दुनियाः 2024 से अब तक 279 इजरायली सैनिकों ने की खुदकुशी की कोशिश और अमेरिका की ड्रग्स तस्करों पर कार्रवाई, 14 मरे
ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच जारी संघर्ष को खत्म करने के लिए मदद की पेशकश की है। दक्षिण अफ्रीका को करीब तीन साल बाद वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) की ग्रे सूची से बाहर निकलने में सफलता मिली है।

इजरायल में 2024 से अब तक 279 सैनिकों ने की खुदकुशी की कोशिश
इजरायल के नेसेट रिसर्च एंड इंफॉर्मेशन सेंटर की एक नई रिपोर्ट सैनिकों के टूटते हौसलों की कहानी कहती है। रिपोर्ट बताती है कि जनवरी 2024 और जुलाई 2025 के बीच, इजरायल डिफेंस फोर्सेज के 279 सैनिकों ने अपनी जान देने की कोशिश की। द टाइम्स ऑफ इजरायल के अनुसार दूर-वामपंथी हदाश-ताल के सांसद ओफर कैसिफ के अनुरोध पर तैयार की गई इस रिपोर्ट में ये भी पाया गया कि आत्महत्या से पहले हर सैनिक ने कम से कम सात बार अपनी जान लेने की कोशिश की। इजरायली संसद को नेसेट कहते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में इजरायल में हुई सभी आत्महत्याओं में से 78 फीसदी कॉम्बैट सैनिकों की थीं- यह पिछले सालों की तुलना में एक बड़ी बढ़ोतरी है, जब 2017 से 2022 तक यह दर 42 फीसदी और 45 फीसदी के बीच थी। यह बढ़ोतरी आंशिक रूप से हमास के 7 अक्टूबर, 2023 के हमले के बाद रिजर्विस्ट सैनिकों (अंशकालिक सेवा देने वाले नागरिक) की लामबंदी में हुई बढ़ोतरी से जुड़ी हो सकती है, जिससे युद्ध के दौरान हजारों सैनिक फिर से एक्टिव सर्विस में वापस आ गए थे। ज्यादातर डेटा आईडीएफ मेडिकल कोर के मेंटल हेल्थ सेंटर और नेसेट की अलग-अलग कमेटियों में हुई चर्चाओं से हासिल किया गया।
रिपोर्ट में यह साफ किया गया है कि ये आंकड़े सिर्फ उन सैनिकों के बारे में हैं जो अपनी मौत या कोशिश के समय सर्विस में थे - चाहे वे रेगुलर सर्विस में हों या रिजर्व सर्विस में - और इसमें सेवानिवृत सैनिक शामिल नहीं हैं जिन्होंने सेना छोड़ने के बाद अपनी जान ली। 15 सितंबर 2025, को इजरायल की लेबर एंड वेलफेयर कमेटी ने आत्महत्या रोकने और इलाज के उपाय को लेकर चर्चा की थी। शुरुआत में, कमेटी की चेयरपर्सन एमके मिशाल वोलडिगर (रिलीजियस जायोनिज्म) ने कहा, "जब से युद्ध शुरू हुआ है तब से हमें आम लोगों और आईडीएफ सदस्यों की ओर से मदद की अपील की जा रही है। हमें दिख रहा है कि लोग परेशान हैं और आत्महत्या के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देख रहे हैं।" इसी कमेटी में आईडीएफ प्रतिनिधियों की ओर से डेटा पेश किया गया, जिसके अनुसार 2024 में 24 सर्विस मेंबर्स—सैनिक, एक्टिव रिजर्विस्ट, या करियर पर्सनल - ने आत्महत्या की थी।
अमेरिकी सेना की ड्रग्स तस्करों पर कार्रवाई, 14 लोग मारे गए
अमेरिकी युद्ध सचिव पीट हेगसेथ ने मंगलवार को एक्स पर घोषणा की कि अमेरिकी सेना ने पूर्वी प्रशांत महासागर में कथित तौर पर नशीले पदार्थों की तस्करी करने वाले चार जहाजों पर तीन हमले किए, जिसमें 14 लोग मारे गए और एक व्यक्ति जिंदा बच गया। हेगसेथ ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर अमल करते हुए जहाजों को निशाना बनाया गया। हमलों के बाद, कैरिबियन और पूर्वी प्रशांत महासागर में कथित तस्करों के खिलाफ ट्रंप के अभियान में सितंबर की शुरुआत से अब तक मरने वालों की कुल संख्या 50 से ज्यादा हो गई है। हेगसेथ ने लिखा, "हमारे इंटेलिजेंस सिस्टम को इन चारों जहाजों के बारे में पता था, वे नशीले पदार्थों की तस्करी के चिन्हित रास्तों से गुजर रहे थे, और उनमें नशीले पदार्थ लदे थे।"
उन्होंने आगे कहा, "पहले हमले के दौरान जहाजों पर आठ पुरुष नार्को-टेररिस्ट सवार थे। दूसरे हमले के दौरान जहाज पर चार मेल (पुरुष) नार्को-टेररिस्ट सवार थे। तीसरे हमले के दौरान जहाज पर तीन नार्को-टेररिस्ट सवार थे। तीनों हमलों में कुल 14 नार्को-टेररिस्ट मारे गए, और एक बच गया। किसी भी अमेरिकी सैनिक को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।" हेगसेथ ने कहा कि अमेरिकी सेना ने तुरंत बचे हुए व्यक्ति को खोजने और बचाने के लिए एक सर्च-एंड-रेस्क्यू मिशन शुरू किया। बाद में मैक्सिकन समुद्री अधिकारियों ने बचाव अभियान के कोऑर्डिनेशन की जिम्मेदारी संभाली। उन्होंने बचे हुए व्यक्ति की हालत या ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं दी।
पाकिस्तान-अफगानिस्तान संघर्ष खत्म कराएगा ईरान!
ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच जारी संघर्ष को खत्म करने के लिए मदद की पेशकश की है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पेजेशकियन ने मंगलवार को कहा कि तेहरान मध्यस्थता के लिए तैयार है। इस्लामिक रिपब्लिक न्यूज एजेंसी (आईआरएनए) की रिपोर्ट के अनुसार, पेजेशकियन ने मंगलवार को तेहरान में चौथे ईसीओ इंटीरियर मिनिस्टर्स मीटिंग से इतर पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी के साथ एक बैठक के दौरान ये बातें कहीं। उन्होंने क्षेत्र में तनाव कम करने और टकराव से बचने के प्रयासों की जरूरत पर जोर दिया और पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच विवादों को सुलझाने के लिए ईरान की तैयारी जाहिर की। उन्होंने आगे कहा, "आज, हम मुस्लिम देशों को इकट्ठा होकर अपने दुश्मनों के खिलाफ एक दूजे के साथ खड़ा होना पड़ेगा, ये बहुत जरूरी हो गया है।"
ईरानी राष्ट्रपति की ये टिप्पणियां ऐसे समय आई हैं जब इस्तांबुल में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के प्रतिनिधिमंडलों के बीच बातचीत का नवीनतम दौर किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाया है, जिसमें मध्यस्थों ने सुरक्षा चिंताओं पर किसी भी समझौते में बाधा डालने वाले कई मतभेदों को कारण बताया है। क्षेत्रीय मध्यस्थता प्रयासों के बावजूद, लगातार तीन दिनों तक चली पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बातचीत में कोई सफलता नहीं मिली। मध्यस्थों ने माना कि दोनों देशों के रुख में काफी अंतर था क्योंकि दोनों पक्षों की उम्मीदों और प्राथमिकताओं में मतभेद थे। अफगानिस्तान की प्रमुख समाचार एजेंसी खामा प्रेस ने जियो न्यूज की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि इन मतभेदों के कारण दोनों देशों के अधिकारी बातचीत के दौरान कोई प्रगति नहीं कर पाए।
दक्षिण अफ्रीका तीन साल बाद FATF की ‘ग्रे सूची’ से बाहर
दक्षिण अफ्रीका को करीब तीन साल बाद वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) की संदिग्ध (ग्रे) सूची से बाहर निकलने में सफलता मिली है। वैश्विक धन शोधन और आतंकवादी वित्तपोषण निगरानी संस्था ने पिछले सप्ताह पेरिस में अपनी तीन दिवसीय पूर्ण बैठक के समापन के बाद इस निर्णय की घोषणा की। एफएटीएफ की संदिग्ध सूची में शामिल देशों पर कड़ी निगरानी रखी जाती है और ऐसे देशों को धन शोधन, आतंकवादी वित्तपोषण आदि का मुकाबला करने के लिए रणनीतिक कमियों को दूर करना होता है।
दक्षिण अफ्रीका के वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘गत 32 महीनों में, दक्षिण अफ्रीका ने कार्य योजना की प्रगति का आकलन करने के लिए एफएटीएफ द्वारा नियुक्त समीक्षकों की एक टीम के साथ काम किया है।’’ बयान के मुताबिक, ‘‘इस सहयोग की वजह से जुलाई 2025 के अंत में समीक्षकों ने मौके का मुआयना किया। इस दौरान समीक्षक सुधारों की स्थिरता की पुष्टि करने के लिए यहां आए और उनके द्वारा तैयार रिपोर्ट एफएटीएफ के समक्ष प्रस्तुत की गई।’’
बयान में कहा गया कि एफएटीएफ को आश्वासन दिया गया कि सरकार धन शोधन निरोधक और आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने (एएमएल/सीएफटी) वाली प्रणाली में स्थायी सुधार के लिए प्रतिबद्धता है। हालांकि, वित्त मंत्रालय ने एफएटीएफ की संदिग्ध सूची में वापस शामिल किए जाने से बचने के लिए किसी भी तरह की लापरवाही के प्रति आगाह भी किया है। एफएटीएफ ने दक्षिण अफ्रीका के अलावा नाइजीरिया, मोजाम्बिक और बुर्किना फासो को भी अपनी संदिग्ध सूची से हटा दिया है।
शटडाउन के कारण हजारों अमेरिकी उड़ानों में देरी
अमेरिका में सोमवार को 4,000 से ज़्यादा उड़ानें देरी से शुरू हुई और करीब 118 उड़ानें रद्द कर दी गईं। यह स्थिति पिछले 27 दिनों से चल रहे शटडाउन के कारण पैदा हुई है, जिससे हवाई यात्रा प्रभावित हो रही है। यह देरी देशभर के हवाई अड्डों और हवाई यातायात नियंत्रण टावरों में कर्मचारियों की कमी की वजह से हो रही है। फ्लाइटअवेयर के अनुसार, रविवार को ही 8,700 से ज्यादा उड़ानें देरी से चलीं, क्योंकि कर्मचारियों की कमी लगातार बढ़ रही है। लगभग 13,000 हवाई यातायात नियंत्रक और 50,000 परिवहन सुरक्षा अधिकारी बिना वेतन के काम कर रहे हैं, जिससे हवाई सेवाओं पर भारी दबाव पड़ा है। संघीय विमानन प्रशासन (एफएए) ने बताया कि स्टाफ की कमी के कारण दक्षिण-पूर्वी इलाकों और न्यू जर्सी के नेवार्क लिबर्टी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उड़ानें प्रभावित हो रही हैं। लॉस एंजिल्स अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एफएए ने जमीनी विलंब लागू किया, जिसके कारण उड़ानें औसतन 25 मिनट तक रुकी रहीं।
परिवहन विभाग के सचिव सीन डफी ने रविवार को फॉक्स न्यूज को बताया, “कर्मचारियों को गुरुवार और शुक्रवार को नोटिस मिला था। उन्हें यह भी बताया गया कि मंगलवार को मिलने वाला उनका वेतन नहीं दिया जाएगा।” डफी ने हवाई यातायात नियंत्रकों को हो रहे तनाव के बारे में बताया। उन्होंने आगे कहा, “मैंने हवाई यातायात नियंत्रकों से बात की है और उनके चेहरे पर तनाव साफ दिखता है। ये वे लोग हैं जो महीने-महीने की तनख्वाह पर निर्भर रहते हैं। वे कार में ईंधन भराने और बच्चों की देखभाल को लेकर चिंतित हैं।”
परिवहन विभाग ने चेतावनी दी है कि उड़ानें तो जारी रहेंगी। लेकिन, शटडाउन लंबे समय तक चलने पर देरी और रद्द होने की संभावना बनी रहेगी। एयरलाइनों ने यात्रियों से कहा है कि वे अपनी उड़ानों की स्थिति पहले से जांच लें और हवाई अड्डे पर लंबे इंतज़ार के लिए तैयार रहें। विशेषज्ञों का कहना है कि शटडाउन खत्म होने के बाद भी विलंबित उड़ानों का बैकलॉग खत्म करने में समय लगेगा, क्योंकि कर्मचारियों की कमी और संचालन से जुड़ी दिक्कतें प्रणाली के लिए चुनौती बनी रहेंगी। देश भर के हवाई अड्डों को लगातार व्यवधान का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि संघीय गतिरोध का जल्द कोई समाधान नजर नहीं आ रहा है।