अफ्रीका के बदले यूरोप जा रहा है यूक्रेन का अनाज, गरीब देशों की भूख दूर करने का दावा निकला झूठ

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पश्चिमी देशों पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि यूरोपीय देशों ने दावा किया था कि अफ्रीका में अकाल के जोखिम को कम करने के लिए समुद्री निर्यात की आवश्यकता है। लेकिन अनाज पश्चिमी देशों को निर्यात किया जा रहा है।

फोटोः IANS
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नवजीवन डेस्क

यूक्रेन से निर्यात होने वाले अनाज का बड़ा हिस्सा अफ्रीका में विकासशील देशों के बजाय यूरोपीय संघ के देशों को भेजा जा रहा है। स्पेन के एल पाइस अखबार ने संयुक्त राष्ट्र और जहाज पर निगरानी के आंकड़ों का हवाला देते हुए ये दावा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, 1 अगस्त से 7 सितंबर के बीच यूक्रेन से ब्लैक सी कॉरिडोर के जरिए 23 लाख टन से ज्यादा मक्का, गेहूं, जौ और अन्य कृषि उत्पादों का निर्यात किया गया।

इसमें से लगभग 900,000 टन अनाज यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के बंदरगाहों पर भेजे गए, जो कि कम से कम 38 प्रतिशत होता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उपलब्ध आंकड़ों से यह पता लगाना असंभव है कि यूरोपीय संघ इन अनाज खेपों का अंतिम गंतव्य है या ट्रांजिट प्वाइंट।


यहां बता दें कि 22 जुलाई को इस्तांबुल में काला सागर के माध्यम से यूक्रेनी अनाज, भोजन और उर्वरकों के निर्यात के लिए बहुपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए थे। समझौतों के तहत रूसी अनाज और उर्वरक निर्यात से भी प्रतिबंध हट गया था। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र में रूस के स्थायी प्रतिनिधि वसीली नेबेंजिया के अनुसार, रूसी उत्पादों के निर्यात से संबंधित खाद्य सौदे का हिस्सा लागू नहीं किया गया है, जिससे मॉस्को द्वारा समझौते को समाप्त किया जा सकता है।

इससे पहले बुधवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पश्चिमी देशों पर झूठ बोलने का आरोप लगाया कि यूरोपीय देशों ने दावा किया था कि अकाल के जोखिम को कम करने के लिए समुद्री शिपिंग तक पहुंच की आवश्यकता है। लेकिन अनाज पश्चिमी राज्यों को निर्यात किया जा रहा है। गुरुवार को अपनी टिप्पणी में तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने भी रूसी नेता का पक्ष लेते हुए कहा कि यूक्रेनी अनाज दुर्भाग्य से ज्यादातर अमीर देशों में जा रहा है।

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