ट्रंप ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिनों में शाओमी समेत और भी कई चीनी कंपनियों को किया ब्लैकलिस्ट

नौ कंपनियों की इस नई सूची में चीन की तीसरी सबसे बड़ी राष्ट्रीय तेल कंपनी चाइना नेशनल ऑफशोर ऑयल कॉर्प (सीएनओओसी) और हवाई जहाज बनाने वाली सरकारी कंपनी कमर्शियल एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन ऑफ चाइना भी शामिल हैं। इस कार्रवाई के बाद अब अमेरिकी निवेशकों को इन कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी खत्म कर लेनी होगी।

फोटो: DW
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डॉयचे वेले

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिनों में चीनी कंपनियों के खिलाफ अपने अभियान का और विस्तार कर दिया है। रक्षा विभाग ने शाओमी समेत नौ और चीनी कंपनियों को चीनी सेना से संबंध रखने के संदेह में ब्लैकलिस्ट कर दिया है।

नौ कंपनियों की इस नई सूची में चीन की तीसरी सबसे बड़ी राष्ट्रीय तेल कंपनी चाइना नेशनल ऑफशोर ऑयल कॉर्प (सीएनओओसी) और हवाई जहाज बनाने वाली सरकारी कंपनी कमर्शियल एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन ऑफ चाइना भी शामिल हैं। इस कार्रवाई के बाद अब अमेरिकी निवेशकों को इन कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी खत्म कर लेनी होगी।

ट्रंप प्रशासन ने नवंबर 2020 में एक आदेश निकाला था जिसके तहत अमेरिकी निवेशकों के लिए नवंबर 2021 तक इस तरह ब्लैकलिस्ट की गई सभी चीनी कंपनियों में से अपनी हिस्सेदारी को खत्म करना अनिवार्य कर दिया गया था। सीएनओओसी को अलग से एक आर्थिक ब्लैकलिस्ट में भी डाल दिया गया है, जिसकी वजह से अमेरिकी कंपनियां अब सरकार की अनुमति के बिना उस कंपनी को ना कुछ निर्यात कर पाएंगी और ना प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण।

दिसंबर 2020 में ही ट्रंप प्रशासन ने 60 चीनी कंपनियों को इस सूची में डाला था। शाओमी ने तुरंत टिप्पणी के लिए किए गए अनुरोध पर प्रतिक्रिया नहीं दी। मार्केट रिसर्च कंपनी गार्टनर की जानकारी के अनुसार शाओमी ने 2020 की तीसरी तिमाही में एप्पल को पीछे छोड़ दिया था और बिक्री के लिहाज से दुनिया की तीसरे नंबर की स्मार्टफोन कंपनी बन गई थी। हुआवे को जब अमेरिका ने ब्लैकलिस्ट किया था उसके बाद से कंपनी की बिक्री को नुकसान पहुंचा है।

सरकार के कदम के बाद गूगल ने भी हुआवे के स्मार्टफोनों को आवश्यक सुविधाएं देना बंद कर दिया था। इससे भी हुआवे को बहुत नुकसान पहुंचा था। इस से शाओमी का मार्केट शेयर बढ़ा था लेकिन अब उसके खिलाफ की कार्रवाई कर दी गई है तो अब देखना होगा कि उसका क्या हाल होता है।

सीएनओओसी विवादित दक्षिणी चीन सागर में ऑफशोर ड्रिलिंग में शामिल रही है, जहां बीजिंग के विएतनाम, फिलीपींस, ब्रूनेई, ताइवान और मलेशिया के साथ भौगोलिक विवाद हैं। अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस ने एक बयान में कहा, "दक्षिण चीन सागर में चीन के लापरवाह व्यवहार और लड़ने को तैयार आचरण और अपनी सैन्य जरूरतों के लिए संवेदनशील बौद्धिक संपदा और प्रौद्योगिकी को हासिल करने की कोशिशें अमेरिकी की राष्ट्रीय सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की सुरक्षा के लिए खतरा हैं।"

रॉस ने यह भी कहा, "सीएनओओसी पीपल्स लिबरेशन आर्मी के लिए एक गुंडे की तरह काम करता है और चीन के पड़ोसी देशों को डराता है और चीनी सेना हानिकारक उद्देश्यों के लिए सरकार नागरिक-सैन्य की इस मिलीभगत का लाभ उठा रही है।" सीएनओओसी ने भी तुरंत कोई टिप्पणी नहीं की।

रॉस ने बताया कि चीन की सरकारी कंपनी स्काईरिजों को भी आर्थिक ब्लैकलिस्ट में जोड़ा जा चुका है क्योंकि कंपनी "विदेशी सैन्य प्रौद्योगिकी को हासिल करके उससे स्थानीय रूप देने की कोशिश कर रही थी।" बीजिंग स्काईरिजों एविएशन की स्थापना उद्योगपति वांग जिंग ने की थी और 2017 में जब इसने यूक्रेन के सैन्य विमान इंजन बनाने वाली कंपनी मोटर सिच को खरीदने की कोशिश की तब अमेरिका ने इसकी आलोचना की थी। अमेरिका को चिंता थी कि विकसित एयरोस्पेस प्रौद्योगिकी अंत में सेना के हाथों में चली जाएगी।

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