तुर्की-सीरिया में भूकंप से मरने वालों की संख्या 11000 के पार, अब भी कई मलबे में दबे, राहत की कमी से बढ़ रहा गुस्सा

तबाह सड़कों, खराब मौसम और उपकरणों की कमी के कारण बचावकर्मी अब भी कई प्रभावित इलाकों में नहीं पहुंचे हैं, जिससे लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। उन्हें डर है कि जो बचे हैं उनमें से कई ठंड और भूख से मर सकते हैं, जिससे मौतों की संख्या और अधिक बढ़ सकती है।

इमारत के मलबे में अपनों की तलाश करते लोग
इमारत के मलबे में अपनों की तलाश करते लोग
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नवजीवन डेस्क

तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी 7.8 तीव्रता के भूकंप से मची तबाही में मरने वालों की संख्या बढ़कर 11224 पहुंच गई है। अकेले तुर्की में 8,754 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है, जबकि सीरिया में 2470 लोगों की मौत हुई है। दोनों देशों को मिलाकर घायलों की संख्या 40,000 के ऊपर पहुंच गई है। बचाव एजेंसियों का कहना है कि आंकड़े और बढ़ सकते हैं क्योंकि कई लोग अभी भी मलबे के नीचे फंसे हुए हैं।

अभी भी कई मलबे में फंसे, बढ़ रहा लोगों का गुस्सा

न्यूज एजेंसी रायटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, तुर्की में बड़ी संख्या में लोग अभी भी मलबे में फंसे हैं और अब तक इन इलाकों में राहत और बचाव टीमें नहीं पहुंच सकी हैं, जिससे लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। लोगों का आरोप है कि प्रभावित इलकों में सरकार दो दिन बीत जाने के बावजूद पर्याप्त राहत और बचाव अभियान नहीं शुरू कर सकी है। उन्हें डर है कि जो बच गए हैं उनमें से कई ठंड और भूख से मर भी सकते हैं और आने वाले घंटों में मौतें और भी अधिक बढ़ सकती हैं।

भूकंप से जमींदोज इमारत के मलबे में लोगों की तलाश करते बचावकर्मी
भूकंप से जमींदोज इमारत के मलबे में लोगों की तलाश करते बचावकर्मी
फोटोः सोशल मीडिया

कई प्रभावित इलाकों में नहीं पहुंच पा रहे बचावकर्मी

वहीं अधिकारियों का कहना है कि बचावकर्मी अब भी बुरी तरह प्रभावित इलाकों में पहुंचने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, क्योंकि तबाह हो चुकी सड़कों, खराब मौसम, और संसाधनों और भारी उपकरणों की कमी के कारण वे प्रभावित स्थल तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। तुर्की के आपदा और आपातकालीन प्रबंधन प्रेसीडेंसी (एएफएडी) ने कहा कि कुल 60,218 आपातकालीन अधिकारी प्रभावित क्षेत्रों में काम कर रहे हैं, जिसमें 65 देशों के 3,200 कर्मचारी शामिल हैं। वहीं उपराष्ट्रपति फुआट ओकटे ने बताया कि देश में कम से कम 5,775 इमारतें ढह गई हैं और 8,000 से अधिक लोगों को इन इमारतों के मलबे से बचाया गया है।

भूकंप से तबाह इमारत से अपना सामान निकालते लोग
भूकंप से तबाह इमारत से अपना सामान निकालते लोग
फोटोः सोशल मीडिया

राष्ट्रपति एर्दोगन ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया

अधिकारियों द्वारा "धीमी और अपर्याप्त प्रतिक्रिया" को लेकर लोगों में बढ़ रहे गुस्से के बीच तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने बुधवार को कई भूकंप प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। एर्दोगन ने ऐलान किया कि सोमवार के विनाशकारी भूकंप से तुर्की में मरने वालों की संख्या 8,754 तक पहुंच गई है, जबकि सीरिया में 2,470 ज्ञात मौतों के साथ संयुक्त मौत का आंकड़ा 11,224 पहुंच गया है। एर्दोगन ने कहा कि शुरुआती प्रतिक्रिया में कुछ दिक्कतें आईं, लेकिन अब अभियान सामान्य हो गया है। एर्दोगन ने कहा कि शुरुआत में हवाई अड्डों और सड़कों का मुद्दा था, लेकिन आज चीजें आसान हो रही हैं और कल यह और भी आसान हो जाएगा। हमने अपने सभी संसाधन जुटा लिए हैं।

भूकंप से जमींदोज इमारत के मलबे में लोगों की तलाश करता बचावकर्मी
भूकंप से जमींदोज इमारत के मलबे में लोगों की तलाश करता बचावकर्मी
फोटोः सोशल मीडिया

60 से अधिक देशों ने सहायता भेजने का किया वादा

60 से अधिक देशों ने दोनों देशों में प्रभावित क्षेत्रों में समर्थन और मानवीय सहायता भेजने का वादा किया है, जबकि वर्तमान में लगभग 20 अंतर्राष्ट्रीय सरकारी खोज और बचाव दल जमीन पर काम कर रहे हैं। ठंड के चलते बचाव के प्रयासों को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। भूकंप से क्षेत्र के बुनियादी ढांचे को भी गंभीर रूप से क्षति पहुंची है, जिससे राजमार्ग पर वाहन चलाना मुश्किल हो गया है। टेलीविजन चैनलों ने बताया कि भूकंप से प्रभावित तीन प्रांतों गाजियांटेप, आदियमान और मालट्या में बचे लोगों ने सामुदायिक केंद्रों में शरण ली, जहां उन्हें कंबल और भोजन दिया गया। आश्रय के लिए क्षेत्र की मस्जिदों को भी खोल दिया गया है।


भारत एनडीआरएफ की एक और टीम तुर्की भेजेगा

समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि सीरिया में मरने वालों की संख्या बढ़कर 2,470 हो गई है। अलेप्पो, लताकिया, हमा, इदलिब और टार्टस के क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। तुर्की में 10 प्रांत सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं जहां लगभग 13.5 मिलियन लोगों के घर हैं। इस बीच, भारत एनडीआरएफ कर्मियों की एक और टीम तुर्की भेज रहा है। कल वहां पहुंची दो टीमों ने बचाव कार्य शुरू कर दिया है। भारत भी भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में लगातार राहत सामग्री वितरित कर रहा है।

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Published: 08 Feb 2023, 6:33 PM