हुए प्रमुख पत्रकार और एंकर इमरान रियाज खान सोमवार को अपने परिवार के पास घर लौट आए। वो देश के सैन्य प्रतिष्ठान के खिलाफ अपने मुखर रुख और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खुले समर्थन के लिए चर्चित थे। उनकी सुरक्षित वापसी की पुष्टि सियालकोट पुलिस ने की है। पुलिस ने कहा कि पत्रकार/एंकर इमरान रियाज़ खान को सुरक्षित बरामद कर लिया गया है। वह अब अपने परिवार के साथ हैं।

इमरान रियाज़ खान के वकील ने भी उनके परिवार के पास सुरक्षित वापसी की खबर की पुष्टि की है। वकील अशफाक ने कहा कि खुदा के आशीर्वाद, कृपा और दया से, मैं अपने राजकुमार को वापस ले आया हूं। उन्होंने कहा, "कमज़ोर न्यायपालिका और संविधान की वर्तमान स्थिति के साथ-साथ कानूनी लाचारी सहित कई कठिनाइयों का सामना करने के कारण इसमें काफी समय लगा।"

इमरान रियाज़ खान की वापसी से उनके परिवार और पाकिस्तान के पत्रकार समुदाय ने राहत की सांस ली, जो महीनों से उनके जबरन और अवैध अपहरण का मुद्दा उठा रहे थे। 11 मई को उनके खिलाफ दर्ज एक मामले में रिहा होने के बाद इमरान रियाज़ खान का 15 मई को अज्ञात लोगों ने अपहरण कर लिया था। तब से, उनका ठिकाना अज्ञात रहा। उन्हें किसी भी अदालत के सामने पेश नहीं किया गया, न ही किसी प्राधिकारी द्वारा कोई आरोप तय किया गया।


लाहौर हाई कोर्ट में एक मामला दर्ज किया गया था जिसमें इमरान रियाज़ खान के ठिकाने का विवरण मांगा गया, जिसमें अदालत से मुख्यधारा के पत्रकार की बरामदगी सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया था। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी इमरान रियाज़ खान का समर्थन अपने सोशल मीडिया व्लॉग्स और टेलीविजन कार्यक्रमों के माध्यम से किया।

अप्रैल 2022 में इमरान खान के सत्ता से बेदखल होने के बाद, इमरान रियाज़ पूर्व प्रधानमंत्री के अग्रणी समर्थकों में से थे, जिन्होंने अपने विपक्षी राजनीतिक गठबंधन दलों को गद्दार, लुटेरा और भ्रष्ट कहा था। इमरान रियाज़ खान सैन्य प्रतिष्ठान के बारे में भी बहुत मुखर थे। वह देश के मीडियाकर्मियों और पत्रकारों के बारे में भी मुखर थे, उन्होंने उन्हें भ्रष्ट बताया और उन्हें अपदस्थ प्रधानमंत्री के खिलाफ गद्दारों की कहानी के साथ जोड़ दिया।

प्रमुख पत्रकार और एंकर मुनीब फारूक ने कहा, “इमरान रियाज़ खान की वापसी एक राहत है। पाकिस्तान में शक्तिशाली समूहों (खुफिया एजेंसियों) के हाथों पत्रकारों के अपहरण, हमले, यातना और यहां तक कि हत्या का इतिहास रहा है।

बता दें कि पाकिस्तान को पत्रकारों के लिए दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक माना जाता है जहां प्रेस की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर लगातार अत्याचार किया जाता है। पत्रकारों पर लक्षित हमले, हत्या के प्रयास, यातनाएं, अपहरण और यहां तक कि हत्याएं भी की गई हैं।

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