जासूसी के आरोपों में घिरा रूस, आयरलैंड ने 4, नीदरलैंड ने 17 राजनयिकों को निकाला, बेल्जियम भी 21 को करेगा निष्कासित

नीदरलैंड ने भी 17 रूसी राजनयिकों को निकाल दिया है। सरकार ने कहा कि यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा के संदर्भ में लिया गया है। उन्होंने कहा कि यह कदम डच खुफिया विभाग से सूचना के बाद उठाया गया कि 17 राजनयिक खुफिया अधिकारियों के रूप में गुप्त रूप से सक्रिय थे।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

यूक्रेन पर रूस के ताबड़तोड़ हमलों के बीच कई देशों में पुतिन द्वारा जासूसी के आरोप सामने आने के बाद कई पश्चिमी देशों ने रूस के राजनयिकों को अपने यहां से निष्कासित करना शुरू कर दिया है। आयरलैंड ने 4 और नीदरलैंड ने 17 रूसी राजनयिकों को निकाल दिया है, जबकि बेल्जियम भी 21 राजनयिकों को निष्कासित करेगा।

आयरलैंड में रूस के दूतावास के 4 वरिष्ठ अधिकारियों को देश छोड़ने के लिए कहा गया है। ये घोषणा आयरलैंड के विदेश मंत्री साइमन कोवेनी ने की। सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, कोवेनी ने एक बयान में कहा कि विदेश मामलों के विभाग ने इवेघ हाउस (विदेश मामलों के विभाग का मुख्यालय) में रूस के राजदूत को यह सलाह देने के लिए बुलाया कि 4 वरिष्ठ अधिकारियों को देश छोड़ने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि उनकी गतिविधियां राजनयिक व्यवहार के अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप नहीं हैं। यह कार्रवाई राजनयिक संबंधों पर 1961 के वियना कन्वेंशन के अनुच्छेद 9 के तहत की जा रही है।


वहीं नीदरलैंड ने भी 17 रूसी राजनयिकों को निकाल दिया है। डच सरकार ने रूस के 17 राजनयिकों के खुफिया अधिकारी होने के संदेह में निष्कासन का आदेश दिया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, रूस के राजदूत को हेग में विदेश मंत्रालय में तलब किया गया और मंगलवार को इस फैसले की जानकारी दी गई। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा के संदर्भ में लिया गया है। उन्होंने कहा कि यह कदम डच खुफिया विभाग से सूचना के बाद उठाया गया कि 17 राजनयिक खुफिया अधिकारियों के रूप में गुप्त रूप से सक्रिय थे।

इसके अलावा बेल्जियम ने भी 21 रूसी राजनयिकों को निष्कासित करने का फैसला किया है, जिन पर बेल्जियम की सुरक्षा को खतरा पहुंचाने वाले अभियानों में जासूसी और संलिप्तता का संदेह है। ये घोषणा बेल्जियम की विदेश मंत्री सोफी विल्म्स ने की। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रुसेल्स में रूस के दूतावास और एंटवर्प में महावाणिज्य दूतावास के राजनयिकों को 15 दिनों के अंदर क्षेत्र छोड़ना होगा।


मंगलवार को संसद में डिबेट के दौरान इस फैसले की घोषणा की गई। मंत्री ने कहा, बेल्जियम में रूस के राजदूत को संघीय लोक सेवा विदेश मामलों ने सूचित किया। उन्होंने कहा कि यह निर्णय कोई प्रतिबंध या दंडात्मक उपाय नहीं है। यह केवल हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है। राजनयिक चैनल खुले रहेंगे और हम निश्चित रूप से बातचीत का विकल्प जारी रखेंगे।

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