पाकिस्तान में मूसलाधार बारिश और बाढ़ का कहर, अब तक 234 लोगों की मौत, 596 घायल, हजारों विस्थापित

पिछले 24 घंटों में बारिश के चलते दो महिलाओं और आठ बच्चों की मौत हो गई, जबकि दस अन्य घायल हो गए। पाकिस्तान का पंजाब प्रांत सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। यहां 135 लोगों ने जान गंवा दी, जिनमें 48 पुरुष, 24 महिलाएं और 63 बच्चे शामिल हैं।

पाकिस्तान में मूसलाधार बारिश और बाढ़ का कहर, अब तक 234 लोगों की मौत, 596 घायल, हजारों विस्थापित
पाकिस्तान में मूसलाधार बारिश और बाढ़ का कहर, अब तक 234 लोगों की मौत, 596 घायल, हजारों विस्थापित
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नवजीवन डेस्क

पाकिस्तान में मूसलाधार बारिश का कहर जारी है। स्थानीय मीडिया ने बुधवार को बताया कि दक्षिण एशियाई देश में मानसून की शुरुआत के बाद से बारिश और बाढ़ के कारण करीब 234 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 596 लोग घायल हुए हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएम) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, घायलों में अधिकांश बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग हैं।

देश में बारिश और अचानक बाढ़ के विनाशकारी प्रभाव से 826 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इसके अलावा, मंगलवार को पिछले 24 घंटों में बारिश के चलते दो महिलाओं और आठ बच्चों की मौत हो गई, जबकि दस अन्य घायल हो गए। पाकिस्तान का पंजाब प्रांत सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। यहां 135 लोगों ने जान गंवा दी, जिनमें 48 पुरुष, 24 महिलाएं और 63 बच्चे शामिल हैं। इनके अलावा 470 लोग घायल हैं।


प्रमुख पाकिस्तानी समाचार पत्र, 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' की रिपोर्ट के अनुसार, बच्चों की बड़ी संख्या में मौतें हाल ही में हुई मूसलाधार बारिश के चलते गंभीर परिणामों को दर्शाती हैं। इसके अलावा, खैबर-पख्तूनख्वा (केपी) प्रांत में 56 मौतें दर्ज की गई हैं। इनमें 16 पुरुष, 10 महिलाएं और 30 बच्चे शामिल हैं। विनाशकारी मानसूनी बारिश के कारण प्रांत में 71 लोग घायल हुए हैं। इस बीच, केपी प्रांत के स्वात क्षेत्र में, बारिश के चलते अलग-अलग घटनाओं में पांच बच्चों की जान चली गई। इसके अलावा, सिंध में 24 लोगों ने अपनी जान गंवा दी, जबकि 40 घायल हो गए।

वहीं, बलूचिस्तान में बारिश से जुड़ी घटनाओं में 16 लोगों की जान चली गई और चार घायल हो गए। पाकिस्तान मौसम विभाग (पीएमडी) ने देश के कई हिस्सों में लगातार भारी बारिश के चलते हाई लेवल अलर्ट जारी किया है। इस्लामाबाद, रावलपिंडी, लाहौर, गुजरांवाला और अन्य प्रमुख शहरों में बाढ़ का खतरा अभी भी बना हुआ है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के राष्ट्रीय आपात संचालन केंद्र (एनईओसी) ने सभी प्रांतीय प्रशासन, राहत सेवाओं और मानवतावादी संगठनों से अपील की है कि वे पूरी तरह सतर्क रहें और किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहें।

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