दुनिया की खबरें: पाक विदेश मंत्री की गीदड़ भभकी और रूस ने यूक्रेन पर किया फिर हमला हमला
पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने फिर गीदड़ भभकी दी है। अगर भारत 'सिंधु जल संधि' को फिर से शुरू नहीं करता है तो दोनों देशों के बीच लागू हुआ संघर्ष विराम खतरे में पड़ सकता है।

पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा कि अगर भारत 'सिंधु जल संधि' को फिर से शुरू नहीं करता है और हमारी तरफ आने वाले पानी को मोड़ने की कोशिश करता है तो दोनों देशों के बीच लागू हुआ संघर्ष विराम खतरे में पड़ सकता है। इशाक डार का यह बयान सोमवार को भारत और पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन्स (डीजीएमओ) स्तर की वार्ता और संघर्ष विराम की घोषणा और इसे जारी रखने पर सहमति बनने के बाद आया है।
इशाक डार ने कहा, " वह भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम का स्वागत करते हैं, लेकिन दोनों पक्षों द्वारा एक-दूसरे के क्षेत्रों में बड़े सैन्य अभियानों के बाद, जल मुद्दे को जल्द ही हल करने की आवश्यकता है। यदि भारत सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) को स्थगित करने के अपने फैसले को वापस नहीं लेता है तो युद्ध विराम की संभावना सवालों के घेरे में ही रहेगी।"
डार ने आगे कहा, "हम दोनों पक्षों के लिए सम्मान के साथ आगे बढ़ाना चाहते हैं और एक समग्र वार्ता के माध्यम से उन सभी मुद्दों को हल करना चाहते हैं, जो इस क्षेत्र को दीर्घकालिक आधार पर शांति और सुरक्षा प्रदान करेंगे। लेकिन, पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) ने घोषणा की है कि यदि 'सिंधु जल संधि' से छेड़छाड़ की जाती है और पानी को मोड़ा या रोका जाता है तो इसे युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा।"
पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 सैलानियों की हत्या कर दी थी। भारत सरकार ने इस आतंकी हमले के जवाब के रूप में सबसे पहले सिंधु जल समझौते को स्थगित कर दिया था। इससे पाकिस्तान जल संकट से जूझ रहा है। 12 मई को राष्ट्र को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते। इसका अर्थ यह हुआ कि भारत सरकार फिलहाल 'सिंधु जल संधि' को फिर से बहाल करने के मूड में नहीं है।
पीएम ने यह भी कहा कि, "जिस तरह पाकिस्तानी सेना और सरकार आतंकवाद को बढ़ावा दे रही है। वह एक दिन पाकिस्तान को तबाह कर देगी। पाकिस्तान को बचना है तो अपने आतंकी ढांचे को नष्ट करना होगा। शांति का कोई दूसरा रास्ता नहीं है।"
पीएम के इस बयान ने भारत का रुख साफ कर दिया कि आतंक और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते, आतंक और व्यापार एक साथ नहीं चल सकते, पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते।
सिंधु जल समझौता 1960 में हुआ था। इस संधि के तहत भारत और पाकिस्तान के बीच बहने वाली सिंधु, झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास और सतलज के जल का बंटवारा हुआ था।
तुर्किये में बातचीत से पहले रूस ने रात में यूक्रेन पर सबसे छोटा हमला किया
यूक्रेनी वायु सेना ने मंगलवार को कहा कि रूस ने रात के समय यूक्रेन पर 10 शाहिद ड्रोन और झांसा देने वाले ड्रोन दागे जो इस साल रात में किया गया सबसे छोटा ड्रोन हमला है।
यह तब किया गया जब दोनों देश तुर्किये में शांति वार्ता की तैयारी कर रहे हैं।
रूसी सरकार ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को बृहस्पतिवार को इस्तांबुल में होने वाली वार्ता में व्यक्तिगत रूप से मिलने की चुनौती का सीधे तौर पर जवाब नहीं दिया है।
जेलेंस्की के सलाहकार मिखाइलो पोदोल्यक ने मंगलवार को एक यूट्यूब शो में कहा कि जेलेंस्की इस्तांबुल में पुतिन के अलावा किसी अन्य रूसी अधिकारी से मुलाकात नहीं करेंगे। यह कार्यक्रम निर्वासन में रह रहे रूस के प्रमुख पत्रकारों द्वारा प्रसारित किया जाता है।
पोदोल्याक ने कहा कि निचले स्तर की वार्ता किसी भी शांति प्रक्रिया को “लंबे समय तक खींचने” जैसी होगी। यूरोपीय नेताओं ने हाल में पुतिन पर शांति प्रयासों से पीछे हटने का आरोप लगाया है, जबकि वह अपनी बड़ी सेना के दम पर आगे बढ़ने और अधिक यूक्रेनी भूमि पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं।
यूक्रेन और पश्चिम यूरोप के नेता 30 दिन के बिना शर्त युद्धविराम की मांग कर रहे थे लेकिन रूस ने इसे सोमवार को तब अस्वीकार कर दिया, जब उसने यूक्रेन पर 100 से अधिक ड्रोन दागे।
पुतिन ने इसके बजाय बृहस्पतिवार को इस्तांबुल में यूक्रेन के साथ सीधी शांति वार्ता की पेशकश की। क्रेमलिन (रूसी राष्ट्रपति भवन) के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने जोर देकर कहा कि रूसी प्रतिनिधिमंडल बिना किसी पूर्व शर्त के इस्तांबुल में होगा।
सऊदी अरब के युवराज सलमान ने ट्रंप का देश में पहुंचने पर स्वागत किया
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पश्चिम एशिया के चार दिवसीय दौरे पर मंगलवार को सऊदी अरब पहुंचे और उन्होंने युवराज मोहम्मद बिन सलमान से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को खत्म कराने, गाजा में युद्ध समाप्त कराने और तेल की कीमतों को नियंत्रण में रखने के अमेरिका के प्रयासों को लेकर बातचीत की।
ट्रंप सऊदी अरब की राजधानी के किंग खालिद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अपने एयर फोर्स वन विमान से उतरे और उनकी पश्चिम एशिया की यात्रा शुरू हुई। इस दौरान युवराज सलमान ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
इसके बाद दोनों नेता रियाद हवाई अड्डे पर एक बड़े हॉल में गए, जहां ट्रंप और उनके साथ आए लोगों को परंपरागत अरेबिक कॉफी परोसी गई।
ट्रंप का एयर फोर्स वन विमान जब रियाद पहुंचा, तो रॉयल सऊदी एयर फोर्स के एफ-15 विमानों ने उसे एस्कॉर्ट किया।
ट्रंप और युवराज सलमान रॉयल कोर्ट में दोपहर के भोज में शामिल हो रहे हैं, जिसमें मेहमान और सहयोगी भी शामिल हैं।
इस समारोह में अनेक उद्यमियों को भी आमंत्रित किया गया है, जिनमें ब्लैकस्टोन ग्रुप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) स्टीफन श्वार्जमैन, ब्लैकरॉक के सीईओ लैरी फिंक और टेस्ला तथा स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क शामिल हैं।
युवराज सलमान आज ट्रंप के सम्मान में रात्रिभोज भी देंगे। ट्रंप मंगलवार को अमेरिका-सऊदी निवेश सम्मेलन में भी भाग ले सकते हैं।
सऊदी अरब के निवेश मंत्री खालिद अल-फालिह ने कहा, ‘‘जब सऊदी और अमेरिकी मिलते हैं, तो बहुत अच्छी चीजें होती हैं। ऐसा अक्सर नहीं होता, लेकिन बड़ी चीजें होती हैं।’’
ट्रंप ने अपने इस कार्यकाल में पहले पड़ाव के तौर पर सऊदी अरब को चुना था, क्योंकि उसने अमेरिका में बड़े निवेश करने का फैसला किया है। हालांकि, उन्हें पिछले महीने पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार में भाग लेने के लिए इटली जाना पड़ा।
ट्रंप के पहले कार्यकाल में भी उन्होंने पहली यात्रा के लिए रियाद को चुना था।
इस यात्रा में उनका कार्यक्रम सऊदी अरब के बाद कतर और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) जाने का है। इन सभी जगहों पर ट्रंप के दो बड़े बेटों द्वारा संचालित ट्रंप ऑर्गेनाइजेशन बड़ी रियल एस्टेट परियोजनाओं का निर्माण कर रही है। इनमें जेद्दाह में एक बहुमंजिला टावर, दुबई में एक लक्जरी होटल और कतर में एक गोल्फ कोर्स तथा विला कॉम्प्लेक्स शामिल हैं।
अमेरिकी प्रशासन ने कहा कि वह इस यात्रा का उपयोग इस सप्ताह के अंत में सऊदी अरब के साथ-साथ कतर और संयुक्त अरब अमीरात की सरकारों के साथ आर्थिक समझौते शुरू करने के लिए करना चाहता है।
इंडोनेशिया में पुराने, अनुपयोगी गोला-बारूद के निपटान के दौरान विस्फोट, 13 लोगों की मौत
इंडोनेशिया के पश्चिम जावा प्रांत में सोमवार को पुराने और अनुपयोगी गोलाबारूद के निपटान के दौरान विस्फोट होने से कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई जिनमें चार सैनिक भी शामिल हैं। सैन्य अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
गोलाबारूद पुराना हो जाने पर या अनुचित तरीके से संग्रहीत होने पर अधिक शक्तिशाली नहीं रह जाता है और इसी कारण समय समय पर इनका निपटान किया जाता है।
विस्फोट का कारण तत्काल स्पष्ट नहीं है।
इंडोनेशियाई सेना के सदस्य गरूट जिले के सागरा गांव में पर्यावरण संरक्षण क्षेत्र में पुराने, अनुपयोगी और अप्रभावी गोला-बारूद का निपटान कर रहे थे, जिसे एक सैन्य गोदाम केंद्र में संग्रहित किया गया था।
इंडोनेशियाई सैन्य प्रवक्ता मेजर जनरल क्रिस्टोमी सियानतुरी ने बताया कि प्रारंभिक विस्फोट के तुरंत बाद दूसरा विस्फोट हुआ।
सियानतुरी ने कहा कि नौ आम नागरिकों और चार सैन्य कर्मियों की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि घायलों का इलाज किया जा रहा है।
सियानतुरी ने कहा कि घटना की अभी जांच की जा रही है और इस बात का भी पता लगाया जा रहा है कि क्या गोलाबारूद के निपटान के दौरान मानक प्रक्रियाओं का पालन किया गया था या नहीं।
पश्चिमी जावा की प्राकृतिक संसाधन संरक्षण एजेंसी के प्रबंधन के अंतर्गत यह खाली स्थान आवासीय क्षेत्रों से दूर है और अक्सर गोला-बारूद के निपटान के लिए उपयोग किया जाता है।
सियानतुरी ने कहा कि ऐसी गतिविधियां अक्सर आस-पास के निवासियों का ध्यान आकर्षित करती हैं, जो प्राय: ग्रेनेड और मोर्टार से धातु के टुकड़े, तांबा या लोहे के अवशेष को इकट्ठा करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘विस्फोट के बाद एक अप्रत्याशित दूसरा विस्फोट होने की भी आशंका है।’’
स्थानीय टेलीविजन फुटेज में विस्फोट के दृश्य दिखाए गए हैं जिसमें विस्फोट के कुछ देर बाद आसमान में तेज रोशनी और घना काला धुआं उठता दिख रहा है। एक अन्य वीडियो में एंबुलेंस नजर आ रहे हैं जिनमें घायलों और मृतकों को ले जाया जा रहा है।
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