ट्रंप के खिलाफ यौन दुर्व्यवहार के आरोपों की जांच की मांग तेज, महिला सीनेटर्स ने मांगा इस्तीफा 

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान डोनाल्ड ट्रंप पर यौन दुर्व्यवहार के आरोप लगाने वाली महिलाओं ने एक बार फिर अपने आरोपों को दोहराते हुए जांच की मांग उठाई है। कई सीनेटर्स ने भी जांच की मांग की है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

पिछले साल अमरीकी राष्ट्रपति के चुनाव से पहले रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप पर कई महिलाओं ने यौन दुर्व्यवहार के आरोप लगाए थे। ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद बीच-बीच में भी ये मामला कई बार उठता रहा है। अब एक बार फिर इस मामले ने अमेरिका की राजनीति में तूल पकड़ लिया है। पिछले साल ट्रंप पर यौन दुर्व्यवहार का आरोप लगाने वाली कई महिलाओं ने ट्रंप के खिलाफ जबर्दस्ती छूने, जबर्दस्ती चुंबन लेने के आरोपों को सार्वजनिक रूप से फिर एक बार दोहराया है। इन महिलाओं ने एक टीवी कार्यक्रम में और बाद में मैनहट्टन में एक संवाददाता सम्मेलन कर अपने आरोपों को दोहराया और अमरीकी उच्च सदन कांग्रेस से उनके आरोपों की जांच कराने का आग्रह किया।

महिलाओं ने कहा कि इस तरह के आरोपों ने न्यूज मीडिया, व्यापार व राजनीति के कई दिग्गजों के करियर पर असर डाला है, इसलिए उन्हें उम्मीद है कि अब उनके आरोपों को भी गंभीरता से लिया जाएगा। 2006 में मिस नॉर्थ केरोलिना का खिताब जीतने वाली सामंथा होल्वे ने कहा, "अब माहौल अलग है, इसलिए हमने सोचा, चलो एक बार फिर कोशिश करते हैं।"

जेसिका लीड्स ने होल्वे का साथ देते हुए कहा कि 1970 के दशक में ट्रंप ने उन्हें विमान यात्रा के दौरान जबरदस्ती छुआ और चुंबन किया। वहीं रसेल क्रुक्स ने आरोप लगाया कि वर्ष 2005 में ट्रंप ने बिना उनकी इजाजत के लगातार उनका चुंबन लिया था।

फोटोः सोशल मीडिया
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ट्रंप के खिलाफ आरोप लगाने वाली महिलाएं

बेरॉक ग्रुप की पूर्व रिसेप्शनिस्ट क्रुक्स ने कहा, "यह ट्रंप की ओर से लगातार किया गया दुर्व्यवहार और विकृति है...। मेरे यहां होने का एकमात्र कारण यह है कि यह मुजरिम अब हमारे देश का राष्ट्रपति है।" कम से कम 15 महिलाओं ने ट्रंप पर यौन दुर्व्यवहार और महिलाओं के प्रति खराब व्यवहार का आरोप लगाया है। डॉक्युमेंट्री फिल्म कंपनी ब्रेव न्यू फिल्म्स द्वारा आयोजित संवाददाता सम्मेलन में ट्रंप पर आरोप लगाने वालों में लिजा बोयने भी शामिल थीं। इन सभी के अलावा पूर्व मिस उटाह अमेरिका रही टेंपल टेग्गार्ट ने वर्ष 1997 में ट्रंप पर उनके होठों का चुंबन लेने के आरोप लगाए हैं। एक और महिला मिंडी मेकगिलिवरे ने ट्रंप पर वर्ष 2003 में फ्लोरिडा में उन्हें पीछे से दबोचने का आरोप लगाया है।

कई महिला सीनेटर्स ने की जांच की मांग

इससे पहले डेमोक्रेटिक पार्टी की 54 महिला सीनेटर्स ने एक पत्र पर हस्ताक्षर किया जिसमें कहा गया है कि हाल में 'मी टू' अभियान के तहत सारे अमरीका की महिलाएं अपने यौन उत्पीड़न और प्रताड़ना की भयावह कहानियों को पूरी दुनिया के सामने ला रही हैं। पत्र में लिखा है, “कांग्रेस के कुछ सदस्यों पर भी आरोप लगे और वे जांच के दायरे में आए। उनमें से कुछ यौन दुर्व्यवहार की वजह से इस्तीफा भी दे रहे हैं।” पत्र में आगे कहा गया है, “राष्ट्रपति ट्रंप पर भी कई महिलाओं ने ऐसे ही आरोप लगाए हैं और हम इन्हें नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं।” ट्रंप पर यौन दुर्व्यवहार के आरोप लगाने वाली महिलाओं ने अपने आरोपों की जांच कराए जाने की मांग की थी।

सीनेटर गिलब्रांड ने मांगा ट्रंप से इस्तीफा

महिला सीनटेर्स के इस कदम के बाद न्यूयॉर्क से डेमोक्रेटिक सीनेटर क्रिस्टन गिलिब्रांड ने सख्त रुख अपनाते हुए ट्रंप के इस्तीफे की मांग की है। गिलिब्रांड ने एक न्यूज चैनल पर कहा, "इन महिलाओं के मुताबकि राष्ट्रपति ट्रंप ने उनके साथ यौन दुर्व्यवहार किया था। यह दुर्व्यवहार और आपराधिक गतिविधि के मामले में बेहद विश्वसनीय आरोप हैं और उनकी पूरी तरह से जांच होनी चाहिए और ट्रंप को इस्तीफा देना चाहिए।" सेना में यौन उत्पीड़न के मामलों से निपटने को लेकर कांग्रेस की एक प्रमुख आवाज मानी जाने वाली गिलिब्रांड ने कहा, "अगर वह तुरंत इस्तीफा नहीं देते हैं तो कांग्रेस को उनके व्यवहार की जांच करानी चाहिए और उन्हें जिम्मेदार ठहराना चाहिए।" ओरेगान के डेमोक्रेटिक सीनेटर रॉन वीडेन ने भी 11 दिसंबर को एक ट्वीट कर ट्रंप के इस्तीफे की मांग की। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "ये महिलाएं सही हैं। अगर ट्रंप इस्तीफा नहीं देते हैं तो कांग्रेस को विभिनन महिलाओं द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच करानी चाहिए। कानून से ऊपर कोई नहीं है।"

रिपब्लिकन निकी हेली का रुख व्हाइट हाउस से अलग

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत और रिपब्लिकन नेता निकी हेली ने भी इस मामले में व्हाइट हाउस से अलग रुख अपनाते हुए कहा है कि ट्रंप पर यौन दुर्व्यवहार के आरोप लगाने वाली महिलाओं को 'सुना जाना चाहिए।' भारतीय मूल की अमेरिकी नागरिक हेली ने कहा, “हमने चुनाव से पहले भी इन आरोपों को सुना है। मेरा मानना है कि जिस महिला ने भी ऐसा महसूस किया है कि उसके मानवाधिकारों का उल्लंघन हुआ है, उसके साथ किसी तरह का गलत व्यवहार हुआ है, उसे बोलने का पूरा हक है।”

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संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत निकी हेली

व्हाइट हाउस के रुख में कोई बदलाव नहीं

इन गंभीर आरोपों और चौतरफा उठ रही इस्तीफे की मांग के बीच व्हाइट हाउस ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है। हेली के बयान पर टिप्पणी करते हुए व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने कहा है कि ट्रंप को लगता है कि यह अच्छी बात है कि महिलाएं आगे आ रही हैं, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रपति ने आरोपों से इंकार किया है। इन आरोपों पर व्हाइट हाउस का आधिकारिक रुख यही रहा है कि चुनावों में ट्रंप की जीत के बाद अब इन आरोपों पर कुछ नहीं हो सकता है।

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