अमेरिका और ब्रिटेन के UN कर्मचारियों को यमन छोड़ने का हुक्म, हूती ने एक महीने का दिया अल्टीमेटम

यह कदम लाल सागर में तैनात अमेरिकी और ब्रिटिश सेनाओं और हूतियों के बीच बढ़ते तनाव के बीच आया है, जो 7 अक्टूबर 2023 को इज़रायल-हमास संघर्ष की शुरुआत के बाद से फ़िलिस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए क्षेत्र में इजरायल से जुड़े जहाजों पर हमले कर रहे हैं।

हूती ने अमेरिका और ब्रिटेन के UN कर्मचारियों को एक महीने में यमन छोड़ने को कहा
हूती ने अमेरिका और ब्रिटेन के UN कर्मचारियों को एक महीने में यमन छोड़ने को कहा
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नवजीवन डेस्क

यमन के हूती समूह ने कथित तौर पर अमेरिका और ब्रिटेन के संयुक्त राष्ट्र कर्मचारियों को एक महीने में उसके नियंत्रण वाले क्षेत्रों से निकल जाने का अल्टीमेटम दिया है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर मंगलवार को कहा कि हूती ने संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों से कहा कि उसके अमेरिकी और ब्रिटिश कर्मचारी अवांछित हैं और उन्हें हूती के कब्जे वाले क्षेत्र में वापस नहीं लौटना चाहिए।

स्थानीय मीडिया के अनुसार, हूती-नियंत्रित क्षेत्रों में संयुक्त राष्ट्र के लिए 20 से अधिक अमेरिकी और ब्रिटिश नागरिक काम कर रहे हैं। यह अनुरोध लाल सागर में तैनात अमेरिकी और ब्रिटिश सेनाओं और हूतियों के बीच बढ़ते तनाव के बीच आया है, जो 7 अक्टूबर 2023 को इज़रायल-हमास संघर्ष की शुरुआत के बाद से फ़िलिस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए क्षेत्र में "इजरायल से जुड़े जहाजों" पर हमले कर रहे हैं।


लाल सागर में तैनात अमेरिका-ब्रिटेन समुद्री गठबंधन सेना ने यमन के विभिन्न उत्तरी प्रांतों में हूती शिविरों पर कई हवाई हमले किए हैं। इसमें कहा गया है कि इन कार्रवाइयों का उद्देश्य लाल सागर शिपिंग लेन में वाणिज्यिक जहाजों पर हूती हमलों को रोकना है। अमेरिका-ब्रिटेन गठबंधन के इन हमलों ने हूतियों को नाराज कर दिया है और विरोध में उसने अमेरिकी और ब्रिटिश यूएन कर्मचारियों को देश छोड़ने के लिए कहा है।

हूती समूह ने लाल सागर में इज़रायल से जुड़े जहाजों को तब तक निशाना बनाना जारी रखने की कसम खाई है जब तक कि इज़रायल फिलिस्तीनी क्षेत्र गाजा पट्टी पर अपने हमले और नाकाबंदी बंद नहीं कर देता है। इस बीच अमेरिका ने पिछले सप्ताह हूती समूह को "आतंकवादी संगठन" के रूप में एक बार फिर से नामित कर दिया और कहा कि इस कदम से उत्तरी यमन में भोजन और दवा की आपूर्ति प्रभावित नहीं होगी।

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