दुनिया की 5 बड़ी खबरें: अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर ईरानी हमले को लेकर बड़ा खुलासा और अमेरिका का पाक को संदेश

अमेरिकी राजदूत एलिस वेल्स ने कहा कि वाशिंगटन ने इस्लामाबाद से अपनी वित्तीय कार्रवाई टास्क फोर्स की कार्य-योजना लागू करने का आग्रह किया है और जोर दिया है कि कार्य-योजना में बताई गई जरूरतों को पूरा किया जाना है।

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर ईरानी हमले को लेकर बड़ा खुलासा, 34 अमेरिकी सैनिकों के सिर में आई थी चोट

इराक के दो सैन्यअड्डों पर ईरान द्वारा आठ जनवरी को किए गए हमले में 34 अमेरिकी सैनिकों को मस्तिष्काघात और मस्तिष्क में चोट (टीबीआई) लगने की बात सामने आई है। पेंटागन ने यह जानकारी दी। पेंटागन के प्रवक्ता जोनाथन हॉफमैन ने मीडिया को बताया, "आठ सैनिकों, जिन्हें पहले जर्मनी भेजा गया था, उन्हें अमेरिका लाया गया है और उन्हें अमेरिका में वाल्टर रीड या उनके घरों पर इलाज मिलना जारी रहेगा।"

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, हॉफमैन ने कहा कि जर्मनी में अभी भी नौ सैनिकों का इलाज चल रहा है और बाकी के 17 घायल सैनिक वापस पहले ही इराक में ड्यूटी पर लौट चुके हैं। पिछले सप्ताह, अमेरिकी सेना ने कहा था कि मिसाइल हमलों के कारण 11 सैनिकों का इलाज चल रहा है।

बगदाद में एक अमेरिकी ड्रोन हमले में ईरानी मेजर जनरल कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद जवाबी कार्रवाई में ईरान ने अनवर और इरबिल में दो सैन्य ठिकानों पर 13 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें दागी थीं।

एफएटीएफ की कार्य-योजना लागू करे पाकिस्तान : अमेरिकी राजदूत

अमेरिकी राजदूत एलिस वेल्स ने कहा कि वाशिंगटन ने इस्लामाबाद से अपनी वित्तीय कार्रवाई टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की कार्य-योजना लागू करने का आग्रह किया है और जोर दिया है कि कार्य-योजना में बताई गई जरूरतों को पूरा किया जाना है। उन्होंने हाल ही में पाकिस्तान की यात्रा पर अमेरिकी विदेश विभाग की एक ब्रीफिंग के दौरान यह टिप्पणी की।

इस दौरान एलिस से पूछा गया कि क्या अमेरिका पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के उस अनुरोध का जवाब देगा, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान को ग्रे सूची से बाहर करने के लिए हस्तक्षेप की मांग की थी। इस पर उन्होंने कहा, "यह एक राजनीतिक प्रक्रिया नहीं है, लेकिन हम निश्चित रूप से समर्थन करते हैं और पाकिस्तान की मदद के लिए तैयार हैं, क्योंकि वह इन दायित्वों को लागू कर रहा है।"

इसी सवाल का जवाब देते हुए एलिस वेल्स ने कहा, "एफएटीएफ एक तकनीकी प्रक्रिया है। पाकिस्तान को एक कार्य योजना पेश की गई है। यह उन जरूरतों को पूरा करने का सवाल है, जिन्हें पूरी तरह समझाया जा चुका है और यह अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली में सभी देशों के लिए है।"

उन्होंने कहा, "मैंने एफएटीएफ के तहत अपने आतंकवाद विरोधी वित्तपोषण दायित्वों को पूरा करने के लिए पाकिस्तान द्वारा प्रयासों का स्वागत किया है। हम पाकिस्तान को एफएटीएफ और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ काम करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं, ताकि वह अपनी कार्य योजना को पूरा कर सके।"

वेल्स ने कहा कि एफएटीएफ की कार्य-योजना को पूरा करना पाकिस्तान के आर्थिक सुधार के प्रयासों के लिए भी महत्वपूर्ण है, जिसमें इसके अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) कार्यक्रम शामिल हैं।

यह पूछे जाने पर कि अगर पाकिस्तान एफएटीएफ नियमों को पूरा नहीं करता है तो क्या आईएमएफ फंडिंग प्रभावित हो सकती है, इस पर राजदूत वेल्स ने जवाब दिया कि पाकिस्तान अपने एफएटीएफ दायित्वों को पूरा नहीं करता है या अगर उसे ब्लैकलिस्ट किया जाता है तो यह पाकिस्तान के आर्थिक सुधार कार्यक्रम के साथ ही निवेशकों को आकर्षित करने के संबंध में भी विनाशकारी होगा। हालांकि उन्होंने कहा कि वॉशिंगटन एफएटीएफ दायित्वों को पूरा करने की दिशा में पाकिस्तान की प्रगति को देखकर प्रसन्न है।


तुर्की में भूकंप से भारी तबाही, 22 लोगों की मौत

पूर्वी तुर्की में रिक्टर पैमाने पर 6.8 तीव्रता के भूकंप के झटके आने के बाद मरने वालों की संख्या बढ़कर 22 हो गई है। सरकार ने शनिवार को यह जानकारी दी। समाचार एजेंसी अनादोलू के मुताबिक, शुक्रवार रात 8.55 बजे एलाजिग प्रांत में भूकंप आया। इसका केंद्र सिवरिस जिला रहा, साथ ही पड़ोसी प्रांतों और सीरिया और जॉर्जिया जैसे देशों में भी इसके झटके महसूस किए गए।

आंतरिक मामलों के मंत्री सुलेमान सोयलू ने मीडिया को बताया, "मालट्या के डोगानयोल में चार और एलाजिग में 18 अन्य की मौत हो गई।"

सोयलू ने कहा कि ढह गए मकानों और इमारतों के मलबे से कुल 39 लोगों को बचाया गया। उन्होंने कहा कि तुर्की के पूर्वी अदियैमान प्रांत में एक जेल को खाली करने का निर्णय लिया गया है जिसे भूकंप के कारण नुकसान पहुंचा है।

इस बीच, स्वास्थ्य मंत्री फहरेत्तिन कोका ने कहा कि 128 घायलों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है और इनमें से 34 आईसीयू में हैं। पर्यावरण एवं शहरीकरण मंत्री मुरात कुरुम ने स्थानीय लोगों को सलाह दी है कि वे क्षतिग्रस्त मकानों में न घुसें क्योंकि क्षेत्र में भूकंप के हल्के झटके आना जारी है।

कुरुम ने कहा कि भूकंप से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए 368 सदस्यीय टीम फील्ड में है। आपदा और आपातकालीन प्रबंधन प्रेसीडेंसी ने कहा कि शुरुआती झटकों के बाद 2.7 से लेकर 5.4 की तीव्रता के 118 झटके महसूस किए गए।

समाचार एजेंसी अनादोलू के अनुसार, अदाना, उस्मानी, टुनसेली और हाटे सहित अन्य प्रांतों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसके अलावा, उत्तरी सीरियाई क्षेत्रों इदलिब, अजाज, अल-बाब, जारबुलुस, अफरीन और ताल अब्याद में भी झटके महसूस किए गए।

श्रीलंका: युद्ध में लापता लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने से पहले होगी आवश्यक जांच

श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने कहा कि देश के दशकों पुराने गृहयुद्ध के दौरान लापता हुए हजारों लोगों के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने से पहले आवश्यक जांच की जाएगी। कुछ मीडिया रपटों के अनुसार, राजपक्षे ने स्वीकार किया कि 20,000 से अधिक लापता व्यक्तियों की मौत हो गई थी।

कोलंबो पेज ने शनिवार को कहा कि हालांकि, उनके कार्यालय ने कहा कि मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने से पहले आवश्यक जांच की जाएगी। राष्ट्रपति कार्यालय ने आगे कहा कि इसके अलावा, ना तो राष्ट्रपति राजपक्षे और ना ही संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कोआर्डिनेटर हन्ना सिंगर ने किसी एक विशिष्ट संख्या पर चर्चा की।

कार्यालय ने आगे कहा, "यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि कई ऐसी खबरें हैं, जहां राष्ट्रपति राजपक्षे का बयान गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया, ऐसा कहा जा रहा है कि उन्होंने माना है कि गृहयुद्ध के दौरान 20 हजार से अधिक लापता हुए व्यक्ति मारे गए थे। रिकॉर्ड के लिए, उन्होंने ऐसी कोई स्वीकृति नहीं दी और ना ही लापता या मृत होने की किसी संख्या का आंकड़ा दिया।"


चीन 15 दिनों में तैयार करेगा 1300 बेड का अस्पताल

कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच चीन ने दो दिनों में दो अस्पतालों के निर्माण की घोषणा की, जिनका निर्माण 15 दिनों के भीतर कर लिया जाएगा। वूहान प्रशासन ने शनिवार को अगले 15 दिनों में 1300 बेड की क्षमता वाले अस्पताल का निर्माण करने की घोषणा की। पीपुल्स डेली चाइना ने सोशल मीडिया के माध्यम से बताया कि कोरोना वायरस के कहर के बीच अच्छी देखभाल को लेकर वूहान शहर ने अगले 15 दिनों में कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों के लिए अब 1,300 बेड की क्षमता वाला एक और अस्पताल बनाने की घोषणा की। अस्पताल का नाम लीशेंसन अस्पताल होगा।

इससे पहले चीन के शहर वूहान प्रशासन ने शुक्रवार को कहा था कि वर्ष 2003 में सार्स वायरस से निपटने के लिए बीजिंग ने सात दिनों में अस्पताल का निर्माण किया था। अब इसी मॉडल की तर्ज पर वर्ष 2019 के कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के लिए एक हजार बेड की क्षमता वाले विशेष अस्पताल का निर्माण वूहान में शुरू हो गया है, जो 3 फरवरी तक पूरा कर लिया जाएगा।

गौरतलब है कि चीन में अब तक इस वायरस की चपेट में आकर 41 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं कोरोना वायरस से 1300 से अधिक संक्रमित मामले यहां सामने आए हैं।

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