रूस ने तालिबान सरकार को दी औपचारिक मान्यता, अफगानिस्तान सरकार ने फैसले को बताया साहसी
रूस ने जहां अफगानिस्तान को मान्यता दी, वहीं दूसरी तरफ अब तक कोई अन्य देश तालिबान को आधिकारिक मान्यता नहीं दी है।

अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को रूस ने औपचारिक मान्यता दे दी है। अफगानिस्तान को मान्यता देने वाला रूस पहला देश बन गया है। रूस के विदेश मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि की है। रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसने तालिबान द्वारा भेजे गए नए राजदूत के आधिकारिक दस्तावेज को स्वीकार कर लिया है। रूस का यह निर्णय तालिबान के लिए कूटनीतिक मान्यता की दिशा में एक बड़ी जीत मानी जा रही है।
समाचार एजेंसी रॉयटर के अनुसार, तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने इस फैसले को ‘साहसी कदम’ बताया और उम्मीद जताई कि अन्य देश भी इसका अनुसरण करेंगे।
रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा कि अफगानिस्तान के साथ मजबूत संभावनाएं हैं। रूसी विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि वह काबुल सरकार के साथ आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई, नशीली दवाओं की तस्करी और सुरक्षा जैसे मुद्दों पर सहयोग जारी रखेगा। साथ ही ऊर्जा, कृषि, परिवहन और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में व्यापार के मौको को भी रूस ने अहम बताया।
रूस ने जहां अफगानिस्तान को मान्यता दी, वहीं दूसरी तरफ अब तक कोई अन्य देश तालिबान को आधिकारिक मान्यता नहीं दी है। साल 2021 में अमेरिका की वापसी के बाद तालिबान ने अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा कर लिया था, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वह अलग-थलग पड़ा रहा।
कुछ देशों ने अफगानिस्तान को मान्यता देने की दिशा में कदम जरूर उठाए हैं। चीन, संयुक्त अरब अमीरात, पाकिस्तान और उज्बेकिस्तान ने काबुल में अपने राजदूत नियुक्त किए हैं, लेकिन उन्होंने औपचारिक मान्यता नहीं दी है।
रूस ने 2003 में तालिबान को आतंकी संगठन घोषित किया था। हालांकि अप्रैल 2024 में इस प्रतिबंध को हटा दिया गया। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इससे पहले कहा था कि कि तालिबान अब आतंकवाद के खिलाफ सहयोग कर रहा है। 2022 से तालिबान शासित अफगानिस्तान रूस से तेल, गैस और गेहूं का आयात कर रहा है।
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia