इराक से श्रीलंका जैसी तस्वीरें आईं सामने, प्रदर्शनकारियों ने संसद पर किया कब्जा, जानें क्यों बने ऐसे हालात?
रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रदर्शनकारियों ने जब संसद भवन पर धावा बोला उस समय संसद में कोई सांसद मौजूद नहीं था। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पानी की बौछार की और आंसू गैस के गोले दागे।
![फोटो: सोशल मीडिया](https://media.assettype.com/navjivanindia%2F2022-07%2F53d0e16f-30a7-4ad8-9270-62b6c9618007%2FIraq.png?rect=0%2C0%2C1200%2C675&auto=format%2Ccompress&fmt=webp)
इराक से श्रीलंका जैसी तस्वीरें सामने आई हैं। इराक की राजधानी बगदाद में मौलवी मुक्तादा अल-सदर के सैकड़ों समर्थकों ने प्रधानमंत्री के एक प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार के नामांकन के विरोध में उच्च सुरक्षा क्षेत्र का घेरा तोड़ते हुए संसद भवन पर धावा बोला है। प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को बगदाद के उच्च सुरक्षा वाले ग्रीन जोन, सरकारी भवनों और राजनयिक मिशनों के घर में प्रवेश किया। इसके बाद वे संसद में गुस गए। प्रदर्शन की तस्वीरों सैकड़ों लोग इराक की संसद में घुसकर इराकी झंडा लहराते देखे गए।
प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले दागे गए
रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रदर्शनकारियों ने जब संसद भवन पर धावा बोला उस समय संसद में कोई सांसद मौजूद नहीं था। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पानी की बौछार की और आंसू गैस के गोले दागे।
बेहद सुरक्षित माने जाने वाले इस क्षेत्र में विभिन्न देशों के दूतावास समेत कई महत्वपूर्ण इमारतें हैं। खबरों में बताया गया है कि सुरक्षाबलों ने शुरुआत में प्रदर्शनकारियों को रोकने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने सुरक्षा घेरा तोड़ते हुए संसद पर धावा बोल दिया।
प्रधानमंत्री ने प्रदर्शनकारियों से इमारत खाली करने की अपील की
इराक के प्रधानमंत्री मुस्तफा अल-कदीमी ने प्रदर्शनकारियों से इमारत को खाली करने की अपील की है। वहां मौजूद भीड़ को गाना गाते, नृत्य करते और टेबलों पर लेटे हुए देखा गया।
इराक में अक्टूबर 2021 हुए थे आम चुनाव
पिछले साल अक्टूबर के महीने में हुए चुनाव में अल सदर के राजनीतिक गठबंधन ने सबसे अधिक सीटों पर जीत हासिल की थी। मौलवी अल-सदर के गुट ने इराक के अक्टूबर 2021 के आम चुनाव में 73 सीटें जीती थीं, जिससे यह 329 सीटों वाली संसद में सबसे बड़ा गुट बन गया, लेकिन इराक का राष्ट्रपति बनने के लिए जरूरी बहुमत न जुटा पाने की वजह से मुक्तदा अल-सदर ने सरकार बनाने की बातचीत से खुद को बाहर कर लिया था।
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