ईरान पर ट्रंप का 'सफल हमला' दावा निकला खोखला? DIA रिपोर्ट ने खोली पोल, ट्रंप ने बताया 'फेक न्यूज'
अमेरिकी सरकार के खुफिया विभाग डिफेंस इंटेलीजेंस एजेंसी (DIA) ने अपनी रिपोर्ट में अनुमान जताया है कि अमेरिकी हमले में ईरान का परमाणु कार्यक्रम बच गया है और ये पूरी तरह से तबाह नहीं हुआ है।

हाल ही में ईरान के परमाणु ठिकानों पर हुई अमेरिकी एयरस्ट्राइक्स को लेकर अब अमेरिका के भीतर ही मतभेद खुलकर सामने आने लगे हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इन हमलों को "इतिहास के सबसे सफल सैन्य अभियानों में से एक" बताया है, लेकिन अमेरिकी रक्षा खुफिया एजेंसी (DIA) की एक लीक रिपोर्ट ने उनके इस दावे की वास्तविकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, इन हमलों से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को पूरी तरह नष्ट नहीं किया जा सका। वहीं दूसरी ओर, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक बैठक में रूस ने अमेरिका-इजरायल पर हमला बोला है, रूस ने इजरायल को उसके परमाणु कार्यक्रम को लेकर आड़े हाथों लिया।
रिपोर्ट में क्या कहा गया है?
CNN की रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान के फोर्दो, नतांज़ और इस्फहान में हुए हमलों से ज्यादातर नुकसान सिर्फ पावर यूनिट्स और बिल्डिंग की बाहरी दीवारों जैसी ऊपर की संरचनाओं तक ही सीमित रहा। असल में, ईरान पहले ही अपने संवेदनशील यूरेनियम स्टॉक को उन ठिकानों से हटा चुका था, जिससे अमेरिका की बमबारी का असर और कम हो गया।
अमेरिका की लीक खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी हमले के बाद ईरान का परमाणु कार्यक्रम कुछ महीने पीछे चला गया है लेकिन पूरी तरह से तबाह नहीं हुआ है, जैसा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है। रक्षा खुफिया एजेंसी की ओर से सोमवार को जारी यह रिपोर्ट ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों की स्थिति को लेकर ट्रंप और इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बयानों के विपरीत है।
रिपोर्ट की मानें तो ईरान के फोर्दो, नतांज और इस्फहान परमाणु स्थलों पर शनिवार को हुए हमलों से अच्छा खासा नुकसान हुआ है, लेकिन वे पूरी तरह नष्ट नहीं हुए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका के हमलों से पहले ही ईरान के अत्यंत संवर्धित यूरेनियम के एक हिस्से को दूसरी जगहों पर स्थानांतरित कर दिया गया था।
ट्रंप ने रिपोर्ट को बताया फेक न्यूज
अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्यालय व्हाइट हाउस ने इस आकलन को गलत बताकर खारिज कर दिया है। ट्रंप ने इस रिपोर्ट को “फेक न्यूज़” बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि ये मीडिया संस्थान एक ऐतिहासिक सैन्य सफलता को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। ट्रंप ने इसके समर्थन में बी-2 बॉम्बर्स का एक वीडियो भी जारी किया, जिसमें बंकर बस्टर बम ईरानी परमाणु ठिकानों पर गिराते दिखाए गए हैं।
डैमेज कंट्रोल के लिए उधर व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलाइन लेविट ने भी बयान जारी कर DIA की रिपोर्ट को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह एक ‘गोपनीय रिपोर्ट का लीक’ है, जिसे किसी ‘नीच दर्जे के खुफिया अफसर’ ने गलत मंशा से लीक किया है।
कैरोलीन लेविट ने कहा, “इस कथित आकलन को उजागर करना राष्ट्रपति ट्रंप को नीचा दिखाने और ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नष्ट करने के लिए एक बेहतरीन मिशन को अंजाम देने वाले बहादुर लड़ाकू पायलटों को बदनाम करने का एक स्पष्ट प्रयास है। उन्होंने कहा, “हर कोई जानता है कि जब आप 30,000 पाउंड के 14 बम लक्ष्य पर सटीक रूप से गिराते हैं तो क्या होता है: संपूर्ण विनाश।”
यूएन में ईरान-रूस ने क्या कहा?
उधर, संयुक्त राष्ट्र में ईरान के प्रतिनिधि अमीर सईद इरावानी ने हालिया संघर्षविराम को एक सकारात्मक मोड़ बताया है। उन्होंने कहा कि इजरायल के साथ टकराव के बाद बने हालात अब कूटनीतिक समाधान की दिशा में एक नया अवसर लेकर आए हैं। उनके अनुसार, जिस व्यापक युद्ध के ज़रिए ईरान को झुकाने की कोशिश की गई थी, वह रणनीति पूरी तरह नाकाम रही है। इरावानी ने ज़ोर देकर कहा कि मौजूदा परिस्थितियाँ यह स्पष्ट करती हैं कि ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम से जुड़े विवादों को सुलझाने का एकमात्र रास्ता संवाद और कूटनीति ही है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में रूस के प्रतिनिधि वसिली नेबेन्जिया ने अमेरिका और इजरायल की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि ईरान पर किया गया हमला परमाणु अप्रसार संधि (NPT) के तहत मिलने वाले अधिकारों की सीधे-सीधे अवहेलना है। नेबेन्जिया ने चेताया कि इस तरह की सैन्य कार्रवाइयों से पूरे मध्य पूर्व में रेडियोलॉजिकल खतरे की आशंका बढ़ सकती है।
व्यंग्य करते हुए उन्होंने कहा, “हमें यह देख कर हैरानी हो रही है कि इजरायल इस बैठक में शामिल है, जो कि NPT के एजेंडे पर आधारित है। क्या यह इजरायल के NPT में शामिल होने की संभावित इच्छा का संकेत है?” उन्होंने यह भी याद दिलाया कि इजरायल NPT का हिस्सा नहीं है और आम धारणा के अनुसार, उसके पास लगभग 90 परमाणु हथियार मौजूद हैं।
गौरतलब है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई बार कह चुके हैं कि हमलों के कारण ईरान में परमाणु स्थल “पूरी तरह से नष्ट” हो गए हैं और ईरान कभी भी अपने परमाणु प्रतिष्ठानों का पुनर्निर्माण नहीं कर पाएगा।
वहीं नेतन्याहू ने मंगलवार को टेलीविजन पर दिए गए बयान में कहा, “मैं वर्षों से आपसे वादा करता आया हूं कि ईरान को परमाणु हथियार नहीं बनाने देंगे और वास्तव में... हमने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को बर्बाद कर दिया।
(पीटीआई के इनपुट के साथ)
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