कोरोना का असर: इतिहास में पहली बार सेंट पीटर्स बेसिलिका में पोप फ्रांसिस ने अकेले मनाया होली वीक

कोविड-19 महामारी के मद्देनजर दुनियाभर में लागू आइसोलेशन में रह रहे लाखों लोगों ने इंटरनेट, रेडियो और टेलीविजन के माध्यम से प्रार्थना सभा में भाग लिया।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

कोरोनो वायरस महामारी के कारण पोप फ्रांसिस ने पहली बार यहां के सेंट पीटर्स बेसिलिका में अकेले ही पाम संडे मनाया। ऐसा इतिहास में पहली बार हुआ है। एफे न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, कैथोलिक कैलेंडर में रविवार को एक महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहार होली वीक की शुरुआत हुई, जो कि इस बार वेटिकन स्क्वायर में हर बार की तरह आयोजित नहीं हुई। वहीं इस बार समारोह में लोगों की मंडली भी शामिल नहीं हुई।

हालांकि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर दुनियाभर में लागू आइसोलेशन में रह रहे लाखों लोगों ने इंटरनेट, रेडियो और टेलीविजन के माध्यम से प्रार्थना सभा में भाग लिया। इस दौरान पोप ने कहा, "हम जिस त्रासदी का सामना कर रहे हैं, वह हमें उन चीजों को गंभीरता से लेने के लिए कह रहा है जो वास्तव में गंभीर हैं और उसे कम नहीं आंकना चाहिए। यह फिर से समझने की जरूरत है कि यदि दूसरों की सेवा नहीं की जाती है तो जीवन का कोई फायदा नहीं है। जीवन को प्यार से मापा जाता है।" इस दौरान सर्विस के लिए पादरी के साथ लोगों का एक छोटा समूह मौजूद था, जो एक दूसरे से सुरक्षित दूरी बनाए हुए थे।

क्या होता है पाम संडे ?

पाम संडे यानी ईस्टर के पूर्व का रविवार को ईसाई धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है। इस दिन को ईसाई समुदाय के लोग प्रभु यीशू के यरुशलम में विजयी प्रवेश के रूप में मनाते हैं। इस बार 5 अप्रैल को पाम संडे मनाया गया। पवित्र बाइबल में कहा गया है कि प्रभु यीशू जब यरुशलम पहुंचे, तो उनके स्वागत में बड़ी संख्या में लोग पाम यानी खजूर की डालियां अपने हाथों में लहराते हुए एकत्रित हो गए थे। लोगों ने प्रभु यीशू की शिक्षा और चमत्कारों को शिरोधार्य कर उनका जोरदार स्वागत किया था। यह बात करीब दो हजार वर्ष पहले की बताई जाती है। उस दिन की याद में पाम संडे मनाया जाता है।

पाम संडे दक्षिण भारत में भी प्रमुखता से मनाया जाता है

इसे पवित्र सप्ताह की शुरुआत के रूप में भी मनाया जाता है। इसका समापन ईस्टर के रूप में होता है। इस बार ईस्टर 12 अप्रैल को मनाया जाएगा। पाम संडे दक्षिण भारत में प्रमुखता से मनाया जाता है। इसे पैशन संडे भी कहा जाता है। इस मौके पर चर्चों में विशेष आयोजन होते हैं। इसमें बाइबल का पाठ, प्रवचन और मीसा का आयोजन भी किया जाता है। साथ ही एक विशेष आयोजन के साथ शाम को विशेष चल समारोह निकाला जाता है। ईसाई समाज पाम संडे को प्रभु के आगमन की खुशी में गीत गाकर स्वागत करते हैं। पाम संडे से गिरिजाघरों में शुरू हुआ प्रभु आराधना एवं भक्ति का सिलसिला ईस्टर तक जारी रहेगा।


दुनिया भर में 65 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है

दुनिया भर में 12 लाख से अधिक लोगों के संक्रमित होने और इससे 65 हजार से ज्यादा लोगों की मौत होने के बाद वेटिकन में एहतियातन सख्ती बरती गई है। गौरतलब है कि इटली में 128,948 पुष्ट मामलें सामने आए हैं और कोविड-19 के कारण यहां 15,887 मौतें हो चुकी हैं, जो कि दुनियाभर के किसी भी देश से सबसे अधिक है।

(आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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