दो इंजीनियरों ने चीन के नकली आईफोन से एप्पल को लगा दिया करोड़ों का चूना, जानिये कैसे?

दुनिया में नटवरलाल जैसे लोगों की कमी नहीं है। ऐसे ही दो लोग पकड़े गए हैं, जिन्होंने एप्पल कंपनी को चीन से मंगाए नकली आई फोन देकर असली फोन ले लिए और उसे बेचकर करोड़ों कमाए। इस फर्जीवाड़े से एप्पल कंपनी को 62 करोड़ रुपये की चपत लगी है।

फोटोः सोशल मीडिया
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दुनिया की नामी मोबाइल कंपनी एप्पल से दो चीनी इंजीनियरों ने 8,95,800 डॉलर यानी करीब 62 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है। इन दोनों चीनी युवकों ने पढ़ाई अमेरिका में ही की है। दोनों ने साल 2017 से ही ऐसा करना शुरू किया था। उन्होंने फर्जी आईफोन को असली आईफोन से बदल लिया और उसे बेचकर उससे करोड़ों कमाया।

इन दोनों चीनी इंजीनियरों के नाम हैं- यांग्याग जोहू और क्वान जियांग। जोहू ऑरेगन यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी कर चुका है और जियांग लिन बेंटन कॉलेज में आखिरी सेमेस्टर में पढ़ रहा है। दोनों ने चीन से नकली आईफोन मंगवाने शुरू किए। वे उन नकली आईफोन को एप्पल के सर्विस सेंटर में लेकर जाते और बताते कि यह आईफोन स्विच ऑन नहीं हो रहा। ऐसे में सर्विस सेंटर वाले मोबाइल देखकर नया मोबाइल दे देते थे।

दरअसल एप्पल किसी भी फोन में खराबी आने पर रिपेयर करने की जगह नया फोन दे देता है। इसके लिए खरीदारी के सबूत के तौर बिल वगैरह नहीं देना होता है। दोनों ने अलग-अलग सर्विस सेंटर पर 3,069 नकली फोन रिप्लेसमेंट के लिए दिए। इनमें से एप्पल ने 1,493 फोन रिप्लेस कर दिए। इससे एप्पल को करीब 9 लाख डॉलर का चूना लगा। वे दोनों नये आईफोन को चीन भेज देते थे, जहां उसे बेचकर जो पैसा आता, उसे वे अपने अमेरिकी बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करवा लेते।

असल में चीन में बनने वाले नकली आईफोन की पहचान करना बेहद मुश्किल होता है, क्योंकि इसका हार्डवेयर और यूजर इंटरफेस एकदम असली आईफोन जैसा होता है। इन्हें सैटिंग्स और सीरियल नंबर की मदद से ही पहचाना जा सकता है। इसके लिए मोबाइल का ऑन होना जरूरी होता है। दोनों चीनी इंजीनियरों ने इसी बात का फायदा उठाया।

इस हेरफेर का खुलासा तब हुआ जब 2017 में अमेरिकी कस्टम एजेंसियों ने हॉन्ग कॉन्ग से आए पांच संदिग्ध पार्सल को पकड़ा, जिन पर एप्पल की ब्रैंडिंग थी लेकिन अंदर नकली आईफोन थे। आगे तफ्तीश करते हुए एजेंसी ने जियांग से इन पार्सलों के बारे में पूछताछ की तो पता चला कि जियांग के पास हर महीने चीन से 20-30 ऐसे आईफोन आते हैं। इन्हें वो एप्पल स्टोर से रिप्लेस कर वापस भेज देता है।

एप्पल ने जून 2017 में जियांग को फर्जी आईफोन रिप्लेसमेंट में देने का नोटिस भी भेजा था लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया। वो कभी-कभी ही स्टोर पर जाकर फोन देता था। वो एप्पल की ऑनलाइन सर्विस से एक एजेंट घर बुलाता और फोन चालू न होने की बात कहकर फोन सौंप देता था।

मामले का खुलासा होने के बाद एप्पल ने दोनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा किया है। अदालत में दोनों ने अपने बचाव में दलील दी है कि उन्हें यह नहीं पता था कि आ रहे आईफोन फर्जी हैं। उन्हें चीन से आईफोन यह बताकर भेजे जाते थे कि ये असली हैं, बस चालू नहीं हो रहे। ऐसे में वे अमेरिका में फोन बदलवा देते थे। इसके बदले इन्हें पैसे मिलते थे।

फिलहाल दोनों पर मुकदमा चल रहा है। हालांकि अभी दोनों जेल से बाहर हैं। दोनों पर धोखाधड़ी और गलत तरीके से निर्यात का मुकदमा चल रहा है। जियांग पर जीपीएस के जरिए निगरानी रखी जा रही है।

ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि नकली आईफोन के जरिए धोखाधड़ी की गई हो। पिछले साल एक चीनी नागरिक ने अमेरिका में चीन से नकली आईफोन और आईपेड बेचकर 11 लाख डॉलर की धोखाधड़ी की थी।

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