जानिए अयोध्या फैसले पर क्या कहता है इंटरनेशनल मीडिया

अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अपने तरीके से प्रतिक्रिया दी है। कुछ विदेशी मीडिया की प्रतिक्रिया इस तरह है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

वर्षों पुराने अयोध्या-बाबरी मस्जिद विवाद पर देश की सर्वोच्च अदालत के फैसले से जुड़ी खबरें दुनियाभर के मीडिया में प्रमुखता से ऑनलाइन संस्करणों में प्रकाशित हुई हैं। अधिकांश अखबारों ने फैसले की तारीफ की है।

न्यूयॉर्क टाइम्स

न्यूयॉर्क टाइम्स की हेडलाइन में लिखा है, ‘भारतीय अदालत ने अयोध्या धार्मिक स्थल का फैसला हिंदुओं के पक्ष में दिया’

रिपोर्ट कहती है कि, “फैसला आने से पहले दक्षिणपंथी हिंदुओं ने कहा था कि सदियों तक पहले मुगलों और फिर अंग्रेजों की गुलामी में रहे भारत में इस फैसले से हिंदूओं को उनका राष्ट्र वापस मिलने की पुष्टि होगी। लेकिन मुसलमानों में यह भय है कि इस फैसले से उन्हें अपने ही देश में दोयम दर्जे का नागरिक मान लिया जाएगा और अतिवादी हिंदुओं को ज्यादा महत्व मिलेगा।”

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि, “फैसले के बाद हिंदुओं को मंदिर बनाने की इजाजत मिल गई है। हिंदू 1992 में बाबरी मस्जिद गिराए जाने के बाद से मंदिर निर्माण की बात कर रहे थे। बहुत से हिंदुओं का मानना है कि विवादित जगह भगवान राम की जन्मभूमि है और मुगल शासक ने मंदिर तोड़कर वहां मस्जिद बनवाई थी।”

वाशिंगटन पोस्ट

वाशिंगटन पोस्ट की हेडलाइन कहती है: भारत के सुप्रीम कोर्ट ने देश के सबसे विवादित जगह पर हिंदू मंदिर बनाने की अनुमति दी

https://www.washingtonpost.com/world/indias-supreme-court-clears-way-for-a-hindu-temple-at-countrys-most-disputed-religious-site/2019/11/09/ca0b54f8-0258-11ea-8341-cc3dce52e7de_story.html

रिपोर्ट के मुताबिक, “राम मंदिर निर्माण भारत की बीजेपी का लंबे समय से लक्ष्य रहा है। इस विवादित जगह पर हिंदू पूजा करते हैं और मानते हैं कि राम का जन्म वहीं हुआ था जहां 16वीं सदी की बाबरी मस्जिद थी। 1992 में हिंदुओं चरमपंथियों ने गैरकानूनी तरीके से मस्जिद को तोड़ दिया था जिसके बाद भारत में सांप्रदायिक दंगे भड़के थे।”


द गार्डियन

द गार्डियन अखबार की हेडलाइन में कहा गया है, “अयोध्या: भारत की उच्च अदालक ने मुसलमानों के दावे वाली जगह हिंदुओं को दी”

https://www.theguardian.com/world/2019/nov/09/ayodhya-verdict-hindus-win-possession-of-site-disputed-by-muslims

रिपोर्ट के मुताबिक, “सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों ने सहमति से ऐतिहासिक फैसले में माना कि विवादित दगह पर भगवान राम का जन्म हुआ था। जजों ने फैसला दिया कि जहां 16वीं सदी की मस्जिद थी और जिसके आधार पर मुसलमाना इस जगह पर अपना दावा कर रहे थे, वह किसी खाली जगह पर नहीं बनी थी और हिंदुओं की आस्था पर सवाल नहीं खड़ा किया जा सकता।”

रिपोर्ट में कहा गया है कि, “बीजेपी की अगुवाई में भीड़ ने दिसंबर 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद को जमींदोज कर दिया था। इसके बाद भड़के दंगों में 2000 से ज्यादा लोग मारे गए थे। इस मामले में आज भी बीजेपी के कुछ नेताओं पर मुकदमा चल रहा है।”

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