वार्ता से पहले ट्रंप की ईरान को धमकी- नहीं छोड़ा परमाणु हथियार कार्यक्रम तो इजरायल हमले का ‘नेता’ होगा
ट्रंप ने कहा कि अगर इसके लिए सेना की जरुरत होगी, तो हम सेना का इस्तेमाल करेंगे। इसमें इजरायल की भूमिका स्पष्ट रूप से बहुत बड़ी होगी। वह इसका नेतृत्व करेगा। वैसे कोई भी हमारा नेतृत्व नहीं करता, हम वही करते हैं जो हम करना चाहते हैं।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को सीधी धमकी देते हुए कहा है कि यदि तेहरान अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम को नहीं छोड़ता है तो इजरायल ईरान के खिलाफ संभावित सैन्य हमले का 'नेता' होगा। ध्यान देने वाली बात यह है कि ट्रंप ने यह बयान इस सप्ताहांत मध्य पूर्व के ओमान सल्तनत में अमेरिकी और ईरानी अधिकारियों के बीच होने वाली वार्ता से पहले दिया है।
ट्रंप ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि वार्ता 'प्रत्यक्ष' होगी, जबकि ईरान ने इस बातचीत को अमेरिका के साथ 'अप्रत्यक्ष' वार्ता बताया। ट्रंप ने कहा, "अगर इसके लिए सेना की जरुरत होगी, तो हम सेना का इस्तेमाल करेंगे। इसमें इजरायल की भूमिका स्पष्ट रूप से बहुत बड़ी होगी। वह इसका नेतृत्व करेगा। वैसे कोई भी हमारा नेतृत्व नहीं करता, हम वही करते हैं जो हम करना चाहते हैं।"
इस हफ्ते की शुरुआत में इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि वे ईरान के साथ समझौता करने के ट्रंप के कूटनीतिक प्रयासों का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि इजरायल और अमेरिका का एक ही लक्ष्य है कि तेहरान परमाणु हथियार विकसित न कर पाए। हालांकि, नेतन्याहू उन लोगों में शामिल रहे हैं जिन्होंने ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका के हट जाने के लिए ट्रंप को मनाने की कोशिशें की थी।
बता दें अमेरिका ने 2018 में समझौते से खुद को अलग कर लिया था और 'अधिकतम दबाव' की नीति के तहत तेहरान पर प्रतिबंध लगा दिए थे। इजरायली नेता ने कहा कि वह 2003 में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ लीबिया के समझौते की तर्ज पर एक राजनयिक समझौते का स्वागत करेंगे। लेकिन उस समझौते के तहत लीबिया के दिवंगत तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी ने अपना गुप्त परमाणु कार्यक्रम छोड़ दिया था।
ईरान का जोर इस बात पर है कि उसका कार्यक्रम, जिसे अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने भी स्वीकार किया, जारी रहना चाहिए। नेतन्याहू ने कहा, "मुझे लगता है कि यह अच्छी बात होगी। लेकिन जो भी हो, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि ईरान के पास परमाणु हथियार न हों।" संयुक्त राज्य अमेरिका की चिंता बढ़ती जा रही है क्योंकि तेहरान परमाणु हथियार के और करीब पहुंच गया है। हालांकि ट्रंप ने बुधवार को कहा कि वार्ता के किसी नतीजे पर पहुंचने के लिए उनके पास कोई निश्चित समयसीमा नहीं है।
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