दुनिया: काबुल एयरपोर्ट विस्फोट के मास्टरमाइंड को तालिबान ने किया ढेर और चांद पर नहीं उतर पाया दुनिया का पहला निजी लैंडर

काबुल हवाईअड्डे पर 2021 में विनाशकारी बमबारी की साजिश रचने वाले IS आतंकी समूह के मास्टरमाइंड को तालिबान ने मार गिराया है और जापान का एक निजी मिशन मंगलवार की रात चंद्रमा पर उतरने में असफल रहा।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

तालिबान ने 2021 काबुल हवाईअड्डे पर हमले के मास्टरमाइंड को मार गिराया: अमेरिका

अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि काबुल हवाईअड्डे पर 2021 में विनाशकारी बमबारी की साजिश रचने वाले इस्लामिक स्टेट (आईएस) आतंकी समूह के मास्टरमाइंड को अफगानिस्तान की सत्तारूढ़ तालिबान सरकार ने मार गिराया है। कई मीडिया रिपोटरें के अनुसार अमेरिका ने संदिग्ध की पहचान आईएस-के नामक आतंकवादी समूह की अफगान शाखा के एक नेता के रूप में की, लेकिन उस व्यक्ति का नाम नहीं लिया और यह बताने से इनकार कर दिया कि यह कैसे मारा गया। समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने यह जानकारी दी है। मौरा गया आतंकी 26 अगस्त, 2021 को हुए हमले का मास्टरमाइंड था, जिसमें 13 अमेरिकी सेवा सदस्यों के साथ-साथ 170 अफगान नागरिक मारे गए थे। सीएनएन ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में रणनीतिक संचार के समन्वयक जॉन किर्बी के हवाले से कहा कि इस वर्ष आईएस-के को यह बड़ा नुकसान है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका तालिबान के अभियान में शामिल नहीं था और न ही शासन द्वारा उसे आरोपी की मौत के बारे में सूचित किया गया था। आतंकी की मृत्यु और पहचान की पुष्टि अमेरिका की अपनी खुफिया जानकारी पर आधारित है। अमेरिकी प्रशासन ने आत्मघाती बम विस्फोट में मारे गए अमेरिकी सैनिकों के रिश्तेदारों को आतंकी की मौत की सूचना देने के लिए फोन करना शुरू कर दिया, लेकिन इसके आगे के विवरण का खुलासा नहीं किया। द न्यूयॉर्क टाइम्स ने यूएस मरीन कॉर्प्स के टेलर हूवर के पिता डारिन हूवर के हवाले से कहा, वे मुझे आतंकी का नाम नहीं बता सकते, ऑपरेशन का विवरण नहीं बता सकते। सरकार से मिली अपर्याप्त जानकारी से असंतुष्ट, हूवर ने कहा कि कॉल ने उन्हें फिर से निराश किया। सीएनएन ने हुवर के हवाले से कहा कि आतंकी की मौत से प्रशासन या विदेश विभाग या पेंटागन को जिम्मेदारी या जवाबदेही से छूट नहीं मिल जाती। गौरतलब है कि काबुल हवाईअड्डे पर हमले के तीन दिन बाद, अमेरिका ने 29 अगस्त, 2021 को एक ड्रोन हमला किया, इसमें एक सफेद टोयोटा को निशाना बनाया गया था। बाद में यह स्पष्ट हो गया कि अमेरिकी हेलफायर मिसाइल द्वारा मारे गए लोग आतंकवादी नहीं, बल्कि सात बच्चों सहित 10 अफगान नागरिक थे।

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नासा ने चंद्र मिट्टी सिमुलेंट से सफलतापूर्वकऑक्सीजन निकाला

नासा के वैज्ञानिकों ने सिमुलेंट चंद्र मिट्टी से ऑक्सीजन को सफलतापूर्वक निकाला है, यहां तक कि अंतरिक्ष एजेंसी आर्टेमिस मिशन के माध्यम से अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर भेजने की दिशा में काम कर रही है। चंद्र मिट्टी चंद्रमा की सतह को ढकने वाली सूक्ष्म सामग्री को संदर्भित करती है। यह पहली बार था कि यह निष्कर्षण एक निर्वात वातावरण में किया गया है, अंतरिक्ष यात्रियों के लिए एक दिन के लिए चंद्र वातावरण में संसाधनों को निकालने और उपयोग करने का मार्ग प्रशस्त करता है, जिसे इन-सीटू संसाधन उपयोग कहा जाता है। चंद्र सतह पर दीर्घकालिक उपस्थिति स्थापित करने के लिए ऑक्सीजन एक महत्वपूर्ण निर्माण खंड बना हुआ है। सांस लेने के लिए ऑक्सीजन का उपयोग करने के अलावा, इसे परिवहन के लिए प्रणोदक के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे चंद्र आगंतुकों को लंबे समय तक रहने और आगे बढ़ने में मदद मिलती है।

एजेंसी ने कहा, इस प्रदर्शन परीक्षण के सफल समापन के साथ, नासा ने स्थापित किया है कि मौजूदा चंद्र सामग्री से ऑक्सीजन निकाली जा सकती है ताकि मनुष्यों को जीवित रहने और अलौकिक दुनिया पर परिवहन के लिए महत्वपूर्ण संसाधन उपलब्ध कराए जा सकें। ह्यूस्टन में जॉनसन स्पेस सेंटर में नासा की कार्बोथर्मल रिडक्शन डिमॉन्स्ट्रेशन (सीएआरडी) टीम ने डर्टी थर्मल वैक्यूम चैंबर नामक 15 फीट व्यास वाले एक विशेष गोलाकार कक्ष का उपयोग करके चंद्रमा पर पाई जाने वाली स्थितियों के समान परीक्षण किया। कक्ष को गंदा माना जाता है क्योंकि अशुद्ध नमूनों का परीक्षण अंदर किया जा सकता है।

फोटो: सोशल मीडिया
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चांद पर नहीं उतर पाया दुनिया का पहला निजी लैंडर, जापान का मिशन फेल

जापान का एक निजी मिशन मंगलवार की रात चंद्रमा पर उतरने में असफल रहा। हकोतो-आर मिशन संयुक्त अरब अमीरात के राशिद रोवर के साथ तेजी से उतरने के प्रयास के बाद सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। बता दें कि अमेरिकी कंपनी स्पेसएक्स ने जापान की निजी कंपनी आईस्पेस के हाकुतो-आर अभियान का प्रक्षेपण किया था। वहीं आईस्पेस के अधिकारियों ने कहा कि हम संचार स्थापित करने में सक्षम नहीं हैं और हमें यह मानना होगा कि हम चंद्र सतह पर लैंडिंग पूरी नहीं कर सके। पिछले साल दिसंबर में स्पेसएक्स फाल्कन-9 रॉकेट से लॉन्च किए जाने के बाद अंतरिक्ष यान करीब एक महीने पहले चंद्र की कक्षा में पहुंचा था। हकोतो-आर ने मंगलवार को चंद्रमा की सतह से 100 किलोमीटर की ऊंचाई से 6,000 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से उड़ान भरते हुए चंद्र सतह पर उतरना शुरू किया। लैंडिंग के प्रयास के दौरान कम्युनिकेशन ब्लाक रहा। इसके बाद गुम होने की पुष्टि हुई।

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